यूरोप की सीमा सुरक्षित रखने के लिए ‘शेन्गेन’ समझौते का पुनर्गठन करें – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन की माँग

पैरिस – फ्रान्स और ऑस्ट्रिया में एक के बाद एक हुए आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि पर यूरोप की सीमा सुरक्षित रखने के लिए ‘शेन्गेन’ समझौते का पुनर्गठन करने की माँग फ्रान्स के राष्ट्रध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने बड़ी तीव्रता से रखी है। फ्रान्स के नीस में हमला करनेवाला आतंकी इटली से फ्रान्स पहुँचा था। तभी ऑस्ट्रिया में हमला करनेवाले आतंकी ने स्लोवाकिया जाकर हथियार प्राप्त किया था, यह जानकारी सामने आयी है। यूरोप में ‘शेन्गेन’ योजना की वजह से एक देश से दूसरे देश में आसानी से यात्रा करना संभव हुआ है और इस वजह से आतंकियों को आसानी से हमले करना संभव होता दिख रहा है। इसी कारण फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने रखी माँग ध्यान आकर्षित कर रही है।

यूरोप में बीते दो महीनों में पांच आतंकी हमले हुए हैं और इसमें फ्रान्स में चार और ऑस्ट्रिया में हुए एक हमले का समावेश है। यह हमले करनेवाले आतंकी शरणार्थी होने की बात जाँच से स्पष्ट हुई है। बीते पांच वर्षों में यूरोप में हुए अधिकांश आतंकी हमलों में भी शरणार्थियों का ही समावेश होने की बात स्पष्ट हुई थी। यूरोप में घुसपैठ करनेवाले शरणार्थी एवं शरणार्थियों में शामिल होकर प्रवेश कर रहे आतंकियों को रोकने के लिए सीमा पर सुरक्षा मज़बूत करने की माँग लगातार हो रही है। इसमें यूरोपिय महासंघ की नींव समझी जा रही ‘शेन्गेन’ योजना बंद करने की माँग का भी समावेश है। लेकिन, जर्मनी के साथ कुछ प्रमुख देशों ने इस माँग का विरोध किया था।

फ्रान्स और ऑस्ट्रिया में हुए हमलों के बाद स्थिति में बदलाव होने की बात फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने रखी माँग से दिख रही है। ‘शेन्गेन’ योजना का पुनर्गठन करना आवश्‍यक है। पूरी प्रणाली में बदलाव करके यूरोप की सीमा पर सुरक्षा अधिक मज़बूत करना अहम है। अगले महीने में हो रही महासंघ की बैठक में फ्रान्स इससे संबंधित प्रस्ताव रखेगा, ऐसा मैक्रॉन ने कहा है। यूरोप की बाहरी सीमाओं पर सुरक्षा के लिए प्रभावी सिक्युरिटी पुलिसफोर्स तैनात करने की आवश्‍यकता है, यह बात भी उन्होंने कही। इस दौरान मैक्रॉन ने फ्रान्स अपनी सीमा पर तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी करेगा, यह जानकारी भी साझा की है। फ्रान्स की सीमा पर फिलहाल २,४०० सैनिक तैनात हैं और इसे ४,८०० तक बढ़ाया जाएगा, यह मैक्रॉन ने कहा। फ्रान्स ने कुछ दिन पहले ही देश के अलग अलग हिस्सों में तैनात लष्करी सैनिकों की संख्या भी सात हज़ार तक बढ़ाने के संकेत दिए थे।

कट्टरपंथीयों के आतंकवाद का मुकाबला करने के दौरान सीमा पर शरणार्थियों की तस्करी करनेवालों के नेटवर्क के विरोध में भी संघर्ष करना होगा। इस नेटवर्क के आतंकवाद और आतंकियों से भी संबंध है, इस ओर फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने ध्यान आकर्षित किया। फ्रान्स ने बीते कुछ दिनों में कट्टरतावादियों के विरोध में व्यापक कार्रवाई शुरू की है और कई गुटों की पुछताछ शुरू की है। कुछ संदिग्धों की गिरफ्तारी भी की गई है और २०० से अधिक विदेशी नागरिकों को देश बाहर निकालने का ऐलान भी किया गया है।

वर्ष २०१५ से यूरोप में बड़ी संख्या में शरणार्थियों के झुंड़ घुसपैठ कर रहे हैं। इस पर नियंत्रण पाने में यूरोपिय देश पूरी तरह से नाकाम हुए हैं। इस नाकामी के काफी बड़े सामाजिक और सियासी परिणाम यूरोपिय देशों में दिखाई दिए हैं। कुछ महीने पहले ही तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने यूरोप की सीमा पर करोड़ों शरणार्थी जा टकराएंगे, यह धमकी भी दी थी।

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