पाकिस्तान की सरकार के विरोध में तीव्र प्रदर्शन शुरू

लाहोर – पाकिस्तान के ११ विपक्षी दलों ने मिलकर इम्रान खान की सरकार और पाकिस्तान की सेना के विरोध में शुक्रवार से प्रदर्शन शुरू किए हैं। करीबन ५० हज़ार लोग इन प्रदर्शनों में शामिल हुए और उन्होंने ‘गो नियाज़ी गो’ के जोरदार नारे लगाए। यह नारे लगाकर उन्होंने प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार के इस्तीफे की भी माँग की। गुजरानवाला से शुरू हुए यह प्रदर्शन यानी सिर्फ शुरूआत है और जनवरी २०२१ में सरकार के विरोध में पाकिस्तान में लौंग मार्च किया जाएगा, यह ऐलान भी इस दौरान किया गया। इसी बीच इन प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर इम्रान की सरकार ने बीते सप्ताह से पाकिस्तान के बड़े नेताओं को एवं उनके समर्थकों को गिरफ्तार भी किया है।

तीव्र प्रदर्शन

दो सप्ताह पहले ‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन’, ‘पाकिस्तान पिपल्स पार्टी’, ‘जमात उलेमा ए इस्लाम’ एवं अन्य सीयासी दलों ने एकजुट होकर पाकिस्तान की इम्रान सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। इम्रान की सरकार इलेक्टेड यानी लोगों ने चुनी हुई नहीं है बल्कि सिलेक्टेड यानी पाकिस्तान की सेना ने चुनी हुई है, यह आलोचना इन विपक्ष के नेताओं ने की थी। इस सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान में महंगाई नई ऊँचाई पर है और आम रोटी का दाम भी आम नागरिकों के बस की बात ना होने की आलोचना इन विपक्षी दलों ने की थी। ऐसे कई मुद्दों पर इम्रान सरकार की घेराबंदी करने के लिए पाकिस्तान के विपक्षी दलों के ‘पाकिस्तान डेमोक्रैटिक मुवमेंट’ (पीडीएम) नामक संयुक्त गुट ने शुक्रवार से देशभर में प्रदर्शन शुरू किए।

तीव्र प्रदर्शन

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरानवाला में आयोजित किए गए इन प्रदर्शनो में पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान, खैबर-पख्तूनवाला एवं ‘पीओके’ की जनता भी शामिल थी। मरियम नवाज़, बिलावल भुत्तो, मौलाना फज़लूर रहमान का काफिला गुजरानवाला पहुँचने से पहले ही प्रदर्शनकारियों ने सरकार के विरोध में ‘गो नियाज़ी गो’ के नारे लगाकर पूरा इलाका दहला दिया। इस दौरान ‘इम्रान खान चोर है’ के नारे भी लगाए गए। तभी पाकिस्तानी जनता के जोरदार समर्थन से शुरू हुए यह प्रदर्शन यानी इम्रान की जाली सरकार का अन्त शुरू हुआ है, यह आलोचना मरियम नवाज़ ने की। इन प्रदर्शनों के माध्यम से पाकिस्तान की जनता को हक दिलाया जाएगा, यह बयान जमात के प्रमुख मौलाना रहमान ने किया। साथ ही देशभर में प्रदर्शन करने की यह मुहिम है और जनवरी २०२१ में पाकिस्तान के अलग अलग प्रांतों से राजधानी इस्लामाबाद तक लौंग मार्च निकालने का ऐलान भी इस दौरान किया गया।

तीव्र प्रदर्शन

तभी सरकार के विरोध में हो रहे यह प्रदर्शन कुचलने के लिए जगह जगह पर कंटेनर लगाए गए थे। साथ ही इन प्रदर्शनों पर मर्यादा भी लगाई गई है। कोरोना की पृष्ठभूमि पर यह कार्रवाई करने की जानकारी पाकिस्तानी यंत्रणा साझा कर रही है। तभी चौबीस घंटे पहले पाकिस्तान की सरकार का विरोध करनेवाले ४५० लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पंजाब प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को कुछ दिन पहले ही हिरासत में लिया गया है और पूर्व राष्ट्राध्यक्ष असिफ अली ज़रदारी की गिरफ्तारी के आदेश भी जारी किए गए हैं।

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