भारत में ‘एफडीआय’ ने ५०० अरब डॉलर्स का स्तर पार किया – बीते ढ़ाई वर्षों में ढ़ाई सौ अरब डॉलर्स निवेश हुआ

नई दिल्ली – बीते बीस वर्षों में भारत ने ५०० अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ का ऐतिहासिक स्तर पार किया हैं। भारतीय रुपये में ‘एफडीआय’ की यह रकम करीबन ३७ लाख करोड़ रुपये हैं। इतनी बड़ी मात्रा में ‘एफडीआय’ आकर्षित करने में भारत कामयाब हुआ हैं। खास तौर पर वर्ष २०१५-१६ के बात भारत में हुए ‘एफडीआय’ में बड़ा उछाल दिखाई दिया हैं। बीते पांच वर्षों में देश ने हर वर्ष ४० अरब डॉलर्स से भी अधिक ‘एफडीआय’ प्राप्त किया हैं। वही, वर्ष २०१९-२० के आर्थिक वर्ष में भारत ने ५० अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ प्राप्त किया था। ऐसें में मौजूदा आर्थिक वर्ष के पहले छह महीनों में भारत में ३० अरब डॉलर्स विदेशी निवेश हुआ हैं, यह ऐलान हाल ही में किया गया था।

india-fdi‘डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ॲण्ड इंटर्नल ट्रेड’ (डीपीआयआयटी) ने जारी किए आँकड़ों केअनुसार वर्ष २००० के सितंबर से २०२० तक भारत ने ५००.१२ अरब डॉलर्स निवेश प्राप्त किया हैं। सबसे अधिक अधिक ‘एफडीआय’ मॉरिशस से प्राप्त हुआ हैं। मॉरिशस के ज़रिये प्राप्त हुए ‘एफडीआय’ की मात्रा सबसे अधिक २९ प्रतिशत हैं, यह बात ‘डीपीआयआयटी’ ने साझा की हुई जानकारी से स्पष्ट हो रही हैं।

मॉरिशस के बाद भारत में हुआ ‘एफडीआय’ का २१ प्रतिशत निवेश सिंगापूर के ज़रिये हुआ हैं। इसके साथ ही अमरीका, जापान और नेदरलैण्ड से ७ प्रतिशत और ब्रिटेन से हुआ निवेश भारत में हुए ‘एफडीआय’ में ६ प्रतिशत हिस्सा रखता हैं। मॉरिशस से कुल १०६ अरब डॉलर्स और सिंगापूर से १०६ अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ भारत ने प्राप्त किया हैं। इसके अलावा जर्मन, सायप्रस, फ्रान्स से भी भारत में भारी मात्रा में निवेश हुआ हैं।

वर्ष २०१५-१६ के आर्थिक वर्ष से भारत में हो रहे ‘एफडीआय’ में काफी बढ़ोतरी हुई हैं। वर्ष २०१५-१६ में भारत ४० अरब डॉलर्स का ‘एफडीआय’ आकर्षित करने में कामयाब हुआ था। इससे पहले के आर्थिक वर्ष की तुलना में इस निवेश में ३५ बढ़ोतरी देखी गई थी। इसके बाद २०१६-१७ में ४३.५ अरब डॉलर्स, २०१७-१८ में ४४.८५, २०१८-१९ में ४४.३७ अरब डॉलर्स और वर्ष २०१९-२० के आर्थिक वर्ष में देश में ५० अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ हुआ हैं। इसके अनुसार बीते कुछ वर्षों में भारत ने २२२ अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ आकर्षित किया हैं। ऐसें में मौजूदा आर्थिक वर्ष के पहले छह महीनों में भारत में ३० अरब डॉलर्स ‘एफडीआय’ हुआ हैं और इसके साथ ही बीते ढ़ाई वर्षों में देश में २५० अरब डॉलर्स से भी अधिक ‘एफडीआय’ दाखिल होने की बात स्पष्ट होती हैं।

सेवा क्षेत्र, कंप्युटर सॉफ्टवेअर एवं हार्डवेअर, दूरसंचार, वाहन, निर्माण क्षेत्र, रासायन, औषधि क्षेत्र में सबसे अधिक ‘एफडीआय’ आकर्षित हुआ हैं।

वर्ष १९९९ में देश में ‘फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट’ (फेमा) कानून लाया गया था। पुराने ‘फेरा’ कानून के स्थान पर इसे लाया गया था। तभी से भारत में ‘एफडीआय’ के लिए दरवाज़े खोले गए थे, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना हैं। बीते २० वर्षों में आधे ट्रिलियन डॉलर्स ‘एफडीआय’ का भारत में निवेश होने की बात भारत के लिए विदेशी निवेशकों की प्राप्त हो रही बड़ी पसंती रेखांकित करती हैं, यह भी विश्‍लेषकों का कहना हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.