भारत और उज्बेकिस्तान ने किए नौ समझौतों पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली – भारत और उज्बेकिस्तान के बीच शुक्रवार के दिन नौं समझौते किए गए। प्रधानमंत्री मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष शावकत मिर्झियोयेव की वर्चुअल शिखर बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक के बाद ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, सायबर सुरक्षा से संबंधित नौं समझौते किए गए। इस समय भारत ने उज्बेकिस्तान को चार विकास प्रकल्पों के लिए ४४.८ करोड़ डॉलर्स कर्ज़ देने का ऐलान किया। इससे पहले वर्ष २०१८ में उज्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष की यात्रा के दौरान भारत ने उज्बेकिस्तान को एक अरब डॉलर्स कर्ज देने की सहायता का ऐलान किया था।

बीते कुछ वर्षों में भारत ने मध्य एशियाई देशों के साथ जारी सहयोग अधिक मज़बूत किया है। वर्ष २०१५ में भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के साथ पांचों मध्य एशियाई देशों की यात्रा करके भारत और मध्य एशियाई देशों के सहयोग का अध्याय शुरू किया था। इसके बाद मध्य एशियाई देश और भारत का सहयोग अधिकाधिक मज़बूत होता दिख रहा है। बुधवार के दिन हुई वर्चुअल बैठक में भारत और उज्बेकिस्तान का सहयोग अधिक मज़बूत करने का निर्णय हुआ। इसके लिए दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का तय किया।

उज्बेकिस्तान के साथ सहयोग अधिक मज़बूत करने के लिए भारत उत्सुक है। इसके लिए उज्बेकिस्तान में होनेवाले कई विकास प्रकल्पों की सहायता के लिए कर्ज प्रदान करने पर विचार कर रहे हैं, यह बयान प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया। साथ ही दोनों देशों में रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के सहयोग का दाखिला देते समय यह क्षेत्र अगले दिनों में दोनों देशों के सहयोग का मज़बूत आधार साबित होंगे, यह बात भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान रेखांकित की। दोनों देशों के रक्षाबलों का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हुआ है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके प्रधानमंत्री मोदी ने भारत अपने अनुभव का लाभ उज्बेकिस्तान को देने के लिए तैयार है, ऐसा कहा।

इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री और उज्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि, किसी भी तरह के आतंकवाद का निषेध व्यक्त करते समय आतंकियों के आश्रयस्थान नष्ट किए जाने चाहिएं। उन्हें आर्थिक सहायता और सुविधा प्रदान करनेवालों के खिलाफ एकसाथ खड़ा होना होगा। साथ ही इस दौरान दोनों देशों ने अफ़गानिस्तान में बनी स्थिति पर भी बातचीत की।

अफ़गानिस्तान में शांति और स्थिरता होना इस पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए आवश्‍यक है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। साथ ही बीते दो दशकों में अफ़गानिस्तान के मोर्चे पर जो कामयाबी हासिल की है वह सुरक्षित रखनी होगी, यह बात प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रेखांकित की। दोनों देशों के नेताओं के संयुक्त निवेदन में भी इसका ज़िक्र किया गया है। साथ ही भारत और उज्बेकिस्तान में निवेश संबंधित समझौते को जल्द ही अंतिम स्वरूप दिया जाएगा, यह बात भी स्पष्ट की गई है।

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