अफगानिस्तान में शक्तिशाली बमविस्फोट में ८० लोगों की मौत; ईरान और जर्मनी के दूतावासों का बड़ा नुकसान

काबूल, दि. ३१ : अफगानिस्तान की राजधानी काबूल में ८० लोगों को मारनेवाला और ३५० से ज़्यादा लोगों को घायल करनेवाला भीषण विस्फोट करके आतंकवादियों ने इस देश को ज़ोर का झटका दिया| इस विस्फोट में ईरान और जर्मनी के दूतावासों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ होकर, ईरान के राजदूत घायल हुए हैं| भारत, जापान, फ्रान्स और चीन के देशों के दूतावासों ने भी, इस विस्फोट के झटकों का एहसास हुआ, ऐसा कहा है| अब तक इस विस्फोट की ज़िम्मेदारी का किसी भी आतंकवादी संगठन ने स्वीकार नहीं किया है| पाकिस्तान ने तुरंत इस बमविस्फोट का निषेध दर्ज किया है|

बमविस्फोटकई देशों के दूतावास और महत्त्वपूर्ण ऑफिसेस रहनेवाले काबूल के झनबाक स्क्वेअर इलाके में, आतंकवादियों ने विस्फोट से भरे ट्रक को टकराकर यह खतरनाक विस्फोट किया| यह विस्फोट हालाँकि जर्मन और ईरान के दूतावासों के नज़दीक हुआ, मग़र फिर भी इस इलाके में अन्य देशों के भी दूतावास होने के कारण, हमलेवारों का लक्ष्य निश्‍चित रूप में कौनसा दूतावास था, यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है| साथ ही, किसी भी आतंकवादी संगठन ने इसकी ज़िम्मेदारी का स्वीकार नहीं किया है| तालिबान ने भी, इस हमले के पीछे अपना हाथ नहीं है, ऐसा कहा है|

यह विस्फोट इतना ख़तरनाक था कि यहाँ की कुछ ईमारतों के छत भी नीचे आ गये| इस मलबे के नीचे भी कुछ लोगों की मौत हुई होगी, ऐसा डर जताया जा रहा है| इसी कारण मौत की तादाद बढने की संभावना है| बमविस्फोट में मारे गये लोगों में महिलाओं और बच्चों का बडी मात्रा में समावेश है|

बमविस्फोट हुई जगह से आसपास की २०० मीटर के दायरे में होनेवालीं ईमारतों को क्षति पहुँची है| जर्मन दूतावास और ईरान के दूतावास में बडा नुकसान हुआ होकर, ईरान के राजदूत मोहम्मद बारखामी घायल हुए हैं| जापान के दूतावास के कुछ कर्मचारी भी घायल होने की खबर है| बीबीसी इस आंतर्राष्ट्रीय चॅनेल की व्हॅन का ड्रायव्हर इस हमले में मारा गया होकर, बीबीसी के चार पत्रकार घायल हुए हैं|

भारतीय दूतावास बमविस्फोट की जगह से नज़दीक है, ऐसे कहा जाता है| भारतीय दूतावास की ईमारत का इस बमविस्फोट में कुछ मात्रा में नुकसान हुआ है, मग़र फिर भी भारतीय दूतावास के सभी अधिकारी और कर्मचारी सुरक्षित हैं, ऐसी जानकारी विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने दी|

दुनिया भर से इस हमले पर निषेध जताया जा रहा है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले का निषेध करते हुए, भारत अफगानिस्तान के समर्थन में और आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है, ऐसे कहा है| साथ ही, आतंकवादियों को समर्थन देनेवालीं शक्तियों को नेस्तनाबूद करने की ज़रूरत है, यह बताते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों का समर्थन करनेवाले पाकिस्तान पर निशाना साधा| अमरीका, ब्रिटन, जर्मन, जापान, चीन, फ्रान्स इन सभी प्रमुख देशों ने इस हमले का निषेध किया| पाकिस्तान ने भी इस विस्फोट के बाद उसका निषेध जताया है|

अमरीका के रक्षामंत्री जेम्स मॅटीस ने, अफगानिस्तान में तैनात रहे विदेशी सैनिकों के लिए यह साल अधिक कठिन है, ऐसे कहा है| इस वक्त अमरीका अफगानिस्तान पर का नियंत्रण अधिक बढ़ाने के लिए, और ५० हज़ार सैनिक इस देश में तैनात करने के तैयारी में है, ऐसे दिखाई देता है| इस हमले के कारण अमरीका का सेना-तैनाती का फ़ैसला अधिक पक्का हो जायेगा| इसी दौरान, इस विस्फोट के पीछे यदि तालिबान या फिर पाकिस्तान का समर्थन रहा कोई अन्य आतंकी संगठन है, यह स्पष्ट हुआ, तो उसके ख़तरनाक नतीज़े पाकिस्तान को भी भुगतने पडेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं|

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