ओपेक एवं रशिया के विरोध में अमरिका का व्यापार युद्ध तीव्र; अमरिका की यूरोप में ईंधन की उच्चतम निर्यात

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वॉशिंग्टन: रशिया एवं तेल उत्पादक देशों के प्रमुख संघटना होनेवाले ओपेक ने इंधन के दाम बढ़ाने के लिए किए करार का फायदा अमरिका द्वारा उठाने की बात सामने आई है। रशिया एवं ओपेक ने कच्चे तेल की उत्पादन कम करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होनेवाला आदान प्रदान कम रहेगा एवं उसके परिणाम के तौर पर दाम बढ़ेंगे, ऐसी स्वरूप का करार किया था। अमरिका ने उसका फायदा उठाते हुए जागतिक स्तर पर तेल की निर्यात बढ़ाई हैं और यूरोप में हो रहा इंधन व्यापार उच्चतम स्तर पर बढ़ाया है। पिछले ४ महीने में अमरिका ने यूरोपीय देशों को लगभग ६८ लाख टन कच्चे तेल का निर्यात किया है। इसकी वजह से अमरिका का रशिया और ओपेक विरोध में व्यापार युद्ध होने की बात दिखाई दे रही है।

अमरिका ने २०१५ वर्षों में कच्चे तेल के निर्यात पर चार दशकों से बंदी उठाने का निर्णय लिया था। उसके बाद केवल ३ वर्षों के कालखंड में अमरिका ने दुनिया भर में जापान, चीन, भारत से यूरोपीय देशों तक सभी भाग में इंधन का निर्यात शुरू किया है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस बारे में आक्रामक धारणा स्वीकारी है और रशिया तथा ओपेक देशों को मात देने की आक्रामक योजना कार्यान्वित करनी शुरू की है।

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कच्चे तेल की सबसे बड़ी आयात करने वाले देशों में चीन, जापान, भारत के साथ यूरोपीय देश अग्रणी पर है। अमरिका ने निर्यात बढ़ाते हुए इन देशों को लक्ष्य किया है और कम दामों में तथा अन्य लालच देते हुए तेल के निर्यात बढ़ानी शुरू की है। तथा यूरोप में इसका सबसे बड़ा हिस्सा होने की जानकारी सामने आ रही है।

ईंधन के लिए यूरोप प्रमुख तौर पर रशियां एवं खाड़ी देशों पर निर्भर होने की बात मानी जाती है। यूरोप में आयात ईंधन में २० फीसदी से अधिक इंधन रशिया से आयात होता है। पिछले दशक में यूक्रेन तथा जॉर्जिया में निर्माण हुए तनाव के पृष्ठभूमि पर रशिया यूरोप में निर्यात होनेवाले ईंधन का शस्त्र जैसा उपयोग करेगा, ऐसे स्वरूप के इशारे लगातार दिए जा रहे थे। रशियन अधिकारी तथा नेताओं ने ऐसे स्वरूप के विधान किए थे।

इस पृष्ठभूमि का उपयोग करके अमरिका ने यूरोपीय देशों को इंधन निर्यात करते समय अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। इसकी वजह से ब्रिटेन, इटली, नेदरलैंड, पोलैंड, नॉर्वे, पोर्तुगाल जैसे विभिन्न देशों ने अमरिका से तेल आयात करना शुरू किया है। अमरिका के तेल आयात के पीछे कम दाम यह भी एक कारण होने का दावा इंधन क्षेत्र के व्यापारी तथा विश्लेषकों ने किया है। फिलहाल जागतिक स्तर पर ब्रेंट ऑइल के दाम ७३ डॉलर्स के ऊपर होकर अमरिका के डब्ल्यूटीआई ऑईल के दाम लगभग ६८ डॉलर्स है।

अमरिका से यूरोप एवं अन्य देशों को बढ़ाई गई कच्चे तेल की निर्यात यह इंधन क्षेत्र में व्यापार युद्ध का भाग होने का दावा भी विशेषज्ञ कर रहे हैं। ईंधन बाजार में रशिया एवं ओपेक का प्रभुत्व तोड़ने के लिए अमरिका उत्सुक होकर, उसके लिए कदम का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। कई दिनों से अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ओपेक पर टिका करके कृत्रिम रूप से बढाए हुए दाम सहन नहीं किये जाएंगे ऐसा इशारा देते हुए अमरिका के इरादे स्पष्ट किए थे।

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