‘साउथ चाइना सी’ क्षेत्र में – पश्चिमी देशों के युद्धपोतों की गतिविधियाँ बढ़ी

कैनबेरा/लंडन: साउथ चाइना सी पर अपनी पकड़ मजबूत बनाते जा रहे चीन को रोकने के लिए अमरिका और मित्र देशों ने आक्रामक कदम उठाना शुरू किया है। पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया ने इस समुद्री क्षेत्र में थोड़े थोड़े अंतराल के बाद आठ विध्वंसक तैनात किए हैं। साथ ही ऑस्ट्रेलिया जल्द ही पसिफ़िक महासागर में लष्करी अड्डा बनाने वाला है, ऐसी घोषणा ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अधिकारी ने की है। इसके अलावा चीन की चेतावनी को ठुकराकर ब्रिटन ने साउथ चाइना सी में अतिरिक्त युद्धपोत रवाना करने की घोषणा की है।

विश्वभर के कुल सागरी व्यापार में से एक तिहाई सामुग्री का परिवहन साउथ चाइना सी के समुद्री क्षेत्र से होता है। इस वजह से इस समुद्री क्षेत्र के परिवहन की स्वतंत्रता को आबाद रखने के लिए अमरिका दक्षिण-पूर्व एशियाई देश और पश्चिमी देशों की तरफ से कोशिश की जा रही है। लेकिन साउथ चाइना सी के संपूर्ण क्षेत्र पर अपना हक़ जताते हुए चीन ने व्हिएतनाम, फिलिपाईन्स अपने इन पडौसी देशों के समुद्री क्षेत्र के अधिकारों को भी ठुकराया है।

साउथ चाइना सी, क्षेत्र, पश्चिमी देशों, युद्धपोतों, गतिविधियाँ बढ़ी, कैनबेरा, लंडनकेवल साउथ चाइना सी नहीं बल्कि चीन के विध्वंसकों ने ऑस्ट्रेलिया के समुद्री क्षेत्र के पास भी गश्त शुरू करने की ख़बरें भी सामने आईं थी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व में स्थित ‘वनाटू’ द्वीपों पर लष्करी अड्डा प्रस्थापित करने के लिए गतिविधियाँ शुरू करने की जानकारी भी सामने आई थी। चीन की आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने नौसेना की गतिविधियाँ बढाई हैं। ऑस्ट्रेलिया के मंत्रालय ने सिनेट के सामने साउथ चाइना सी में ऑस्ट्रेलिया की विध्वंसकों की गश्त बढाने की जानकरी दी है।

पिछले दस महीनों में ऑस्ट्रेलिया ने साउथ चाइना सी के समुद्री क्षेत्र में आठ विध्वंसक रवाना की थी। इन विध्वंसकों ने लगभग ६० दिनों तक इस क्षेत्र में गश्त लगाने की जानकारी ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्रालय ने दी है। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा बल प्रमुख ‘एंगस कैम्बेल’ ने विध्वंसकों की बढती गश्त का समर्थन किया है।

‘ऑस्ट्रेलिया की साउथ चाइना सी में गश्त बढ़ी है, ऐसा इस जानकारी से दिखाई देता है। लेकिन इस क्षेत्र में समुद्री परिवहन की स्वतंत्रता को अबाधित रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया इस क्षेत्र के अपने सहकारी देशों के साथ जिम्मेदारी ले रहा है’, ऐसी जानकारी कैम्बेल ने दी है।

उसीके साथ ही प्रशांत महासागर में पैर फैलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने गतिविधयां बढाई हैं। प्रशांत महासागर के ‘पापुआ न्यू गिनिआ’ इस देश के ‘मैनुस’ द्वीप पर ऑस्ट्रेलिया ने अपना लष्करी अड्डा प्रस्थापित करने की घोषणा की है। इस बारे में ‘पापुआ न्यू गिनिआ’ के राष्ट्रप्रमुख के साथ चर्चा हुई है, और नौसेना अड्डा विकसित करने पर भी मुहर लगादी गई है। इस वजह से चीन की आक्रामक गतिविधियों को चुनौती देने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने कसके तैयारियां की हैं ऐसा दिखाई देता है।

ऑस्ट्रेलिया के बाद ब्रिटन ने भी साउथ चाइना सी में अपने युद्धपोतों की गश्त में बढ़ोत्तरी की है। महीने पहले ब्रिटन के एम्फीबियस युद्धपोत ने इस समुद्री क्षेत्र में गश्त लगाने के बाद आने वाले कुछ दिनों बाद ब्रिटन के अन्य युद्धपोत साउथ चाइना सी में दाखिल होंगे, ऐसी जानकारी ब्रिटन के वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने दी है।

इसके पहले ही ब्रिटन के युद्धपोत ने अमरिका के युद्धपोत के साथ इस समुद्री क्षेत्र गश्त लगाई थी। इस पर तीव्र क्रोध व्यक्त करके चीन ने ब्रिटन को चेतावनी दी थी। उसकी परवाह न करते हुए ब्रिटन ने साउथ चाइना सी के लिए और युद्धपोत रवाना करने की घोषणा की है।

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