‘क्वाड’ की बैठक के दौरान ही चीन के लड़ाकू विमानों ने उकसानेवाली हरकत करने का जापान का आरोप

टोकियो – चीन के विरोध में खड़ी हो रहा क्वाड संगठन कभी सफल नहीं हो सकेगा। क्वाड की नाकामयाबी तय है, यह दावा चीन ने किया था। लेकिन, जापान के टोकियो में क्वाड देशों के प्रमुख चर्चा कर रहे थे, तभी चीन ने जापान की हवाई सीमा के करीब अपने लड़ाकू विमानों को भेजकर क्वाड को इशारा देने की बात स्पष्ट हुई है। जापान ने इसका गंभीरता से संज्ञान लेकर चीन की इस उकसानेवाली हरकत का तीखे शब्दों में निषेध किया। चीन के साथ रशियन बॉम्बर्स भी थे, यह आरोप जापान के रक्षामंत्री नोबुआ किशी ने लगाया है।

‘क्वाड’ की बैठकइससे पहले कि उकसानेवाली हरकतों से अधिक गंभीर उकसानेवाली हरकत चीन ने इस बार की है। क्वाड की बैठक के जारी रहते चीन और रशिया की यह कार्रवाई काफी संवेदनशील बात है, ऐसा जापान के रक्षामंत्री नोबुआ किशी ने कहा है। सिर्फ जापान ही नहीं, बल्कि दक्षिण कोरिया ने भी जानकारी साझा की है कि, चीन और रशिया के लड़ाकू विमान हमारी हवाई सीमा से करीब पहुँचे थे। लेकिन, हमारी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने शीघ्रता से हरकत करके चीन और रशिया के विमानों को भगाया, यह दावा दक्षिण कोरिया ने किया। स्थानीय समय के अनुसार सुबह आठ बजे और बाद में ९.३० बजे यह घटना घटी, ऐसा दक्षिण कोरिया ने कहा था।

‘क्वाड’ की बैठकआगे ३.४० बजे भी इसी तरह से हवाई घुसपैठ करने की कोशिश हुई थी, ऐसा कहकर दक्षिण कोरिया ने इस पर चिंता जतायी है। दक्षिण कोरिया ने यूक्रेन युद्ध को लेकर अमरीका और पश्‍चिमी देशों से सहयोग बढ़ाया है। इस वजह से रशिया और चीन अब दक्षिण कोरिया पर दबाव बढ़ा रहे हैं, ऐसा इस देश के माध्यमों का कहना है। इसी बीच, भारत अमरीका जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड संगठन को चीन के विरोध में जरासी भी सफलता हासिल नहीं होगी, ऐसे दावे चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने हाल ही में किए थे। लेकिन, चीन क्वाड की ओर बड़ी गंभीरता से देख रहा है, यह बात चीन के लड़ाकू विमानों ने जापान की हवाई सीमा से करीबी क्षेत्र में उड़ान भरकर दिखाई है।

इन गतिविधियों के ज़रिये चीन क्वाड के सदस्य देशों को अपने आक्रामक रिस्पान्स से चेतावनी देने की कोशिश कर रहा है। खास तौर पर क्वाड का सैन्य गठबंधन हमारे वर्चस्व को चुनौती देकर खत्म करेगा, यह चिंता चीन को सता रही है, यह बात फिर से स्पष्ट हुई है। साथ ही जापान के रक्षामंत्री ने चीन की इस हरकत का गंभीर संज्ञान लिया है और आनेवाले समय में चीन को इस कार्रवाई के परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

जापान के इन दावों पर भारत ने अभी बयान नहीं किया है। इस पर भारत का बोलना उचित नहीं है, ऐसा भारत के राजनीतिक अधिकारियों ने कहा है।

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