भारत और मालदीव ने किए चार समझौतों पर हस्ताक्षर

माले – भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला मालदीव का दौरा कर रहे हैं। उनके इस दौरे में भारत और मालदीव ने सोमवार के दिन ‘ग्रेटर माले कनेक्टिव्हिटी प्रोजेक्ट’ (जीएमसीपी) समेत चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। मालदीव के लिए भारत उत्तम मित्र और अमुल्य भागीदार हैं, यह बयान करके मालदीव के विदेशमंत्री ने भारत की अहमियत रेखांकित की। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के मालदीव के साथ बढ़ रहा यह सहयोग चीन को बेचैन कर रहा है।

india-maldives-agreementभारत की सहायता से हो रहा ‘जीएमसीपी’ प्रकल्प मालदीव की अर्थव्यवस्था को नई गति देनेवाला साबित होगा। ‘जीएमसीपी’ के तहत मालदीव में बंदरगाह, सड़क, हवाईअड्डा और मत्स्य क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। यह प्रकल्प मालदीव की राजधानी माले को विलंगिली बंदरगाह से जोड़ेगा। इस प्रकल्प के लिए भारत ने मालदीव को १० करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता प्रदान करने का ऐलान किया है। मालदीव की बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्रों के विकास के लिए यह प्रकल्प बड़ा अहम साबित होगा।

इसके अलावा खेल, हाय इम्पैक्ट कम्युनिटी डेव्हलपमेंट स्किम (एचआयसीडीपी) के तहत दोनों देशों ने तीन समझौते किए। इन समझौतों के अन्तर्गत मालदीव में कृषि अनुसंधान केंद्र का निर्माण भारत कर रहा है। साथ ही क्रीड़ा क्षेत्र में सहयोग करने के लिए भारत और मालदीव ने समझौता किया। इससे भारत और मालदीव में विकास की साझेदारी मज़बूत हुई है, ऐसा भारतीय विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा। भारत की ‘नेबरहूड फर्स्ट’ नीति के तहत भारत के लिए मालदीव नज़दिकी मित्र है, यह बात भी श्रृंगला ने रेखांकित की।

इसी बीच कोरोना के संकट काल में भारत ने मालदीव को २५ करोड़ डॉलर्स की आर्थिक सहायता घोषित की थी। कठिन काल में भारत ने किए इस सहयोग पर मालदीव ने भारत का शुक्रिया अदा किया था। चीन के कर्ज के चंगुल में फँसे मालदीव की अर्थव्यवस्था संकट में है। इससे बाहर नहीं निकले, तो अपनी स्थिति भी श्रीलंका जैसी होगी, यह ड़र मालदीव को सता रहा है। ऐसी स्थिति में भारत और मालदीव का बढ़ता सहयोग ध्यान आकर्षित कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.