शरणार्थियों की घुसपैठ रोकने के लिए फ्रान्स में यूरोप की आक्रामक गट की बैठक

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निस – यूरोप में घुसने वाले शरणार्थियों के विरोध में असंतोष अधिक से अधिक तीव्र होता जा रहा है और असंतोष का प्रतिनिधित्व करनेवाले राजनैतिक गट को साथ लाने की गतिविधियां शुरू हुई है। फ्रान्स के नेशनल फ्रंट पक्ष के नेता मरीन ली पेन ने इसके लिए पहल की है। पिछले ७ महीने में जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी एवं इटली इन प्रमुख देशों में हुए चुनाव में शरणार्थियों के विरोध में भूमिका लेने वाले आक्रामक गटो को अच्छी सफलता मिली थी। इस पृष्ठभूमि पर आनेवाले वर्ष में होनेवाले यूरोपीय संसद के गट में इस सफलता को फिर से लाने का उद्देश्य रखते हुए बैठक का आयोजन करने की बात कही जा रही है।

मंगलवार को हुए इस बैठक में फ़्रांस के साथ ऑस्ट्रिया, बल्गेरिया, बेल्जियम, चेक रिपब्लिक, नेदरलैंड, पोलैंड जैसे देशों में राष्ट्रवादी एवं आक्रामक गट के नेता तथा राष्ट्र प्रतिनिधि उपस्थित थे। इटली लीग पक्ष के प्रमुख मैटियो सल्व्हिनी ने वीडियो द्वारा संदेश भेजकर ली पेन ने शुरू किए प्रयत्नों को अपना समर्थन होने की बात स्पष्ट की है। नेदरलैंड के गिर्द विल्डर्स कुछ अनापेक्षित वजहों से इस बैठक में उपस्थित नहीं रह सके ऐसा आयोजकों ने स्पष्ट किया है।

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यूरोप यह एक अच्छी संकल्पना है, पर यूरोपीय महासंघ इस संकल्पना की हत्या कर रहा है। यूरोप में बदलाव लाना एवं उसके लिए बहुमत प्राप्त करना संभव है। ऐतिहासिक विजय प्राप्त करना यह हमारी जिम्मेदारी होगी, ऐसे शब्दों में फ्रान्स के मरीन ली पेन में आने वाले वर्ष यूरोपीय संसद के चुनाव में आक्रामक गट साथ आने के संकेत दिए हैं। फिलहाल यूरोपीय संसद में यूरोप ऑफ नेशंस एंड फ्रीडम नाम का गट सक्रिय होकर उस में ३६ सदस्य हैं।

७५५ जगह होने वाले यूरोपीय संसद में आक्रामक राष्ट्रवादी गट को बहुमत प्राप्त करना फिलहाल असंभव है, ऐसा विश्लेषकों का दावा है। पर यूरोप में प्रमुख देशों के शरणार्थियों के घुसपैठ के विरोध में बढ़ता असंतोष एवं महासंघ के धारणाओं के विषय में होनेवाली नाराजगी लगातार बढ़ने का चित्र दिखाई दे रहा है। उसमें अमरिका में डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में मिली जीत, ब्रेग्जिट और ऑस्ट्रिया, हंगरी जैसे देशों में शरणार्थियों के विरोध करनेवाले गट का सत्ता पर आना ध्यान केंद्रीय करने वाला ठहरा है।

पिछले वर्ष जनवरी महीने में ट्रम्प इनके चुनाव के बाद जर्मनी के कोब्लेंझ शहर में यूरोप में आक्रामक गट की विशेष बैठक हुई थी। उसके बाद विविध यूरोपीय देशों में इस गट को मिली सफलता देखते हुए ली पेन इन के नेतृत्व में हुई बैठक यूरोपीय संसद में बदलाव लाने के लिए बहुमूल्य भूमिका निभायेगी ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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