विदेशी कंपनियों को भारत में ‘सैटेलाइट लौंचर’, ‘ग्राउंड़ स्टेशन’ का निर्माण करना संभव होगा – इस्रो प्रमुख के.सिवन

बंगलुरू – भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र की विदेशी कंपनियों को निवेश करने के लिए एवं यहां पर अपने ‘ग्राउंड़ स्टेशन’ निर्माण करने की अनुमति दी जा सकती है, यह संकेत इस्रो प्रमुख और भारत के अंतरिक्ष विभाग के सचिव के.सिवन ने दिए हैं। भारत की नई अंतरिक्ष नीति तैयार हो रही है। इससे संबंधित कुछ मुद्दों का ऐलान महीने पहले किया गया था और जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुला किया जाएगा, यह घोषणा भी की गई थी। अब विदेशी कंपनियों को भी इस क्षेत्र में निवेश करने की अनुमति देने की एवं उन्हें अपनी सुविधाओं का निर्माण करने देने का प्रस्ताव है और यह प्रस्ताव जल्द ही देश की नई अंतरिक्ष नीति का हिस्सा होगा, यह ऐलान के.सिवन ने एक साक्षात्कार के दौरान किया।

isro-ground-stationदेश की नई अंतरिक्ष नीति की वजह से ना ही सिर्फ निजी क्षेत्र, बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए भी इस क्षेत्र में निवेश के दरवाज़े खुलेंगे। विदेशी कंपनियां भारत में अपने ‘ग्राउंड़ स्टेशन’ का निर्माण कर सकेंगी, सैटेलाइट एवं सैटेलाइट लौंचर्स का निर्माण करने की सुविधा स्थापित कर सकेंगी। साथ ही जब तक कोई विदेशी कंपनी देश में निवेश करती है तब तक उस कंपनी को अपने देश के स्पेस पोर्ट्स का भी इस्तेमाल करना मुमकिन रहेगा, यह बयान इस्रो प्रमुख के.सिवन ने किया है।

तैयार हो रही देश की नई अंतरिक्ष नीति में यह एक साहसी निर्णय होगा। इससे संबंधित मुद्दों पर काम जारी है और यह प्रस्ताव जल्द ही नई नीति का हिस्सा होगा। इस वजह से भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी किए बगैर भी विदेशी कंपनियां देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश कर सकेंगी, यह जानकारी के.सिवन ने साझा की है। साथ ही भारतीय कंपनियों को भी विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करना संभव होगा, यह बात के.सिवन ने स्पष्ट की।

ksivan-isroअंतरिक्ष क्षेत्र के निवेश का मुद्दा काफी संवेदनशील है। इस वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देकर ‘गाईडलाईन’ तय की जाएगी। इसका पालन करने के लिए विदेशी कंपनियां कटीबद्ध रहेंगी। नीति तय होने के बाद हरएक निवेश का प्रस्ताव अलग अलग संभाला जाएगा, यह बयान भी के.सिवन ने किया। निजी क्षेत्र के लिए भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र खुला करने का ऐलान करने के बाद कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। कुछ विदेशी कंपनियों ने भी रूचि दिखाई है, यह बात के.सिवन ने कही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.