व्हेनेजुएला के तानाशाह मदुरो के ‘हिट स्क्वाड’ ने की सात हजार से अधिक विरोधकों की हत्या – संयुक्त राष्ट्रसंगठन का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन: व्हेनेजुएला में तानाशाह निकोलस मदुरो ने पिछले डेढ़ वर्षो में ‘हिट स्क्वाड’ के माध्यम से लगभग ७००० से अधिक विरोधकों की हत्या करने का सनसनीखेज रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र संगठन ने दिया है| इस रिपोर्ट की वजह से व्हेनेजुएला में सत्ताधारी मदुरो प्रशासन से शुरू दबाव एवं अत्याचार स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने आ रहा है| जिसकी वजह से मदुरो के विरोध में शुरू आंदोलन अधिक आक्रामक होने के संकेत मिल रहे हैं|

संयुक्त राष्ट्र संगठन के मानव अधिकार संगठनने गुरुवार को अपना रिपोर्ट प्रस्तुत किया है| जिसमें पिछले डेढ़ वर्षो में मदुरो इनके नेतृत्व में शुरू अत्याचार का चेहरा उजागर किया गया है| व्हेनेजुएला में ‘स्पेशल फोर्सेस’ ने कानून अथवा न्याय की कद्र ना करते हुए हुकुमशाह मदुरो के विरोधकों को खतम करने की बात संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट में दर्ज है| व्हेनेजुएला की यंत्रणा ने इन व्यक्तियों द्वारा प्रशासन को विरोध था, इतना कारण हत्या के लिए देने की बात रिपोर्ट में स्पष्ट की है|

राष्ट्राध्यक्ष मदुरो एवं उनके सहयोगियों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ का रिपोर्ट पक्षपाती को होने का आरोप किया है| रिपोर्ट तैयार करनेवाले सदस्यों ने व्हेनेजुएला में विविध कैद खाने, अस्पताल को दिए भेंट एवं उनके सुधार को नजरअंदाज करने का दावा सरकारी यंत्रणा ने किया है|

इस रिपोर्ट में अनेक झूठी बातों का समावेश होने का आरोप भी मदुरो प्रशासन ने किया है| पर संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानव अधिकार गुट के प्रमुख मिशेल बैकलेट ने यह सभी आरोप ठुकराए हैं|

चिली के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बैकलेट ने मार्च महीने में राष्ट्राध्यक्ष मदुरो से भेंट करके रिपोर्ट की कई बातों पर उनका ध्यान आकर्षित किया था| उस समय मदुरो ने इसकी तरफ ध्यान देने का आश्वासन दिया था| पर रिपोर्ट प्रसिद्ध होने के बाद मदुरो एवं उनके सहयोगी आलोचना का स्वर लगाते दिखाई दे रहे हैं|

व्हेनेजुएला में फिलहाल हुकुमशाह मदुरो के विरोध में शुरू आंदोलन नरम पडा है और सत्ताधारी एवं विरोधको में चर्चा के संकेत दिए गए हैं| विरोधक नेता जुवान गैदो ने चर्चा की तैयारी दर्शाई है और यूरोप में यह चर्चा संभव होगी, ऐसा माना जा रहा है| दूसरी तरफ मदुरो ने चर्चा के पहले भूमिका लेते हुए विरोधकों के बगावत के प्रयत्न उधेड़ने के एवं आगे चलकर जोरदार कार्रवाई करने के संकेत दिए है|

दौरान आंदोलन ठंडा हुआ है फिर भी देश की जनता की स्थिति में अभी भी फर्क नहीं पड़ा है और वैद्यकीय तथा जीवन आवश्यक घटकों की कमी अब तक कायम है| ऐसे में देश के विभिन्न भागों में अभी तक बिजली प्रदाय सरल नहीं हुआ है| जिसकी वजह से देश से बाहर निकलनेवाले नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और आनेवाले वर्ष में यह संख्या लगभग ८० लाख पर जा सकती है, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन ने दी है|

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