‘ओपेक’ और रशिया का समझौता ना होने से ‘क्रुड’ के दाम ४७ डॉलर्स से भी नीचें गिरें

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरविएना – दुनिया के तेल उत्पादक देशों की प्रमुख ओपेक संगठन और रशिया के बीच तेल उत्पाद कम करने के मुद्दे पर बना समझौता टुट चुका है| इससे अंतरराष्ट्रीय बाजा में क्रुड के दाम सात प्रतिशत से भी अधिक गिरें है और प्रति बैरल ४७ डॉलर्स से भी कम हुए है| मार्च महीने के बादओपेकसदस्य देशों ने उत्पाद में कमी नही की तो यह दाम ४० डॉलर्स या उससे भी निचे गिर सकते है, यह इशारा ईंधन क्षेत्र की शीर्ष विश्लेषक एवं सलाहकार कंपनी ने दिया है|

चीन मेंकोरोना व्हायरसकी महामारी के कारण अंतरराष्टीय व्यापार और अर्थव्यवस्था का हिस्सा होनेवाले क्षेत्रों को बडा झटका लगा है| पर्यटन, वाहतूक, उत्पादन, हवाई यात्रा, वाहन निर्माण क्षेत्र को इससे सबसे अधिक झटका लगा है और इसका सीधा असर ईंधन क्षेत्र पर हुआ है| ‘कोरोना व्हायरसका फैलाव शुरू होनेवले चीन में इस महामारी को रोकने के लिए अभी भी सफलता नही मिल सकी है| इससे चीन में स्थित औद्योगिक क्षेत्र, उत्पादन और वाहतूक अभी भी पटरी पर नही सकी है| इससे चीन ने अपनी ईंधन की आयात कम की है

चीन दुनिया में सबसे अधिक ईंधन की आयात करनेवाला देश ोहे से इस आयात में हुई कमी का सीधाअसर ईंधन उत्पादक देशों पर हुआ है| चीन को ईंधन की सबसे अधिक ईंधन निर्यात करनेवाले देशों में रशिया, सौदी अरब, इराक, ओमान इन देशों का समावेश है| ‘कोरोना व्हायरसकी पृष्ठभूमि पर चीन की ईंधन आयात में प्रति दिन ३० लाख बैरल्स से भी अधिक गिरावट हुई है| चीन के अलावा अन्य एशियाई देशों में भी ईंधन की मांग कुछ मात्रा में कम हुई है| इससे ओपेक और रशिया पर सीधा असर हुआ है|

इस पृष्ठभूमि पर क्रुड का उत्पादन प्रतिदिन १५ बैरल्स की कम करें, यह प्रस्ताव ओपेक ने रशिया के सामने रखा था| पर, कोरोना व्हायरस का असर अभी स्पष्ट नही हुआ है, यह कारण सामने रखकर रशिया ने ओपेक का प्रस्ताव ठुकराया है| रशिया ने इन्कार करने से मार्च महीना खतम होने के बाद ओपेक और रशिया ने इससे पहले किए समझौते के अनुसार ईंधन का उत्पादन प्रति दिन १० लाख बैरल्स से भी अधिक कम रहेगी क्या, इसपर सवाल बना है| इसका बडा असर शुक्रवार के दिन अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजार पर होता दिखाई दिया|

शुक्रवार के दिन क्रुड की किमत में प्रतिशत से भी अधिक गिरावट हुई| इस दौरान क्रुड का दाम प्रति बैरल ४६.३१ डॉलर्स तक गिरा था| यह २०१७ के बाद का सबसे निचला स्तर समझा जा रहाहै| अमरिका में भी ईंधन के दामों में गिरावट देखी गई है और इस दौरान ईंधन की किमत ४२.४९ डॉलर्स हुई थी| इस वर्ष के शुरू में कच्चे ईंधन के दाम प्रति बैरल्स ६४ डॉलर्स थे| इसकी तुलना में पीछले दो महीनों के दौरान क्रुड के दामों में २५ प्रतिशत से भी अधिक गिरावट देखी गई है| इस गिरावट के पीछे जागतिक मंदी के संकेत और कोरोना व्हायरस प्रमुख कारण होता दिख रहा है|

शुक्रवार की इस गिरावट की पृष्ठभूमि पररायस्टैड एनर्जीइस ईंधन क्षेत्र की विश्लेषक एवं सलाहकार कंपनी ने नई चेतावनी जारी की है| क्रुड के दाम अगले कुछ महीनों में ४० डॉलर्स से भी कम होंगे, यह इशारा इस कंपनी ने दिया है| अमरिका में क्रुड के दाम ३० डॉलर्स से?भी अधिक गिरतें दिखाई देंगे, यह बात भी रायस्टैड एनर्जी ने अपने इशारे में बयान की है|

 

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