ईंधन के दाम गिरकर प्रति बैरल १० डॉलर्स तक जा पहुंचेंगे – नार्वे के ईंधन विश्‍लेषक का दावा

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ऑस्लो – अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम गिरकर प्रति बैरल 23 डॉलर्स तक जा पहुंचे है। मात्र कुछ हफ्तों में ईंधन के दामों में हुई इस गिरावट की गुंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। पर, ईंधन के दामों में हुई यह गिरावट आगे के दिनों में भी बरकरार रहेगी और कुछ हफ्तों में यह दाम प्रति बैरल 10 डॉलर्स तक जा पहुंचेंगे, ऐसा चौकानेवाला दावा नार्वे के शीर्ष ईंधन विश्‍लेषक अरैंड रिस्टैड ने किया है। ‘चेर्नोबिल’ जैसा संकट ईंधन के दामों पर भी गिर सकता है, ऐसा इशारा रिस्टैड ने दिया है।

ईंधन के बारे में जागतिक गतिविधियों के निरीक्षक ऐसी एरैंड रिस्टैड की पहचान है। रशिया और खाडी क्षेत्र में ईंधन के दामों में देखा जा रहा बदलाव और इससे लिए जिम्मेदार साबित हो रही गतिविधियों के बारे में रिस्टैड ने स्थानिय समाचार पत्र से हाल ही में बातचीत की। इस दौरान रिस्टैड एनर्जी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहें रिस्टैड ने ईंधन क्षेत्र में जारी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है। 

हमें ज्ञात यह अबतक की सबसे बडी नाट्यघटना है, यह कहकर रिस्टैड ने ईंधन के दामों में हुई गिरावट की ओर ध्यान आकर्षित किया। ‘जिस तरह आर्थिक मंदी, चेर्नोबिल की एटमी लिकेज और 1986 का ईंधन संकट आगे की जागतिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार साबित हुए थे, वैसे ही ईंधन के दामों की यह गिरावट नाटक से भरी है’, यह दावा रिस्टैड ने किया।

‘कोरोना व्हायरस की महामारी और ईंधन के दामों पर सौदी अरब और रशिया में हो रहे ‘प्राईस वॉर’ की वजह से अगले दिनों में ईधन का उत्पाद विक्रमी स्तर पर होगा। इसका सीधा असर ईंधन के दामों पर होगा और यह दाम 15 से 10 डॉलर्स तक गिरेंगें’, यह चेतावनी रिस्टैड ने दी है। पर, ईंधन के दामों की यह गिरावट ज्यादा समय तक टिक नही पाएगी, यह दावा भी रिस्टैड ने किया।

‘सुरंग में स्थित अंधेरे के आखिर में जैसे प्रकाश की किरण दिखती है। वैसे ही डेढ वर्ष तक यह गिरावट कायम रहने के बाद ईंधन के दामों में बढोतरी होगी। जितनी गिरावट होगी, उतनी ही गति से ईंधन के दामों में बढोतरी होगी, यह विश्‍वास रिस्टैड ने व्यक्त किया। साथ ही ईंधन की इस गिरावट से नार्वे की अर्थव्यवस्था को बडा झटका लगेगा, यह इशारा भी रिस्टैड ने दिया।

नार्वे यह दुनया में क्रुड की निर्यात करनेवाला अहम देश है। ईंधन और गैस की निर्यात नार्वे की ‘जीडीपी’ में 18 प्रतिशत का हिस्सा रखते है। इसी वजह से ईंधन के दामों की गिरावट नार्वे केलिए चिंताजनक साबित होगी, यह इशारा रिस्टैड ने दिया है।

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