रशिया के कारोबार से अमेरिकी डॉलर हटाएंगे – वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवान जिल पिंटो

मास्को/कैराकस – रशिया के साथ जारी द्विपक्षीय व्यापार से अमेरिकी डॉलर को दूर किया जाएगा, ऐसा ऐलान वेनेजुएला के विदेश मंत्री ने किया है। विदेश मंत्री यवान जिल पिंटो फिलहाल रशिया के दौरे पर हैं और इस बीच उन्होंने यह ऐलान किया। दोनों देशों की इसपर सहमति हुई है और स्थानिय मुद्रा प्रयोग में लाने की प्रक्रिया आखरी चरण में होने की बात भी विदेश मंत्री पिंटो ने स्पष्ट की। रशिया ने इसका स्वागत किया है और पश्चिमी प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए यह कदम अहम होगा, यह भी कहा है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमेरिका और मित्रदेशों ने रशिया पर बड़े प्रतिबंध लगाए। इसमें अंतरराष्ट्रीय यंत्रणा ‘स्विफ्ट’ का इस्तेमाल करने पर लगाई रोक का भी समावेश था। रशिया के कारोबार से अमेरिकी डॉलर हटाएंगे - वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवान जिल पिंटोइसके विकल्प के रूप में रशिया ने कारोबार में रुबल समेत अन्य प्रमुख मुद्राओं का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया था। रशिया ने अपने भंड़ार में अमेरिकी डॉलर का हिस्सा लगभग शून्य कर दिया है और अपनी राष्ट्रीय मुद्रा रुबल के साथ युआन एवं अन्य देशों की मुद्राओं का कारोबार में भारी प्रयोग करना शुरू किया है। रशिया के साथ व्यापार कर रहे प्रमुख देशों ने यह प्रस्ताव स्वीकार करके इस पर अमल करने की कोशिश भी शुरू की हैं।

वेनेजुएला ने रशिया की ‘मिर पेमेंट सिस्टिम’ अपनाई हैं और इसके ‘मिर कार्डस्‌’ वेनेजुएला में काफी मात्रा में इस्तेमाल हो रहे हैं। इसके बाद अब रशिया के साथ शुरू कारोबार में स्थानीय मुद्राओं का प्रयोग करने की तैयारी वेनेजुएला ने करने की जानकारी सामने आ रही है। रशिया के कारोबार से अमेरिकी डॉलर हटाएंगे - वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवान जिल पिंटोकुछ महीने पहले रशिया में आयोजित ‘सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनैशनल इकॉनॉमिक फोरम’ में वेनेजुएला के उप-राष्ट्राध्यक्ष डेल्सी रॉट्रिगुएझ ने अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजार में ‘डि-डॉलराइजेशन’ शुरू होना चाहिए, ऐसी मांग की थी।

‘अंतरराष्ट्रीय ईंधन बाजार में लगभग १०० ट्रिलियन डॉलर से भी अधिक मुल्य के कारोबार हो रहे हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था का आकार इसकी तुलना में छोटा हैं। ऐसे में ईंधन का कारोबार सीर्फ अमेरिकी डॉलर के माध्यम से ही क्यों करना है’, ऐसा सवाल वेनेजुएला के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने उठाया था। पिछले कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक विशेषज्ञ, निवेशक, उद्यमी एवं विश्लेषक ‘डि-डॉलराइजेशन’ के मुद्दे पर लगातार आगाह कर रहे हैं। विश्व के कुछ सेंट्रल बैंक ने भी अमेरिकी डॉलर की निर्भरता क्या सही है, इस पर सोच-विचार कर रही हैं, इस मुद्दे पर भी अमेरिकी अभ्यास गुट ने ध्यान आकर्षित किया था।

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