जोधपुर में होगा भारत-फ्रान्स की वायुसेना का पांच दिवसीय युद्धाभ्यास – रफायल विमानों का भी समावेश रहेगा

जोधपूर – भारत-फ्रान्स की वायुसेनाएं जोधपुर में पांच दिवसीय व्यापक युद्धाभ्यास करेंगी। इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे भारत के बेड़े में हाल ही में प्राप्त हुए फ्रेंच रफायल विमानों का भी समावेश रहेगा। इस वजह से यह युद्धाभ्यास बड़ी अहमियत रखता है। पहली बार किसी द्विपक्षीय युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के रफायल विमान शामिल हो रहे हैं। चीन के साथ तनाव है और देश के रक्षाबल किसी भी स्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स के साथ हो रहा यह युद्धाभ्यास काफी अहम साबित होगा।

भारत और फ्रान्स का रक्षा सहयोग बीते कुछ वर्षों में काफी मज़बूत हुआ है। भारत और फ्रान्स के बीच सालाना ‘गरुड़ा’ युद्धाभ्यास का आयोजन होता है। लेकिन, बुधवार से शुरू हो रहा यह युद्धाभ्यास हर वर्ष होनेवाले ‘गरुड़ा’ युद्धाभ्यास से अलग होगा, यह जानकारी संबंधित अधिकारी ने साझा की है। साथ ही दोनों देशों का सहयोग काफी मज़बूत होने के संकेत भी प्राप्त होने की बात इस अधिकारी ने रेखांकित की।

‘एक्स डेज़र्ट नाईट२१’ नामक इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल आठ ‘रफायल’ विमानों के साथ लड़ाकू ‘सुखोई-३० एमकेआय’ विमान भी शामिल होंगे। इसके साथ ही फ्रेंच वायुसेना के बेड़े में शामिल ‘रफायल’ विमान भी इस युद्धाभ्यास में उतरेंगे। इसके अलावा दोनों देशों के परिवहन विमान और टैंकर विमान भी इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहे हैं।

‘स्कायरॉस डेवलपमेंट’ के तहत एशिया में फ्रान्स की वायुसेना के विमान तैनात हैं। फ्रान्स के यही विमान जोधपुर में हो रहे युद्धाभ्यास में शामिल होंगे। एशिया में तैनात होने के लिए यह विमान उड़ान भरेंगे और भारतीय हवाई क्षेत्र में इन विमानों की यात्रा होने के दौरान इस विशेष युद्धाभ्यास का आयोजन होगा, यह बात वर्णित अधिकारी ने कही है।

भारत ने फ्रान्स से ३६ रफायल विमानों खरीदे हैं। इनमें से नौं विमान अब तक भारत को प्राप्त हुए हैं। साथ ही भारत को अधिक लड़ाकू विमानों की आवश्‍यकता है और इन अतिरिक्त विमानों की भारत के लिए आपूर्ति करने के लिए फ्रान्स उत्सुक है।

अमरीका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के ‘क्वाड’ नामक गठबंधन में शामिल होने के लिए फ्रान्स ने पहले ही उत्सुकता दिखाई थी। साथ ही इस मोर्चे में फ्रान्स को शामिल करने की गतिविधियां शुरू होने की खबरें भी प्राप्त हुई थीं। चीन के प्रभाव और अडियलता को रोकने के लिए तैयार हुए ‘क्वाड’ को ‘क्वाड प्लस’ में तब्दील किया जाएगा, ऐसा वृत्त था। इस पृष्ठभूमि पर फ्रान्स और भारत के बीच बढ़ रहा रक्षा सहयोग काफी अहमियत रखता है।

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