अमरीका ने ‘आयएस’ पर किए हमले पर हिजबुल्लाह की टीका

बैरूत: ‘अमरीका और मित्र देशों ने ‘आयएस’ पर हवाई हमले करना बंद नहीं किया, तो इसमें सीरिया के नागरिकों की बलि जाएगी’, ऐसा इशारा हिजबुल्लाह ने दिया है। ‘आयएस’ और हिजबुल्लाह में संघर्षबंदी हुई है, लेकिन अमरीका हवाई हमले करके यह संघर्षबंदी तोड़ने की कोशिश कर रहा है, ऐसी टीका हिजबुल्लाह कर रहा है। इसके साथ ही अमरीका के हवाई हमलों से ‘आयएस’ के वाहनों को बचाने के लिए पर्यायी रास्ता खाली करके देने के लिए हिजबुल्लाह राजी हुआ है।

लेबेनॉन स्थित शिया पंथियों की सशस्त्र संगठन, ऐसी हिजबुल्लाह की पहचान है, इस संगठन को ईरान की ओर से संपूर्ण समर्थन मिल रहा है, ऐसा पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया है। सीरिया में ‘हिजबुल्लाह’ के समर्थक अस्साद शासन बचाने के लिए सीरियन सैनिकों के साथ लड़ रहे थे। पिछले कुछ दिनों में ‘आयएस’ और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षबंदी होने की खबर आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर हिजबुल्लाह ने अमरीका ने  ‘आयएस’ पर किए हमलों का विरोध कर रहा है।

‘आयएस’ पर हवाई हमले

आयएस’ के करीब ३०० आतंकवादियों के साथ १७ बसें लेबेनॉन सीमा के पास ‘कालामौन’ इलाके से सीरिया की पूर्व में ‘देर अल-झोर’ के लिए रवाना हुई हैं। सीरिया का अस्साद शासन, हिजबुल्लाह ने ‘आयएस’ के इन वाहनों को सुरक्षित रास्ता उपलब्ध करके दिया था। लेकिन अमरीका ‘आयएस’ के वाहनों के रास्तों में रुकावट निर्माण कर रही है, ऐसा आरोप हिजबुल्लाह के अधिकृत मीडिया ने किया है।

अमरीका और मित्र देशों के लड़ाकू विमान ‘देर अल-झोर’ के रास्तों में हमला करके ‘आयएस’ को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसी टीका हुज्बुल्लाह कर रहा है। इन वाहनों में ‘आयएस’ के आतंकवादियों के साथ उनके परिवार वाले भी शामिल होने का दावा हिजबुल्लाह कर रहा है। इस लिए अमरीका ‘आयएस’ के वाहनों पर हवाई हमले बंद करे, ऐसी माँग हिजबुल्लाह कर रहा है। अमरीका ने हवाई हमले बंद नहीं किए तो इसमें कई लोगों की जान जाएगी। ऐसा हुआ तो ‘आयएस’ के साथ हुई संघर्षबंदी टूटेगी और सीरिया में संघर्ष की बड़ी चिंगारी भड़केगी, ऐसा दावा हिजबुल्लाह कर रहा है।

अगस्त माह के शुरुआत में हिजबुल्लाह ने लेबेनॉन-सीरिया के सीमा इलाके में ‘आयएस’ के खिलाफ संघर्ष छेड़ा था। इसमें लेबेनॉन सेना ने भी हिस्सा लिया था। कालामौन के पर्वतीय इलाकों को ‘आयएस’ से मुक्त करने के लिए हिजबुल्लाह ने यह संघर्ष शुरू किया था। दो से तीन हफ़्तों तक चले इस संघर्ष के बाद सीरिया के अस्साद शासन ने पहल करके ‘आयएस’ और हिजबुल्लाह के बीच संघर्षबंदी कराई थी।

इस संघर्षबंदी के तहत ‘आयएस’ ने अपहरण किए हुए लेबेनीज सैनिकों को आजाद किया और मारे गए सैनिकों की लाशें हिजबुल्लाह को सौंपी। इसके बदले में हिजबुल्लाह ने ‘आयएस’ को ‘देर अल-झोर’ तक सुरक्षित रास्ता उपलब्ध करके देने की बात मंजूर किया था। हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्ला ने इस संघर्षबंदी का स्वागत करके हिजबुल्लाह के लिए बड़ी जीत होने की घोषणा की थी। लेकिन लेबेनॉन स्थित हिजबुल्लाह के कुछ गुटों ने इस संघर्षबंदी पर नाराजगी जताई थी। अमरीका और इराक ने भी इस संघर्षबंदी पर जोरदार टीका की थी।

ऐसा होते हुए भी, ‘आयएस’ के साथ संघर्षबंदी के मुद्दे पर हिजबुल्लाह तटस्थ है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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