ऑस्ट्रेलिया ‘साउथ चाइना सी’ में गश्त बढाए अन्यथा चीन की तानाशाही का सामना करना होगा – ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषक की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकॅनबेरा: वैश्विक वातावरण बदल रहा है और इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया को भी अपनी भूमिका बदलनी होगी| अतीत की तरह शांति का झंडा हाथ में लेकर कुछ भी होने वाला नहीं हैं| ऑस्ट्रेलिया को अपने हितचिंतकों को संभालना हो तो ‘साउथ चाइना सी’ में निगरानी बढ़ानी होगी| अन्यथा चीन की अनियंत्रित तानाशाही का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, ऐसी कठोर चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ विशेषज्ञ सॅम फॅरल-ली ने दी हैं| अमरिका के साथ ‘साउथ चाइना सी’ में निगरानी बढ़ाने के साथ ही ऑस्ट्रेलिया इस समुद्री क्षेत्र में अधिक सक्रिय भूमिका स्वीकार करें, ऐसा आवाहन सॅम ने किया हैं| सॅम फॅरल-ली ने ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रॅटेजिक पॉलिसी इन्स्टिट्यूट’ इस अभ्यास गुट ने तैयार किया रिपोर्ट अपने वेबसाइट पर प्रसिद्धि किया गया हैं| ऑस्ट्रेलिया की पहले की सरकार ने साउथ चाइना सी के बारे में अपनाई भूमिका पर विशेषज्ञ सॅम ने इस रिपोर्ट में से तीव्र टीका की हैं| ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ‘स्कॉट मॉरिसन’ आक्रामक भूमिका स्वीकारे, ऐसा आवाहन सॅम ने किया हैं|

‘चीन जैसे विस्तारवादी तानाशाह के उदारता पर धारणात्मक रूप से निर्भर रहने की गलती की तो ऑस्ट्रेलिया को होने वाला खतरा बढ़ जाएगा, ऐसा बता कर चीन के साथ सहयोग ऑस्ट्रेलिया के हित संबंधों के लिए संकटमय होने की अनुभूति सॅम ने कराई हैं|

ऑस्ट्रेलिया के नौसेना प्रमुख एडमिरल ‘मिशेल नूनम’ ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की समुद्री निगरानी बढ़ाने की सलाह दी थीं| परंतु दक्षिण पूर्व एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव का विचार करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपने समुद्री सामर्थ्य में और इस क्षेत्र में हुई तैनाती मैं वृद्धि करनी चाहिए,’ ऐसा सॅम ने सूचित किया हैं|

वर्तमान में चीन की ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी नेव्ही’ सबसे अधिक विध्वंसक रखनेवाली नौसेना हैं| इसकी तुलना में ऑस्ट्रेलिया अपनी नौसेना का विस्तार करने पर विचार करें, यह सुझाव सॅम ने रखा है|

‘साउथ चाइना सी’ में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को उत्तर देने के लिए सहयोग करें, ऐसा आवाहन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने कुछ दिनों पहले ‘आसियन’ की बैठक में किया था, इस ओर भी सॅमने ध्यान आकर्षित कराया हैं| अमरिका और ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त रूप से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ ‘साउथ चाइना सी’ में चीन के प्रभुत्व के विरोध में मोर्चा खोला तो उचित संदेश जाएगा, ऐसा दावा सॅम फॅरल-ली ने किया हैं|

अमरिका की तरह चीन के विरोध में लष्करी आक्रामकता स्वीकारने से पहले ऑस्ट्रेलिया ने ‘साउथ चाइना सी’ में निगरानी बढ़ानी चाहिए, ऐसे हुआ तो ऑस्ट्रेलिया आसियान सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त करने में सफल होगा, ऐसा सॅमने कहा हैं|

दौरान, प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलिया के सूत्र हाथ में लेते ही चीन संबंधी भूमिका अधिक आक्रमक हो गई हैं| ऑस्ट्रेलिया ने वनातू और अपने पड़ोसी आयलैंड देशों के साथ सामरिक सहयोग बढ़ाने को शुरू कर दिया हैं| साथ ही ‘डार्विन’ में अमरिका के मरीन्स के साथ ऑस्ट्रेलियन मरीन्स की टीम तैनात करने के लिए भी गतिविधियां बढ़ाई गई हैं|

एक महीने पहले ऑस्ट्रेलियन नौसेना ने अमरिका, भारत और जापान के साथ ‘साउथ चाइना सी’ के क्षेत्र में निगरानी की थी| उसके बाद चीन के लष्कर ने ऑस्ट्रेलिया के विध्वंसक की ओर लेजर का प्रयोग किया था| इस कारण आस्ट्रेलिया ने ‘साउथ चाइना सी’ में चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका स्वीकारने को लेकर सॅम ने रखे निवेदन पर चीन से प्रतिक्रिया अपेक्षित हैं|

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