यूरोप द्वारा शरणार्थियों के मसले पर संचालित नीति जरुरी जर्मनी और फ्रान्स की गुहार

जर्मनी और फ्रान्स द्वारा गुहार लगायी गयी है कि, यूरोप में आ रहे शरणार्थियों का मसला हर दिन जटिल होता जा रहा है, अतः उसका मुकाबला करने के लिए सभी यूरोपीय देशों को एकजूट होकर जवाब देना जरुरी है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन में चैन्सेलर अँजेला मर्केल तथा फ्रान्स के राष्ट्रपति फ्रँकोईस हॉलांदे में हुई विशेष बैठक के बाद यह  जानकारी दी गई। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने भी सलाह दी है कि, यूरोप द्वारा शरणार्थियों के लिए विस्तृत और सुसंगत नीति तैयार करने की जरुरत है।

Eu Migrant problem

पिछले कई हफ्तों से यूरोप में बडी मात्रा में शरणार्थियों तथा प्रवासियों का आगमन हो रहा है। ‘यूरोस्टॅट’ नामक संस्था ने दी जानकारी के अनुसार, जुलाई महीने में आफ्रीका तथा एशियाई देशों से करीब एक लाख से भी ज्यादा शरणार्थी यूरोप में दाखिल हो चुके है। यूरोपीय देश इतने बडी मात्रा में आ रहें शरणार्थियों की व्यवस्था करने में असफल दिखाई पड रहे है। ऐसे में यूरोप के प्रमुख देश रहें जर्मनी तथा फ्रान्स द्वारा इस समस्या  का हल ढूँढने के लिए प्रयास शुरु हुए है। जर्मनी में दो देशों के प्रमुखों के बीच हुई चर्चा इन्ही प्रयासों का हिस्सा है।

सोमवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में चॅन्सेलर अँजेला मर्केल और फ्रेंच राष्ट्रपति फ्रँकोईस हॉलांदे के बीच बैठक हुई। इस बैठक में यूरोप के शरणार्थियों के मसले पर वार्तालाप को प्राधान्य दिया गया। वार्तालाप के बाद लिए गये संवाददाता सम्मेलन में दोनो नेताओं द्वारा गुहार लगाई गयी कि, शरणार्थियों के समस्या पर पूरा यूरोप एकजूट होकर जवाब दे।

जर्मन चैन्सेलर मर्केल ने कहा कि,‘जर्मनी और फ्रान्स को उम्मीद है कि, यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देश शरणार्थियों के मामले पर बनाये गये कानूनों का पालन करेंगे। सदस्य देश नियमों पर ज्यादा जोंर न देते हुए शरणार्थियों की समस्या हल करने के लिए महत्त्व देंगे। यूरोपीयन कमिशन इस मामले में सदस्य देशों पर दबाव डाल सकता है। इस वक्त यूरोप के सभी सदस्य देश शरणार्थियों के मसले पर समान जिम्मेदारी नही उठा रहे है।’

फ्रेंच राष्ट्रपति हॉलांदे ने बताया कि, इस वक्त शरणार्थियों का सबसे ज्यादा हिस्सा जर्मनी में जाता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, शरणार्थियों की जिम्मेदारी सिर्फ एक देश पर डाली नही जा सकती और इसका परिणाम भुगतनेवाले सभी देश यह जिम्मेदारी उठायें। राष्ट्रपति हॉलांदे ने शरणार्थियों की वजह से यूरोप के विभिन्न हिस्सों में पैदा हो रहे तनाव की ओर भी अपना निर्देश किया।

जर्मनी और फ्रान्स से आयी गुहार के साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंगठन ने भी यूरोप को सलाह दी है कि, वह शरणार्थियों पर एक विस्तृत नीति तैयार करे। संयुक्त राष्ट्रसंगठन के विशेष दूत फ्रँकोईस क्रेपे ने कहा कि, गतिशीलता को केंद्रस्थान पर रखते हुए शरणार्थियों के लिए विस्तृत तथा सुसंगत नीति तैयार की जाए। उन्होंने आगे कहा कि घेरा बांधना, हिंसक रुप की कारवाई तथा डराने-धमकाने से शरणार्थी यूरोप में आने से नही रुकनेवाले है। क्रेपे ने बताया कि, यूरोपीय देशों द्वारा शणार्थियों के लिए विभिन्न अधिकृत माध्यम तथा रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश होनी चाहिए।

दूसरी ओर जर्मनी में हेडनौ सिटी में शरणार्थियों के खिलाफ स्थानिक लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किये। इन प्रदर्शनों के बीच एक गुट ने शरणार्थियों को लानेवाली बस पर पत्थर फेंकने की घटना सामने आयी है। इस वक्त प्रदर्शनकारियों के एक गुट और पुलिस में हुई मुठभेंड में 31 पुलिस जखमी हुए है। जर्मन चैन्सेलर तथा अन्य राजनीतिक नेताओं द्वारा इस घटना की तीव्र निंदा की गई है।

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