भारत-फ्रान्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की हुई अहम चर्चा

नई दिल्ली – फ्रान्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इमैन्युएल बॉन भारत की यात्रा पर दाखिल हुए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल से चर्चा की और इस दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, युद्ध युद्ध, आतंकवाद विरोधी गतिविधियां, सायबर सुरक्षा, अफ़गानिस्तान की स्थिति एवं रफायल (एम) विमानों का मुद्दा सबसे आगे था। संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी को फ्रान्स का समर्थन होने का ऐओलान बॉन ने इस दौरान किया। वैश्विक स्तर पर शुरू गतिविधियां और यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर भारत और फ्रान्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की हुई चर्चा अहमियत रखती हैं, ऐसा भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा हैं।

भारत और फ्रान्स की रणनीतिक चर्चा का यह ३६ वां दौर था और इसके लिए भारत पहुंचे फ्रान्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। साथ ही इमैन्युएल बॉन प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात करेंगे, ऐसा वृत्त हैं। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी गतिविधियां और यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर भारत और फ्रान्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की हुई चर्चा अहमियत रखती हैं, ऐसा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा हैं। इस चर्चा के दौरान भारत और फ्रान्स के रणनीतिक सहयोग के सभी मुद्दों का समावेश था, यह दावा फ्रान्स के विदेश मंत्रालय ने किया हैं।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन भारत दौरे पर आएंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। फ्रान्स से भारत अपनी थलसेना और नौसेना के लिए रफायल विमान खरीदेगा। यह समझौता फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष की भारत यात्रा के दौरान होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। दोनों देशों की रणनीतिक भागीदारी के नज़रिये से यह सहयोग काफी अहम होगा। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में फ्रान्स के द्विप हैं और चीन की इस क्षेत्र में जारी बेलगाम हरकतों की वजह से इन द्विपों की सुरक्षा के लिए खतरा बना हैं। ऐसी स्थिति में इन द्विपों की सुरक्षा के लिए फ्रान्स भारत से सहयोग करने के लिए उत्सुकता दिखा रहा हैं। ऐसे में बायडेन प्रशासन ने अपनाई नीति के कारण चीन की आक्रामकता इस समुद्री क्षेत्र में अधिक ही बढ़ने की संभावना हैं। इस वजह से भारत और फ्रान्स के रणनीतिक सहयोग की अहमियता काफी बढ़ती है।

ऐसी स्थिति में फ्रान्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भारत यात्रा और चर्चा ध्यान आकर्षित करनेवाला मुद्दा बनता हैं। खास तौर पर रफायल लड़ाकू विमानों को लेकर दोनों देशों का विकसित हो रहा सहयोग एक ही समय पर अन्य सभी प्रमुख देशों की चिंता की वजह बना हैं। अमरीका, रशिया, ब्रिटेन यह देश भारत को लड़ाकू विमान प्रदान करने के लिए उत्सुक हैं और ऐसे में इस मोर्चे पर फ्रान्स को प्राप्त हुई सफलता इन देशों को चुभ रही हैं, यह दावा भी किया जा रहा हैं।

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