हमें नुकसान पहुँचानेवाले ‘क्वाड’ के सदस्य देशों को चीन सज़ा देगा – चीन के सरकारी मुखपत्र की धमकी

बीजिंग – ‘क्वाड और ऑकस का निर्माण चीन को घेरने के लिए तैयार किए गए भयंकर गुट हैं। अमरीका के बहकावे में आकर भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया इस गुट में स्वयं को व्यस्त ना करें क्योंकि, इस गुट ने यदि मर्यादा रेखा लांघी तो चीन अपने हितों को नुकसान पहुँचानेवाले किसी की भी परवाह किए बगैर बड़ी सज़ा देगा’, ऐसी नई धमकी चीन ने दी है। हमेशा की तरह ‘ग्लोबल टाईम्स’ नामक अपने सरकारी मुखपत्र के ज़रिये चीन ने क्वाड और ऑकस को ऐसे धमकाया है। पहले के दौर में क्वाड का मज़ाक उड़ाकर यह सहयोग कभी भी सच्चाई नहीं बन सकता, ऐसे दावे ग्लोबल टाईम्स ने ही किए थे। लेकिन, अब चीन इसे खतरे की नजर से देखने लगा है, यह ग्लोबल टाईम्स की धमकी से स्पष्ट हो रहा है।

‘क्वाड’ के सदस्यसंयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका में दाखिल हुए हैं। अमरीका में स्थित भारतीय नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी का बड़े उत्साह से स्वागत किया। अमरिकी उद्योग क्षेत्र के साथ प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों की उत्सुकता का विषय बनी है। साथ ही अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के साथ प्रधानमंत्री मोदी की होनेवाली चर्चा पर भी पूरे विश्‍व की नज़रें लगी हुई हैं। अफ़गानिस्तान में जारी उथल-पुथल और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिति प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की द्विपक्षीय चर्चा के अहम मुद्दे रहेंगे। इसके बाद क्वाड की बैठक होगी।

इस बैठक से पहले जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने चीन के मुद्दे पर पूरे विश्‍व को सावधान करनेवाला इशारा दिया था। ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन का उदय होने से असंतुलन निर्माण हुआ है। ऐसे दौर में अनिश्‍चितता का माहौल बना है। इसी दौरान चीन का बढ़ता लष्करी सामर्थ्य जापान की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है’, यह इशारा प्रधानमंत्री सुगा ने दिया था। ग्लोबल टाईम्स के लेख में इसका ज़िक्र करके जापान जैसा देश बेवजह चीन के लष्करी सामर्थ्य का काग-डरावा खड़ा कर रहा है, ऐसी आलोचना भी की है। चीन अपने जीडीपी के डेढ़ प्रतिशत से कम रकम रक्षा के लिए खर्च कर रहा है, ऐसा कहकर ग्लोबल टाईम्स ने चीन से किसी को खतरा नहीं होने का दावा किया।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में यातायात की स्वतंत्रता बनी रहे, इसी कारण क्वाड की आवश्‍यकता बताई जा रही है। लेकिन, यह दुष्प्रचार है, क्योंकि चीन ने कभी भी यातायात की आज़ादी को चुनौती नहीं दी है। साथ ही वैश्विक उत्पादन के लिए आवश्‍यक सप्लाई चेन को लेकर क्वाड के सदस्य देशों के हो रहे बयान गैरज़िम्मेदाराना हैं, ऐसी आलोचना ग्लोबल टाईम्स ने की। सिर्फ चीन को लक्ष्य करने के लिए क्वाड और ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमरीका का ‘ऑकस’ संगठन बनाया गया है। लेकिन, यह देश चीन को किस तरह से घेरेंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। फिलहाल चीन को लक्ष्य करने की इन देशों की योजना हवाँ में ही है, ऐसे बयान इस चीनी मुखपत्र ने किए हैं।

क्वाड और ऑकस में अन्य देश शामिल हों, इसके लिए कोशिश की जाएगी। लेकिन, कोई भी देश इसका शिकार नहीं होना चाहिये। भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी अमरीका के बहकावे में ना आएं क्योंकि, एक मर्यादा के बाहर जाकर इन देशों ने चीने के हितों के लिए खतरा निर्माण किया और मर्यादा रेखा पार की तो चीन इन देशों को इसकी सज़ा दिए बगैर नहीं रहेगा। ऐसा करते सयम किसी भी देश के साथ अपने संबंधों की चीन परवाह नहीं करेगा, यह इशारा चीन के इस सरकारी मुखपत्र ने दिया।

इसी बीच, पहले के दिनों में क्वाड का मजाक उड़ाकर चीन विरोधी यह योजना कभी भी सच्चाई में उतर नहीं सकती, ऐसे दावे चीन ने ग्लोबल टाईम्स के ज़रिये किए थे। लेकिन, चीन क्वाड और ऑकस की ओर भी अब गंभीरता से देखने लगा है। विश्‍वभर के विश्‍लेषक चीन क्वाड की वजह से ड़रा हुआ है, यह स्वीकार कर रहे हैं। इसके साथ ही ‘क्वाड’ का हिस्सा होने पर इसके गंभीर परिणाम होंगे, ऐसा चीन ने बांगलादेश को धमकाया था। आग्नेय एशिया के छोटे देश भी क्वाड से सहयोग करेंगे, ऐसी चिंता चीन को सता रही है। इसी वजह से चीन लगातार इसके खिलाफ इशारें देकर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।

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