लिथुआनिया का समर्थन नहीं किया तो चीन यूरोपिय देशों पर अधिक दबाव बढ़ाएगा – यूरोपिय सांसदों का इशारा

लिथुआनिया का समर्थनस्ट्रासबर्ग/बीजिंग – चीन ने लिथुआनिया पर लगाए अघोषित व्यापारी प्रतिबंधों के खिलाफ यूरोप ने प्रत्युत्तर नहीं दिया तो आनेवाले दिनों में चीन लगातार यूरोपिय देशों पर जोर जबरदस्ती करने के साथ दबाव ड़ालना जारी रखेगा, यह इशारा यूरोपियन सांसदों ने दिया। सांसदों ने यूरोपियन महासंघ के प्रमुख को खत में लिथुआनिया की घटना का इस्तेमाल करके चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत यूरोप की एकजुट कमज़ोर करने की कोशिश करेगा, यह इशारा भी दिया है। पिछले महीने ही चीन ने लिथुआनिया के मुद्दे पर अन्य यूरोपिय देश एवं कंपनियों पर दबाव ड़ालने की बात स्पष्ट हुई थी।

पिछले वर्ष के नवंबर में लिथुआनिया में ताइवान ने अपना राजनीतिक दफ्तर शुरू किया था। नवंबर में ‘द ताइवानीज्‌ रिप्रेज़ेंटेटिव ऑफिस’ नाम से शुरू किए गए इस ‘डिफैक्टो एम्बसी’ के बाद चीन ने अपनी नीति अधिक आक्रामक की है। लिथुआनिया से आयात हो रहे सामान पर अघोषित प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही चीन से लिथुआनिया जा रही ‘कार्गो ट्रेन सर्विस’ बंद की गई है।

लिथुआनिया का समर्थनलिथुआनिया को भेजे जा रहे कुरिअर स्वीकारने से भी चीनी कंपनियाँ इन्कार कर रही हैं। कुछ दिन पहले लिथुआनिया के एक उद्यमी का बैंक खाता चीनी बैंक ने सीज करने की घटना भी सामने आयी है। पिछले कुछ दिनों में लिथुआनिया में कार्यरत यूरोपिय कंपनियों पर भी दबाव ड़ाला जा रहा है। लिथुआनिया में तैयार किए पुर्जों के इस्तेमाल वाले यूरोपिय सामान स्वीकारने से भी चीनी विभाग इन्कार कर रहे हैं और इन्हें वापस भेजा जा रहा है।

यूरोपिय महासंघ एवं प्रमुख देशों ने लिथुआनिया को जुबानी स्तर पर समर्थन दिया है, फिर भी चीन को प्रत्युत्तर देना या कार्रवाई करने का इशारा देने जैसी किसी भी तरह की कोशिश नहीं की गई है। महासंघ कार्रवाई नहीं करेगा, इसका भरोसा चीन को होने से चीन की हुकूमत यूरोप पर अधिकाधिक दबाव ड़ाल रही है, ऐसा स्वर सांसदों ने आलापा है।

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