‘माँटेनेग्रो’ चीन के शिकारी आर्थिक नीति का नया शिकार, कर्ज़ का भुगतान ना करने पर ‘माँटेनेग्रो’ की ज़मीन पर कब्ज़ा करने के लिए चीन की तैयारी

montenegro-china-highway-2माँटेनेग्रो/बीजिंग – यूरोप के बाल्कन क्षेत्र के मात्र छह लाख जनसंख्या के ‘माँटेनेग्रो’ देश पर चीन ने अपने कर्ज़ का फंदा कसने की बात सामने आयी है। बीते दशक में राजमार्ग का निर्माण करने के लिए प्राप्त किए एक अरब डॉलर्स के कर्ज़ की किश्‍त माँटेनेग्रो की सरकार को इस महीने में चुकानी है। लेकिन, माँटेनेग्रो की सरकार के हाथों में यह किश्‍त चुकाने के लिए निधी ना होने की बात कही जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर चीन अब माँटेनेग्रो की ज़मीन पर कब्ज़ा कर सकता है, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिए हैं।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने बीते दशक में महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव’ का ऐलान किया था। इस योजना के तहत चीन ने अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमरीका एवं यूरोपिय देशों में बड़ी मात्रा में प्रकल्पों का निर्माण करना शुरू किया था। वर्ष 2014 में चीन ने यूरोप के बाल्कन क्षेत्र के ‘माँटेनेग्रो’ देश के साथ राजमार्ग का निर्माण करने के लिए समझौता किया था। तटीय क्षेत्र के बार शहर और पड़ोसी देश सर्बिया के बोल्जार शहर के बीच 270 मील दूरी के राजमार्ग निर्माण की योजना थी। इसके लिए चीन की ही ‘एक्ज़िम’ बैंक ने एक अरब डॉलर्स का कर्ज़ प्रदान किया था।

montenegro-china-highway-1इस राजमार्ग के निर्माण का ठेका भी चीन की ही ‘चायना रोड ऐण्ड ब्रिज कॉर्पोरेशन’ कंपनी को प्रदान किया गया था। लेकिन, इस राजमार्ग का 10 प्रतिशत काम भी अभी पूरा नहीं हुआ है। यह निर्माण कार्य काफी धीमी गति से जारी है, फिर भी जुलाई के अन्त तक चीन की बैंक को कर्ज़ की पहली किश्‍त चुकाई जानी है। इस किश्‍त की रकम पुख्ता कितनी है, यह जानकारी अभी साझा नहीं की गई है। लेकिन, यह किश्‍त चुकाने के लिए माँटेनेग्रो सरकार के पास पर्याप्त रकम ना होने की बात सामने आयी है।

वर्ष 2014 के समझौते के अनुसार यह प्रावधान है कि, माँटेनेग्रो सरकार कर्ज़ की किश्‍त एवं भुगतान करने की क्षमता नहीं रखती तो इसके बदले में चीन इस देश की ज़मीन पर कब्ज़ा कर सकेगा। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि ऐसे मामले के कानूनी कार्रवाई में चीनी  अदालत का शब्द अंतिम होगा, यह शर्त संबंधित समझौते में दर्ज़ की गई है। इस वजह से चीन ने राजमार्ग के निर्माण के लिए नहीं बल्कि सियासी एवं व्यापारी उद्देश से ही माँटेनेग्रो को कर्ज़ के फंदे में फंसाया होने के दावे किए जा रहे हैं। माँटेनेग्रो अभी भी यूरोपिय महासंघ का सदस्य नहीं है और महासंघ ने भी चीन के इस कर्ज़ का भुगतान करने के लिए सहायता देने से इन्कार किया है।

montenegro-china-highway-3‘बेल्ट ऐण्ड रोड इनिशिएटिव्ह’ के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने चलाई शिकारी अर्थनीति का ‘माँटेनेग्रो’ इस साल का दूसरा नमूना बना है। कुछ महीने पहले चीन ने केनिया को प्रदान किए कर्ज़ के बदले में ‘मोंबासा’ बंदरगाह पर कब्ज़ा करने की गतिविधियाँ शुरू करने का वृत्त सामने आया था। चीन ने केनिया को कुल नौं अरब डॉलर्स का ऋण दिया होने की जानकारी सामने आयी थी। इससे पहले श्रीलंका एवं कंबोडिया में भी चीन ने इसी तरह की कोशिश करने के दावे प्रसिद्ध किए थे।

बीते महीने में ‘टाईम्स ऑफ इस्रायल’ नामक अखबार ने इस विषय में जारी किए वृत्त में चीन द्वारा विश्‍व के अलग अलग देशों को प्रदान किए गए कर्ज़ के मामले अपारदर्शी हैं और यह इस देश की शिकारी अर्थनीति का हिस्सा होने का दावा विश्‍लेषक फैबिअन बोसार्ट ने किया था। चीन प्रदान कर रहे कर्ज़ में से कुल 60 प्रतिशत कर्ज़ व्यावसायिक दर से प्रदान किए हैं, इस ओर भी बोसार्ट ने ध्यान आकर्षित किया था। चीन ने अलग अलग देशों को प्रदान किए कर्ज़ का इस्तेमाल उन देशों को पराधीन करने के लिए एवं अपने राजनीतिक उद्देश प्राप्त करने के लिए किया है, यह आरोप भी विश्‍लेषकों ने लगाया था।

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