क्रुड ऑईल के दामों में हुई गिरावट के बाद रशिया और ‘ओपेक’ के बीच देखें गए मतभेद

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मास्को/रियाध – चीन से फैलीकोरोना व्हायरसकी महामारी की पृष्ठभूमि पर क्रुड ऑईल के दामों में ऐतिहासिक गिरावट शुरू हुई है| शुक्रवार के दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल ५० डॉलर्स के स्तर से भी कम हुए और यह पीछले तीन वर्षों का सबसे नीचला स्तर समझा जा रहा है| इस गिरावट की पृष्ठभूमि पर तेल उत्पाद करनेवाले देशों में उत्पाद की मात्रा कम करने के विषय पर बातचीत हो रही है| तेल उत्पाद करनेवाले देशों की प्रमुख संगठनओपेकने इस मुद्दे पर सकारात्मक भूमिका अपनाई है और ऐसे में रशिया ने दाम करने के मुद्दे पर संदिग्धता दिखाई है|

शुक्रवार के दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रुड का दाम प्रति बैरल ४८.४० डॉलर्स तक गिरें थे| यह स्तर जुलै २०१७ के बाद सबसे नीचला स्तर समझा जा रहा है| अमरिका में भी क्रुड के दामों में गिरावट हुई है और इस दौरान अमरिकी बाजार में क्रुड का दाम प्रति बैरल ४५ डॉलर्स से भी कम हुआ है| चीन में फैली महामारी के कारण पिछले दो महीनों में ईंधन के दामों में २० प्रतिशत से भी अधिक गिरावट हुई है और अगले दिनों में भी यह गिरावट बरकरार रहने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है| अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने साझा की जानकारी के अनुसार ईंधन की मांग में भी लगभग पांच प्रतिशत से भी अधिक गिरावट हुई है| अकेले चीन में ईंधन की मांग में प्रति दिन ३० लाख बैरल्स की गिरावट होने की बात कही जा रही है

इस पृष्ठभूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख ईंधन उत्पादक देशों नें उत्पाद कम करने के मुद्दे पर बातचीत शुरू की है| इससे पहले ईंधन का उत्पाद कम करने के मुद्दे पर किए गए समझौते का कार्यकाल मार्च के आखिरी दिनों में खतम हो रहा है| ऐसे में नए से उत्पाद कम करने के बारे में इसी सप्ताह मेंओपेकऔर रशिया की बैठक होनी है| ‘ओपेकके प्रमुख सदस्य सौदी अरब ने ईंधन उत्पाद प्रति दिन १० बैरल्स कम करने का प्रस्ताव सामने लाया है| पर, रशिया ने अलग भूमिका अपनाने की बात सामने रही है|

रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने वर्तमान के ईंधन के दाम रशियन अर्थव्यवस्था के लिए ठिक होंगे, यह बयान किया है| इससे रशिया और कम करने के लिए तैयार ना होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है| दुसरी ओर सौदी अरब ने ईंधन उत्पाद कम करने के मुद्दे पर डटकर भूमिका अपनाकर रशिया ने साथ किया तो सहमति से नही तोओपेकस्वयं ही ईंधन उत्पाद कम करने के निर्णय पर अमल शुरू करेगा, ऐसा आक्रामक बयान किया है| इससे क्रुड उत्पाद के मुद्दे परओपेकऔर रशिया के बीच मतभेद होना शुरू हुए है, यह बात स्पष्ट हो रही है|

इससे पहले क्रुड के दाम प्रति बैरल ३० डॉलर तक जा पहुंचे थे, तब रशिया ने पहल करके उत्पाद कम करने के मुद्दे पर समझौता करने के लिए प्राथमिकता दिखाई थी| पर, अब रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने किए बयान से उनकी नीति में बदलाव होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

इसी बीच, ‘कोरोना व्हायरसकी महामारी की पृष्ठभूमि पर ईंधन क्षेत्र में हुए निवेश को वर्ष २०२० में करीबन ३० अरब डॉलर्स का नुकसान उठाना हो सकता है, ऐसा इशारारायस्टैड एनर्जीनामक अंतरराष्ट्रीय गुट ने दिया है|

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