पर्शियन आखात में अमरीका और मित्र देशों का सबसे बडा युद्धाभ्यास

वॉशिंग्टन, दि. २४: पर्शियन आखात में अमरीका और मित्र देशों की नौसेनाओं का अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास संपन्न हुआ| २१ देशों के सहभाग वाले इस युद्धअभ्यास में अमरीका के पाँचवे आरमार के मुख्य युद्धपोत शामिल हुए थे| वहीं, आखात में अमरिकी मित्रदेशों में से सौदी अरेबिया, संयुक्त अरब अमिरात, कुवैत, ओमान और ब्रिटन, फ्रान्स जैसे प्रमुख दोस्त राष्ट्रों ने इस युद्धाभ्यास के लिए अपने विध्वंसक रवाना किये थे| आखात में बनी परिस्थिती का विचार करते हुए इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था, ऐसी जानकारी युद्धाभ्यास में शामिल हुए एक अधिकारी ने दी है|

पर्शियन आखात

आखात के बाहरिन स्थित अमरिकी नौसेना के ‘सेंट्रल कमांड’ ने प्रकाशित की जानकारी अनुसार, ‘इंटरनॅशनल मेरीटाईम एक्सरसाईज्’का (आयएमएक्स) आयोजन किया गया था| २ मई को शुरू हुआ यह युद्धाभ्यास पिछले हफ्ते १८ मई को संपन्न हुआ| पर्शियन आखात तथा मनामा के आखात में यह युद्धाभ्यास शुरु था| दो हफ्तों से चल रहे इस युद्धाभ्यास का विवरण घोषित नही किया गया था| चार दिन के बाद यह जानकारी प्रकाशित की गयी है|

बाहरिन के बंदरगाह में तैनात अमरीका के पाँचवें आरमार के विमानवाहक युद्धपोत, विध्वंसक तथा पनडुब्बियों ने इस युद्धाभ्यास में सहभाग लिया| युद्धाभ्यास में, प्रक्षेपास्त्र से हुए हमलों का मुकाबला, जवाबी हमला करना तथा सागरी सुरंग या विध्वंसको पर होनेवाले टॉर्पेडो हमलों को जवाब देना जैसीं स्थितियों का भी अभ्यास किया गया|

सन २०१६ में संपन्न हुआ ‘आयएमएक्स’ का अभ्यास चार दिनों तक मर्यादित था| इसमें ‘टेबल टॉप’ अर्थात व्यूहरचना की रूपरेखा बनाना जैसे अभ्यास का भी समावेश था| इसमें नौसेना के अभियानों की योजनाएँ तथा आंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग तथा समन्वय बढ़ाने का प्रशिक्षण दिया गया था| लेकिन इस साल अभ्यास की व्याप्ति बढ़ाई गयी है और ‘टेबल टॉप’ प्रशिक्षण के साथ सागरी अभ्यास पर ज़ोर दिया गया है| इसलिए इस बार का ‘आयएमएक्स’ का युद्धाभ्यास बड़ा होने का दावा किया जाता है| अगले साल होनेवाला युद्धाभ्यास इससे भी बड़ा होगा| आगामी युद्धाभ्यास में और मित्रदेशों की नौसेनाएँ शामिल हो सकतीं हैं, ऐसा दावा ब्रिटीश नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने किया|

अमरीका और मित्रदेशों के युद्धपोतों का यह युद्धाभ्यास महत्त्वपूर्ण माना जाता है| पिछले कई सालों से पर्शियन और होर्मुझ के आखात में तनाव पैदा हुआ है| ईरान की गश्ती नौकाओं द्वारा अमरिकी विमानवाहक युद्धपोत और विध्वंसकों का पीछा किया जा रहा है| साथ ही, ईरान के गश्ती जहाजों द्वारा, अमरिकी युद्धपोत की दिशा में रॉकेट का निशाना रखा जाने का मामला भी सामने आया है| इसके अलावा, ईरान के ‘ड्रोन’ द्वारा, अमरिकी विमानवाहक युद्धपोत के ऊपर से चक्कर लगाते हुए फोटोग्राफ्स निकाले जाने की बात भी सामने आ चुकी है| इस घटना पर अमरीका ने नाराज़गी जतायी थी|

ऐस स्थिति में अमरीका और मित्रदेशों का इस सागरी क्षेत्र में हुआ यह युद्धाभ्यास ईरान के लिए चेतावनी साबित हो रहा है|

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