ईंधन उत्पाद में कटौती करने के मुद्दे पर रशिया और सौदी में सहमति – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरमास्को: व्यापार युद्ध, मांग की तुलना में होनेवाला बढ़ता प्रदाय एवं ईरान मुद्दे पर बने तनाव की वजह से ईंधन बाजार में समीकरण बदलने के संकेत विश्‍लेषकों से दिए जा रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर रशिया एवं सौदी अरब ने फिर एक बार ईंधन का उत्पादन कम करने के मुद्दे पर सहमति दिखाई है| आनेवाले लगभग छह से नौ महीनों में ईंधन का उत्पादन कम करने पर दोनों देशों की तैयारी हुई है और इस हफ्ते में होनेवाले ‘ओपेक’ की बैठक में इस निर्णयपर मुहर लगेगी| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने इस खबर का समर्थन किया है|

ईरान परमाणु समझौते से बाहर निकलने की चेतावनी दे रहा है| उसी समय अमरिका से ईंधन की निर्यात बड़े तादाद में शुरू हुई है और ईरान से ईंधन खरीदारी करनेवाले हर एक देश ने अमरिका से कच्चे तेल की खरीदारी शुरू की है| अमरिका में फिलहाल ‘शेल ऑईल’ का बड़े तादाद में उत्पादन शुरू हुआ है और उनके निर्यात के लिए अमरिका बहुत बड़े बाजार पर कब्जा करने का प्रयत्न कर रही है| उसके लिए निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है और कच्चे तेल के दाम फिर एक बार गिरने की आशंका व्यक्त की जा रही है|

व्यापार युद्ध, ब्रेक्जिट, ईरान एवं आर्थिक मंदी की चेतावनी इन सभी के पृष्ठभूमि पर तेल के दामों में गिरावट होनेपर, इस पर निर्भर होनेवाले खाड़ी देशों की वित्त व्यवस्था गिर सकती है| जिसकी वजह से ईंधन के दाम स्थिर रहना खाड़ी देशों के लिए आवश्यक है| इस पृष्ठभूमि पर रशिया एवं सौदी अरब द्वारा हुई पहल ध्यान केंद्रित करनेवाली साबित हुई है| इससे पहले अर्जेंटीना में हुई जी-२० बैठक के बाद रशिया एवं सौदी ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने की घोषणा की थी| इस बार जापान में हुए जी-२० परिषद के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ईंधन के उत्पादन में कटौती करने में सहमति होने की जानकारी दी है|

पुतिन ने उत्पादन में कटौती छह से नौ महीनों के लिए होगी, ऐसे संकेत दिए हैं तथा सौदी अरब ने यह कालखंड नौ महीनों से अधिक हो सकता है, ऐसा स्पष्ट किया है| इस बारे में अंतिम निर्णय आनेवाले कुछ दिनों में ‘ओपेक’ की बैठक में होंगा, ऐसा कहा जा रहा है| इस निर्णय के बाद ईंधन के दामों में फिर एक बार उछाल देखने को मिलेगा ऐसा दावा विश्‍लेषकों से किया जा रहा है| रशिया एवं सौदी में हुई सहमति पर अमरिका से तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ सकती है|

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