यूरोपीय महासंघ के सदस्यों में राजनीतिक गृहयुद्ध – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैक्रोन का इशारा

पैरीस: यूरोप में राष्ट्रवादी विचारधारा को मिल रही सफलता पर चिंता व्यक्त करके फ्रान्स के राष्ट्रपतिने यूरोपीय महासंघ में राजनीतिक गृहयुद्ध भड़कने का इशारा दिया। महासंघ में सदस्य देशों में हुकुमशाही एवं संकीर्ण प्रवृत्ति को बल मिल रहा है और उसे प्रत्युत्तर देने के लिए जनतंत्रवाद प्रबल करना उसका भाग है, ऐसा फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन ने सूचित किया है। यूरोप में पिछले वर्ष पोलैंड, ऑस्ट्रिया, इटली एवं हंगेरी जैसे देशों में राष्ट्रवाद का पुरस्कार करनेवाले गटो को सत्ता मिली है और जर्मनी जैसे प्रमुख देशों को भी दाए राष्ट्रवादी गट का जनाधार बढ़ता जा रहा है, इस बात पर मैक्रोन ने चिंता व्यक्त की है।

स्ट्रासबर्ग में यूरोपीय संसद के उद्देश्य किए भाषण में राष्ट्राध्यक्ष मैक्रोन यूरोप के बाएं एवं राष्ट्रवादी गट पर जोरदार टीका की है। यूरोप में फिलहाल मतभेद एवं संदेह के जाल फैलता दिखाई दे रहा हैं। यूरोप को एकजुट करनेवाले घटको में स्वार्थी हितसंबंधों को अधिक महत्व दिया जा रहा है और गृहयुद्ध भड़कने की तरह स्थिति निर्माण हुई है, ऐसा फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने कहा है। संकीर्ण विचारधारा का पुरस्कार करनेवाला यूरोप आकर्षित होता दिखाई दे रहा है और यह दिलचस्पी लगातार बढ़ती जा रहा है, ऐसी शिकायत उस समय मैक्रोन ने की है।

आनेवाले समय में यूरोपीय जनता ने अपने आदर्श का रक्षण करने के लिए संघर्ष करना चाहिए, ऐसा आवाहन फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने किया है। राष्ट्रवाद की घातक प्रवृत्ति यूरोपिय खंड को गहरी खाई में धकेल कर रहेगी एवं उससे हम स्वतंत्रता गवां बैठेंगे ऐसा कहकर उन्होंने यूरोप में मूलभूत हक्क का आदर करनेवाला उदारमतवादी जनतंत्रवाद चाहिए ऐसी आग्रही भूमिका ली है। यूरोप में फिलहाल आसपास मे हुकुमशाही प्रवृत्ति बढ़ती दिखाई दे रही है और उसे प्रत्युत्तर देने के लिए जनतंत्रवादी का नियंत्रण चाहिए ऐसे शब्दों में फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने जनतंत्रवादी व्यवस्था का जोरदार समर्थन किया है।

इस दौरान मैक्रोन ने कहा की, ‘हम हुकुमशाही के सामने आगे चलकर अपनी गर्दन नहीं झुकाएंगे और यूरोप के सार्वभौमत्व के लिए लड़नेवाले पीढ़ी का हिस्सा बनेंगे ऐसा आश्वासन भी उन्होंने दिया है। फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने राष्ट्रवादी विचारधारा पर किए टीका का महासंघ से प्रमुख जॉन क्लौड जंकर ने स्वागत किया है। पर यूरोपीय संसद में फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष के विधान पर संसद सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की है। यूरोपीय नेताओं ने यूरोपियन नागरिकों में अच्छा एवं बुराई फर्क करने का प्रयत्न न करें ऐसे शब्दों में संसद सदस्य मैन्फ्रेड वेबर ने राष्ट्राध्यक्ष को फटकारा है।

यूरोप में शरणार्थियों की बढ़ती घुसपैठ एवं महासंघ में चुनिंदा देशों से पूर्ण खंड पर नियंत्रण रखने का तथा सत्ता में लाने का प्रयत्न इन बातों को जबरदस्त विरोध हो रहा है। ब्रेग्जिट के निर्णय ने इस बारे में प्रक्रिया को गति मिल रही है और उसके राजनीतिक स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ती दिखाई दे रही है। महासंघ में अग्रणी के देश के तौर पर पहचाने जानेवाले जर्मनी, फ्रान्स और इटली जैसे सदस्य देशों में राष्ट्रवाद एवं बायें विचारधारा का प्रभाव बढता दिखाई दे रहा है।

पोलैंड, हंगेरी, ऑस्ट्रिया इन देशों में राष्ट्रवाद का पुरस्कार करने वाले राजनीतिक दल सत्ता पर होकर, उन देशों ने शरणार्थी तथा महासंघ के एकतरफा नियंत्रण इन बातों को जोरदार विरोध हो रहा है। इन देशों को मिलने वाले समर्थन की वजह से महासंघ में अस्वस्थता बढ रही है और इस दौरान जर्मनी एवं प्रांत से विरोध मैं मुहिम शुरू हुई है। जिसकी वजह से यूरोपीय महासंघ एवं यूरोप के उजागर तौर पर टुकड़े होने की गहरी आशंका विश्लेषकों से जताई जा रही है और मैक्रोन यह डर अलग शब्दों में प्रस्तुत करते दिखाई दे रहे है।

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