अमरीका की अफ़गानिस्तान से सेना वापसी पाकिस्तान के लिए पुरस्कार साबित होगी – अफ़गानिस्तान के पूर्व गुप्तचर प्रमुख की चेतावनी

काबुल – अमरीका अफ़गानिस्तान से सेनावापसी ना करें, यह माँग अफ़गानिस्तान में ज़ोर पकड़ रही है। अमरीका के विद्यमान राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफ़गानिस्तान से सेनावापसी के विषय में किया फ़ैसला पाकिस्तान के लिए फ़ायदेमन्द साबित हो सकता है, ऐसी चेतावनी अफ़गानिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा के पूर्व प्रमुख रहमतुल्ला नबील ने दी। अमरिकी लष्कर ने अफ़गानिस्तान से वापसी करते ही पाकिस्तान हमारे देश में आतंकियों के प्रशिक्षण के लिए नये अड्डे शुरू करेगा, ऐसा दावा नबील ने किया। कुछ ही दिन पहले, पाकिस्तान के ही एक नेता ने आरोप किया था कि पाकिस्तानी लष्कर और कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ तालिबान का इस्तेमाल हथियार जैसा कर रहे हैं।

afghan-usकतार की राजधानी दोहा में अफ़गानिस्तान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों में चर्चा शुरू हुई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने, चर्चा के इस दूसरे पड़ाव का स्वागत किया है। इन चर्चाओं के कारण अफ़गानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापित होगी, ऐसा दावा पाकिस्तान कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान के ये दावें यानी आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने चल रहा दिखावा होने का आरोप अफ़गानिस्तान के नेता और गुप्तचर यंत्रणा के पूर्व प्रमुख रहमतुल्ला नबील ने किया।

तालिबान के प्रतिनिधियों में जारी बातचीत से अथवा पाकिस्तान की मध्यस्थता के कारण अफ़गानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापित होनेवाली नहीं है, ऐसा नबील ने अमरिकी साप्ताहिक पत्रिका में छपे अपने लेख में कहा है। क्योंकि हालाँकि तालिबान ने इस शांतिचर्चा में सहभाग लिया है, फिर भी इन चर्चाओं से अफ़गानिस्तान से अधिक पाकिस्तान का ही भला होगा, ऐसी चिंता नबील ने ज़ाहिर की। उसी के साथ, जब से अमरीका ने अफ़गानिस्तान में आतंकवादविरोधी युद्ध छेड़ा है, तब से पाकिस्तान उसका फ़ायदा उठा रहा है, ऐसा आरोप नबील ने किया।

afghan-us‘गत बीस सालों में आतंकवादविरोधी युद्ध में पाकिस्तान ने बहुत ही चालाक़ी से अमरीका के रिपब्लिकन और डेमोक्रॅट प्रशासन के साथ छल किया। अब भी तालिबान के साथ चल रही शांतिचर्चा में बहुत सारीं ख़ामियाँ हैं। फिर भी अपने फ़ायदे के लिए पाकिस्तान, यह शांतिचर्चा सफल हों इसलिए जानतोड़ कोशिशें कर रहा है’, ऐसा नबील ने आगे कहा।

मुख्य बात यह है कि अमरीका और अफगान सरकार के साथ शांतिचर्चा करनेवाले तालिबान के प्रतिनिधी और अफ़गानिस्तान में हिंसाचार करवानेवाले तालिबान के आतंकवादी कमांडर, इनके बीच किसी भी प्रकार का संबंध और संपर्क ना होने का दावा नबील ने किया। इस कारण, कतार में चल रही शांतिचर्चा सफल भी हुई, तालिबान के प्रतिनिधियों ने हिंसाचार रोकने का आश्‍वासन भी दिया, तो भी उसपर अमल नहीं होगा। ऐसी स्थिति में, यदि अमरीका ने अफ़गानिस्तान से सेनावापसी की, तो वह पाकिस्तान के लिए पारितोषिक साबित होगा, ऐसी चेतावनी नबील ने दी।

अमरीका की इस सेना वापसी के बाद पाकिस्तान, तालिबान की सहायता से अफ़गानिस्तान पर की अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिशें शुरू करेगा। उसीके साथ, पाकिस्तान अफ़गानिस्तान में आतंकियों के नये प्रशिक्षण अड्डें बनाकर इस क्षेत्र को अधिक से अधिक अस्थिर करेगा। इस क्षेत्र में अस्थिरता क़ायम रहना, यही पाकिस्तान के हित में है और इसीलिए पाकिस्तान का यही लक्ष्य है, ऐसा दोषारोपण नबील ने किया।

afghan-usयह शांतिचर्चा सफल हुई होने का दिखावा खड़ा करने के लिए पाकिस्तान, तालिबान के ज़रिये अल-कायदा के कुछ वरिष्ठ नेताओं की जानकारी भी सार्वजनिक करेगा। अल कायदा के आतंकी मारे भी जायेंगे अथवा गिरफ़्तार भी होंगे। इससे पाकिस्तान आतंकवादविरोधी युद्ध में अपना महत्त्व बढ़ाने की, अमरीका का भरोसा जीतने की कोशिश करेगा। ऐसा हुआ, तो पाकिस्तान को अफ़गानिस्तान में दख़लअन्दाज़ी करना अधिक आसान होगा, ऐसा निष्कर्ष नबील ने अपने लेख में प्रस्तुत किया। अमरीका की सेनावापसी के बाद अफ़गानिस्तान में सिरिया जैसा गृहयुद्ध भड़क उठेगा। अफगान लष्कर, तालिबान, आयएस तथा अन्य पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी संगठनों के बीच संघर्ष भड़केगा, ऐसी चेतावनी भी नबील ने दी।

इसी बीच, अमरीका अफ़गानिस्तान से सेनावापसी ना करें, तालिबान के साथ संघर्षबंदी ना करें, ऐसी माँग अफ़गानिस्तान के नेता और जनता पिछले कुछ महीनों से कर रहे हैं। तालिबान का इस्तेमाल करके पाकिस्तान अफ़गानिस्तान की बागड़ोर अपने हाथ में लेगा, ऐसा दावा भी अफगानी नेता कर रहे हैं। कुछ ही दिन पहले, अफ़गानिस्तान के उपराष्ट्राध्यक्ष सालेह ने भी आरोप किया था कि पाकिस्तान तालिबान को हथियारों की सप्लाई कर रहा है। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व संसद सदस्य खटक ने आरोप किया था कि इस क्षेत्र में सामरिक बढ़त हासिल करने के लिए पाकिस्तान अफ़गानिस्तान पर वर्चस्व पाना चाहता है और इसी कारण पाकिस्तान तालिबान का इस्तेमाल हथियार जैसा कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.