ईरान के बंदरगाह और बैंकिंग क्षेत्र पर हुए सायबर हमलें

तेहरान – ईरान सरकार से जुड़े बंदरगाह और बैंकिंग क्षेत्र पर हाल ही में सायबर हमले हुए। ईरान ने इन दोनों सायबर हमलों की पुष्टी की है। लेकिन, इन सायबर हमलों के लिए किसी भी देश या संगठन पर आरोप करने से ईरान दूर रहा है। बीते कुछ महीनों से ईरान में संदिग्ध विस्फोट और आग भड़कने की घटनाएं हो रही हैं। इन घटनाओं के लिए ईरान ने किसी पर भी आरोप रखने से टाल दिया है और इससे आश्‍चर्य व्यक्त किया जा रहा है। इन सायबर हमलों के बारे में भी ईरान ने दुबारा वही रवैया अपनाया हुआ दिख रहा है।

cyber-attack-portबीते दो दिन, मंगलवार और बुधवार के दिन ईरान में बड़े सायबर हमले होने की जानकारी ईरान के माध्यमों ने ही सबसे पहले साझा की। इन सायबर हमलों में ईरान के बंदरगाह और बैंकिंग क्षेत्र को लक्ष्य किए जाने का दावा किया गया था। इसके बाद गुरूवार के दिन ईरान की सरकार ने इन सायबर हमलों पर खुलासा किया। ईरान के कुछ अहम ठिकानों पर सायबर हमले होने की खबर की ईरान सरकार ने पुष्टी की। साथ ही सुरक्षा के कारणों से कुछ सरकारी क्षेत्रों की ऑनलाईन सेवा बंद किए जाने की जानकारी ईरान सरकार ने साझा की। लेकिन, इन क्षेत्रों की जानकारी सार्वजनिक करने से ईरान दूर रहा है।

ईरान के माध्यमों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार बंदरगाह अब्बास के कम्प्युटर सिस्टम पर सायबर हमले हुए। इन हमलों में बंदरगाह अब्बास का काम बंद पड़ा था। इससे पहले मई में भी इसी बंदरगाह पर सायबर हमले हुए थे। इसी बंदरगाह से ईरान हिज़बुल्लाह और हमास को हथियारों की आपूर्ति करता है, यह आरोप इस्रायल ने पहले ही किया था। इस्रायली नौसेना ने हथियारों के इस भंड़ार की यातायात करनेवाले जहाज़ों पर कार्रवाई भी की थी। इस वजह से बंदरगाह अब्बास सायबर हमलों का लक्ष्य होने की बात कही जा रही थी। इस बार भी इसी कारण से बंदरगाह अब्बास पर सायबर हमले होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लेकिन, ईरान सरकार ने इन सायबर हमलों के लिए किसी भी संगठन या देश पर आरोप करना टाल दिया है। लेकिन, बीते कुछ दिनों से ईरान पर सायबर हमले होने की जानकारी ईरान की सरकार ने साझा की है।

इससे पहले ईरान ने देश में हो रहे सायबर हमलों के लिए सीधे इस्रायल और अमरीका को ज़िम्मेदार ठहराया था। वर्ष २०१० में ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ‘स्टक्सनेट वायरस’ से सायबर हमला किया गया था। इस हमले के दौरान ईरान के परमाणु केंद्र में हज़ारों सेंट्रिफ्यूजेस नाकाम हुए थे और ईरान का परमाणु कार्यक्रम पांच वर्ष पिछड़ गया था। इस सायबर हमले के लिए ईरान ने इस्रायल और अमरीका के विरोध में आरोप लगाए थे। तभी बीते वर्ष सौदी अरब की अराम्को कंपनी की र्इंधन परियोजना पर हुए ड्रोन हमलों के लिए ईरान ही ज़िम्मेदार होने का आरोप करके अमरीका ने ईरान पर सायबर हमले किए थे।

इसी बीच, बीते कुछ महीनों से ईरान में विस्फोट एवं आग लगने की संदिग्ध घटनाएं हो रही हैं। इनमें से नातांज़ परमाणु केंद्र में हुए संदिग्ध विस्फोट और बाद में फैली आग की घटना का भी समावेश है। इस विस्फोट के पीछे सायबर हमला और इस्रायल होने का आरोप अमरीका स्थित कुछ समाचार पत्रों ने दिया था। लेकिन, ईरान ने सायबर हमले की संभावना ठुकराकर इस्रायल पर आरोप लगाना टाल दिया था।

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