‘जम्मू-कश्मीर में सेना को पूरी आज़ादी’ : रक्षामंत्री अरुण जेटली

नई दिल्ली, दि. २५: ‘जम्मू-कश्मीर के हालात क़ाबू में लाने के लिए सेना को पूरी तरह आज़ादी दी गई है| इस संघर्षग्रस्त राज्य में ज़रूरत के अनुसार मुहिम हाथ में लेने की छूट सेना को दी गई है, ऐेसे शब्दों में रक्षामंत्री अरुण जेटली ने, केंद्र सरकार सेना के पीछे दृढ़तापूर्वक खड़ी है, ऐसा स्पष्ट किया| नियंत्रणरेखा पर भारतीय सेना के पाकिस्तान से जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री ने यह भरोसा दिलाया है| उसी समय, पथ्थरबाज़ों से चुनाव आयोग के अधिकारियों को बचाने के लिए मेजर नितीन गोगोई ने की कार्रवाई परिस्थिति के अनुसार सही थी, ऐसा खुलासा रक्षामंत्री ने एक समाचार चैनल को इंटरव्यू देते समय किया|

पिछले कुछ दिनों से भारतीय सेना नियंत्रणरेखा पर पाकिस्तानी सेना के कारनामों को मुँहतोड़ जवाब दे रही है| आनेवाले समय में भी भारतीय सेना इसी प्रकार की कड़ी कार्रवाई करेगी और भारत सरकार का ऐसी कार्रवाई को पूरा समर्थन रहेगा, ऐसा रक्षामंत्री जेटली ने स्पष्ट किया है| भारतीय सेना ने पाकिस्तानी चौकियाँ तबाह करते हुए दिखानेवाला विडियो जारी करने के बाद, पूरे देशभर से इसपर संतोष जताया जा रहा है| इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री ने दिया बयान अहम साबित हो रहा है और आनेवाले समय में पाकिस्तान को सबक सिखानेवाली कार्रवाई और तेज़ हो सकती है, ऐसे संकेत रक्षामंत्री जेटली के बयान से मिल रहे हैं|

इसी दौरान, जम्मू-कश्मीर के कुछ अलगावादियों द्वारा सेना के वाहनों पर किए जा रहे पथराव में बढ़ोतरी हुई है| कुछ हफ़्ते पहले चुनाव आयोग के अधिकारियों को इस पथराव से सहीसलामत बाहर निकालने के लिए सेना के मेजर नितीन गोगोई ने जमाव में से एक आदमी को सेना के वाहन को बाँधा था| इस वजह से उस वाहन पर पथराव नहीं हुआ था और अधिकारियों को सुरक्षित रूप से बाहर जाने का रास्ता मिला था| जम्मू-कश्मीर के कुछ नेताओं ने इस घटना पर कड़ा गुस्सा ज़ाहिर करते हुए, इस मामले में कार्रवाई करने की माँग की थी| लेकिन इस मामले में तहकिकात करने के बाद सेना ने, मेजर गोगोई ने दिखाई समयसूचकता की तारीफ़ की थी| इसपर भी कुछ बुद्धिवादियों ने ऐतराज़ जताया था|

इस तरह की कार्रवाई की वजह से जम्मू-कश्मीर के हालात और भी बिगड़ेंगे, ऐसा दावा बुद्धिवादी कर रहे है| लेकिन मेजर गोगोई को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है और इसका प्रतिबिंब सोशल मिडिया पर भी दिखाई दे रहा है| इस मसले पर एक समाचार चैनल के साथ बात करते समय अरुण जेटली ने, मेजर गोगोई ने लिए निर्णय का समर्थन किया| मेजर गोगोई ने इस युवक को किसी भी प्रकार की चोट नहीं पहुँचने दी| वे यदि यह समयसूचकता नहीं दिखाते, तो इस वाहन पर हमला हो सकता था और अधिकारियों की जान ख़तरे में पड़ सकती थी| अधिकारियों की रक्षा की ज़िम्मेदारी सेना पर थी| ऐसे हालात में गोलीबारी करनी पड़ सकती थी| लेकिन मेजर गोगोई ने इस युवक को आगे करके, ऐसे हालात निर्माण ना हों इसकी कोशिश की, यह यकीनन ही काबीले-तारीफ़ है, ऐसा खुलासा रक्षामंत्री ने किया|

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