कृषि, गृह और लघु उद्योग के लिए आरबीआई ने घोषित किया ५० हज़ार करोड का पैकेज – रिव्हर्स रेपो रेट कम करने का भी हुआ निर्णय

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – कोरोना वायरस की महामारी के कारण खडे हुए संकट से देश की अर्थव्यवस्था का विकास दर, गिरावट के साथ दो प्रतिशत से भी नीचे जाएगा, इस संभावना का रिजर्व्ह बैंक के गव्हर्नर शक्तिकांत दास ने कडा एहसास दिलाया है। लेकिन यह संकट ख़त्म होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ७.२ प्रतिशत विकास दर के साथ प्रगति पर रहेगी, यह विश्‍वास भी दास ने व्यक्त किया है। मग़र फिलहाल कठिनाइयों से भरे वर्तमान के दौर में ठप हो रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रिजर्व्ह बैंक के गव्हर्नर ने करीबन 50 हजार करोड रुपयों का बडा पैकेज घोषित किया है। कृषि, गृह एवं लघु उद्योग की आर्थिक सहायता करने के लिए यह रकम नाबार्ड, सीआईडीबीआई एवं एनएचबी को प्रदान की जाएगी। इसके अलावा आरबीआई ने रिव्हर्स रेपो रेट में ०.२५ प्रतिशत कटौती की है। कोरोना की महामारी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रही है, ऐसे में आरबीआई ने उठायें इन कदमों का उद्योग जगत में स्वागत किया जा रहा हैं।

आरबीआई के गव्हर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से बनें संकट की पृष्ठभूमि पर बडा ऐलान किया। दुनियाभर में बडी आर्थिक मंदी की संभावना जताई जा रही है। लेकिन अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति काफी अच्छी है और वर्तमान स्थिति में आर्थिक नुकसान कम करने पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है, यह बयान गव्हर्नर शक्तिकांत दास ने किया है।

देश में लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक उत्पाद ठप हुआ है और कोरोना से मुक्त हुए या पिछले १४ दिनों में कोरोना का एक भी मरीज देखा नहीं गया है, ऐसे एरिया में कुछ शर्तों पर कारखाने शुरू किए जा रहे हैं। ऐसे में आर्थिक संकट का सामना कर रहे उद्योग जगत को पैसों की कमी महसूस ना हों, इस नजरिए से आरबीआई ने, नैशनल बैंक फॉर एग्रिकल्चर ॲण्ड रूरल डेव्हलपमेंट (नाबार्ड), स्मॉल इंडस्ट्रिअल डेव्हलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (सीआईडीबीआई) और नैशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को कुल ५० हज़ार करोड़ रुपयों का पैकेज देने का ऐलान किया है। नाबार्ड के जरिए ग्रामीण, जिला एवं राज्य सहकारी बैंकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह बैंक किसानों को कर्ज प्रदान करती है। इस वजह से खरिप हंगाम शुरू होने से पहले किसानों को कर्जा देने के लिए बैंकों को अतिरिक्त निधी प्राप्त होगा। इस दृष्टि से, नाबार्ड को इस आर्थिक पैकेज के जरिए २५ हजार करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।

सीआईडीबीआई, देश में लघु और मध्यम उद्योगों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है; वहीं, एनएचबी गृह परियोजना के लिए एवं होमलोन प्रदान करनेवाली बैंकों को वित्त सहायता प्रदान करती है। इन दोनों क्षेत्रों का लॉकडाउन के कारण काफी बडा नुकसान हुआ है और इन उद्योगों को जरूरी आर्थिक सहायता में कमी ना बनें, इसलिए सीआईडीबीआई और एनएचबी को पैकेज दिया गया है। सीआईडीबीआई को १५ हज़ार करोड और एनएचबी को १० हज़ार करोड रुपये आरबीआई प्रदान कर रही हैं।

साथ ही, आरबीआई ने रिव्हर्स रेपो रेट में ०.२५ प्रतिशत कटौती की है। रिव्हर्स रेपो यानी बैंकों ने जमा की हुई रकम पर आरबीआई से दिया जानेवाला ब्याज। अब यह ब्याजदर ४ प्रतिशत से ३.७५ प्रतिशत किया गया है। बैंकों को आरबीआई में पैसा जमा रखने पर कम ब्याज प्राप्त होगा और इस कारण बैंक अधिक से अधिक रकम अपने हाथ में रखेंगे। इसका मतलब यही है कि देश के बैंक को इस रकम का कर्ज के माध्यम से बटवारा करना होगा। इस वजह से बाजार में कैश की उपलब्धता बढ़ेगी। इसी वजह से आरबीआई ने रिव्हर्स रेपो दर में कटौती की है।

आरबीआई ने किए निर्णय का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। साथ ही, आरबीआई के इस ऐलान के बाद मुंबई शेअर बाजार के निदेशांक में ९८६ अंकों का उछाल देखा गया है।

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