भारत-फ्रान्स की वायुसेनाओं का ‘डेझर्ट नाईट’ युद्धअभ्यास

जोधपुर – राजस्थान के जोधपुर में भारत और फ्रान्स की वायुसेनाओं का ‘डेझर्ट नाईट २०२१’ युद्धअभ्यास शुरू हुआ है। इस युद्धअभ्यास में वायुसेना के बेड़े में कुछ ही महीने पहले शामिल हुए ‘रफायल’ लड़ाक़ू विमानों का समावेश है। रफायल का प्रशिक्षण लेकर उसका इस्तेमाल करने की कुशलता वायुसेना के वैमानिकों ने अल्प-अवधि में ही आत्मसात की और अपनी क्षमता साबित की, ऐसा रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत ने कहा है।

बुधवार से राजस्थान के जोधपुर में भारत-फ्रान्स की वायुसेनाओं का युद्धअभ्यास शुरू गया होकर, रविवार तक यह अभ्यास जारी होगा। रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत इस अभ्यास के लिए उपस्थित थे। इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के रफायल, सुखोई-३० और मिराज विमान सहभागी हुए हैं। इनमें से, फ्रान्स से ही ख़रीदे रफायल लड़ाक़ू विमान, कुछ महीने पहले भारतीय वायुसेना में दाखिल हुए हैं। लेकिन वायुसेना के वैमानिकों ने अल्प-अवधि में ही इन विमानों की कुशलता आत्मसात की और अपनी क्षमता साबित की। रफायल के समावेश के कारण भारतीय वायुसेना दुनिया के अग्रसर हवाई बलों की श्रेणि में पहुँच चुकी है, ऐसा विश्‍वास इस समय जनरल रावत ने ज़ाहिर किया।

सन २००२ से भारत और फ्रान्स में हवाई अभ्यास का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस साल के अभ्यास में भारतीय वायुसेना के वैमानिकों की कुशलता अधिक स्पष्ट रूप से सामनी आयी। भारतीय वैमानिक किसी भी अत्याधुनिक विमान का बहुत ही कम समय में प्रशिक्षण लेकर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं, यह इससे साबित हुआ, ऐसा कहते हुए रक्षाबलप्रमुख ने उसपर सन्तोष व्यक्त किया। साथ ही, इस अभ्यास में सहभागी हुए फ्रान्स के ‘एमआरटीटी’ इस परिवहन करनेवाले बहुउद्देशीय विमान की रक्षाबलप्रमुख ने प्रशंसा की।

‘एमआरटीटी’ यह बहुउद्देशीय विमान होकर, इससे परिवहन हो सकता है, इससे हवा में ही अन्य विमानों में ईंधन भर सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर इस विमान का इमर्जन्सी अस्पताल जैसा इस्तेमाल किया जा सकता है, ऐसा जनरल रावत ने कहा। इस हवाई अभ्यास में भारतीय वायुसेना के सुखोई और मिराज विमानों में हवा में ही ईंधन भरने का काम ‘एमआरटीटी’ द्वारा किया गया, ऐसी जानकारी रक्षाबलप्रमुख ने दी। यहाँ पर हालाँकि ठेंठ ज़िक्र नहीं किया है, फिर भी इन विमानों की ख़रीद के लिए भारत उत्सुक होने के संकेत जनरल रावत के बयान से मिल रहे हैं।

इसी बीच, भारत और फ्रान्स का सामरिक तथा रक्षाविषयक सहयोग अधिक से अधिक दृढ़ बनता चला जा रहा है, यह इस हवाई युद्धअभ्यास से फिर एक बार स्पष्ट हुआ है। भारत फ्रान्स से और ३६ रफायल विमान खरीदने की तैयारी में होने की ख़बरें कुछ स्मय पहले सामने आयीं थीं। अधिकृत स्तर पर हालाँकि इस बारे में घोषणा नहीं हुई है, फिर भी भारतीय वायुसेना को प्रतीत हो रही लड़ाक़ू विमानों की कमी, रफायल जैसे अत्याधुनिक विमानों की संख्या बढ़कर दूर की जा सकती है, ऐसा वायुसेना के पूर्व अधिकारी बता रहे हैं।

भारत ने यदि सौ से अधिक रफायल विमानों की ख़रीद की, तो उसके लिए भारत में ही रफायल के निर्माण का प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी फ्रान्स ने दर्शायी है। इसके लिए रफायल के तंत्रज्ञान का हस्तांतरण करने के लिए फ्रान्स तैयार है। साथ ही, भारत में निर्माण किये जानेवाले रफायल के ७० प्रतिशत खुले पुर्जे भारत में ही तैयार किये जायेंगे, ऐसा प्रस्ताव फ्रान्स ने दिया है। उसीके साथ, भारत ने विकसित किये तेजस की अगली एडिशन के लिए फ्रान्स सहायता करने तैयार होने के भी दावे किये जा रहे थे।

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