अमरीका ने सबूत दिए तो ‘हक्कानी नेटवर्क’ पर कार्रवाई करेंगे – पाकिस्तान के विदेश मंत्री की घोषणा

इस्लामाबाद: अमरीका के विदेश मंत्री रेक्स टीलरसन और रक्षा मंत्री जेम्स मॅटिस जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करने वाले है। इन दोनों की तरफ से पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर निर्णायक इशारा दिया जाएगा, इस तरह की  चर्चा शुरू हुई है। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा असिफ ने हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों का कारण बताकर अमरीका पाकिस्तान को लक्ष्य बना रही है, ऐसा आरोप किया है। साथ ही पाकिस्तान किसी का भी आदेश नहीं सुनेगा, ऐसा असिफ ने कहा है। लेकिन, अमरीका ने सबूत दिए तो पाकिस्तान ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों पर संयुक्त कार्रवाई के लिए तैयार रहेगा, ऐसा असिफ ने घोषित किया है।

‘हक्कानी नेटवर्क’पाकिस्तान मे मीडिया से बोलते समय विदेश मंत्री ख्वाजा असिफ ने अपना देश किसीका भी हुकुम स्वीकार नहीं करेगा, ऐसा कहा है। अमरीका के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर आने से पहले ख्वाजा असिफ ने किया हुआ यह दावा महत्वपूर्ण है। लेकिन यह दावा करते समय, उन्होंने ‘हक्कानी नेटवर्क’ के खिलाफ अमरीका ने सबूत दिए तो पाकिस्तान उसपर संयुक्त कार्रवाई करने के लिए तैयार है, ऐसा घोषित भी किया है। उनके यह विधान पाकिस्तान की जनता मे अपने सरकार की प्रतिमा और प्रतिष्ठा कायम रखने के लिए गए है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

ख्वाजा असिफ ने कुछ विवादास्पद विधान करके पाकिस्तानी मीडिया और कट्टरपंथीयों के साथ ही लश्कर के गुस्से को भी अपनी ओर खींच लिया है। ‘लश्कर-ए-तोयबा’, ‘जैश-ए-मोहम्मद’, और ‘हफीज सईद’ पाकिस्तान के परेशानी का कारण है, ऐसा ख्वाजा असिफ ने अमरीका मे बोलते समय कहा था। इस वजह से उनकी जोरदार आलोचना हुई थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ही इस बात को कबूल करने की वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की अवस्था ख़राब हुई है। इसके बाद अपना बचाव करने के लिए ख्वाजा असिफ ने आक्रामक भूमिका लेकर अमरीका पर भी टीका की थी और भारत को भी इशारा दिया था।

मंगलवार को भी ख्वाजा असिफ ने पाकिस्तान किसीका भी हुकुम नही मानेगा, ऐसा कहकर अमरीका को प्रत्युत्तर देने का दिखावा किया था। इतनाही नहीं ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों पर कार्रवाई का कारण बताकर अमरीकाने पाकिस्तान को लक्ष्य बनाने की आलोचना भी ख्वाजा असिफ ने की थी। लेकिन अगर ‘हक्कानी नेटवर्क’ पाकिस्तान मे होने के अमरीका ने सबूत दिए तो पाकिस्तान अमरीका के साथ संयुक्त कार्रवाई करके इस आतंकवादी समूह का हमेशा के लिए बंदोबस्त करने के लिए तैयार है, ऐसा भी असिफ ने कहा है।

‘हक्कानी नेटवर्क’ तालिबान मे स्थित खतरनाक आतंकवादियों का समूह है और अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा इलाके मे इस समूह के आतंकवादी छिपे है। हक्कानी नेटवर्क को पाकिस्तान की ‘आईएसआई’ सम्पूर्ण सुरक्षा और सहकार्य की आपूर्ति करती है। ‘आयएसआय’ के इशारे से ही ‘हक्कानी नेटवर्क’ के आतंकवादियों ने आज तक अफगानिस्तान मे आतंकवादी तैयार किये है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान विषयक अपनी नई नीति घोषित करते समय अमेरिकन सैनिकों पर हमला करने वाले ‘हक्कानी नेटवर्क’ का उल्लेख करके इस समूह को पाकिस्तान से मदद मिलने की कडी आलोचना की थी।

साथ ही अमरीका के रक्षा मंत्री मॅटिस ने आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए अमरीका तैयार होने का इशारा दिया था। फिर भी पाकिस्तान को एक मौका देने की तैयारी अमरिकन रक्षा मंत्री ने दिखाई है और उसीके सन्दर्भ मे वह पकिस्तान के दौरे पर जानेवाले है, ऐसा कहा जा रहा है।

उनके इस दौरे से पहले ही पाकिस्तान डर गया है, ऐसा दिखाई दे रहा है। एक ही समय पर अमरीका की कार्रवाई का डर और अमरीका के बारे मे नफरत पाकिस्तान की मीडिया से व्यक्त किया जा रहा है। उसी समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कुछ महीनों तक ही कायम रहेगी, ऐसी स्थिति मे पहुँच गई है, इसकी याद भी इस देश के वित्त विशेषज्ञों ने दिलाई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कर्ज नहीं दिया, तो पाकिस्तान देश को चलाना मुश्किल हो जाएगा और ऐसी परिस्थिति मे अमरीका ने प्रतिबन्ध लगाए तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गिर सकती है, इस बात की तरफ जानकार ध्यान खींच रहे है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका का हुकुम नहीं मानेंगे, यह पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने किया हुआ दावा हास्यास्पद है।

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