हौथियों को ‘आतंकवादी’ घोषित करने के लिए २९ स्वयंसेवी संगठनों का विरोध

वॉशिंग्टन – येमेनस्थित हौथी बाग़ियों ने हौदेदा शहर पर किये हमले में १० लोगों की जानें गयीं। इसके साथ, पिछले दो हफ़्तों में हौथियों के हमले में मारे गए लोगों की संख्या ५१ पर पहुँची होकर इनमें बच्चों का भी समावेश है। येमेन की जनता की जानें लेनेवाले हौथियों को ‘आतंकवादी’ घोषित करने के लिए अमरीका के ट्रम्प प्रशासन की कोशिशें शुरू हैं। लेकिन यदि ऐसा हुआ, तो येमेन में पहुँचायी जा रही मानवतावादी सहायता पर इसका असर होगा, ऐसा बताकर, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर के २९ स्वयंसेवी संगठनों ने, हौथियों को ‘आतंकवादी’ घोषित ना करें, ऐसी माँग की है। उसी के साथ ओमान के विदेशमंत्री ने भी, अमरीका के इस फ़ैसले से हालात बदलनेवाले नहीं हैं, ऐसा कहा है।

us-houthis-yemenयेमेन की सरकार के ख़िलाफ़ बग़ावत करके सत्ता हथियानेवाले हौथी बाग़ियों को सौदी अरब तथा संयुक्त अरब अमिरात’ (युएई) ने सन २०१४ में ही ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया था। येमेन समेत अपने भी देह में आतंकी कारनामों में वह सहभागी होने का आरोप सौदी तथा युएई ने किया था। सन २०१८ से अमरीका का ट्रम्प प्रशासन भी हौथी बाग़ियों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं कोशिशों के भाग के रूप में पिछले कुछ दिनों से राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस दिशा में तेज़ गतिविधियाँ शुरू कीं थीं।

येमेन के हौथी बाग़ियों को ईरान से सहायता मिल रही होने का आरोप अमरीका, सौदी, युएई कर रहे हैं। अमरीका तथा सौदी ने इससे पहले इसके सबूत भी पेश किये थे। इस कारण हौथियों को ‘आतंकी’ घोषित करके ईरान पर का दबाव बढ़ाने की राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प की योजना थी। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने पहले ही हौथियों को निर्बंधित किया होकर, उन्हें हथियारों की सप्लाई करने को मनाही की है। ऐसी स्थिति में, हौथियों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करने पर येमेन में सेना घुसाकर हौथियों के विरोध में कार्रवाई करना अमरीका के लिए आसान हो जाता। इसका ठेंठ असर हौथियों की सहायता करनेवाले ईरान पर पड़ जाता, ऐसा दावा अमरीका के पूर्व राजदूत और विश्‍लेषक कर रहे हैं।

लेकिन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह फ़ैसला करने से पहले ही अमरीका समेत दुनियाभर के तक़रीबन २९ स्वयंसेवी संगठनों ने, हौथियों को ‘आतंकी संगठन’ घोषित ना करें, ऐसी माँग की है। ‘ऑक्सफम अमेरिका’, ‘नॉर्वेयिअन रिफ्युजी काऊन्सिल’, ‘इंटरनॅशनल रेस्न्यू कमिटी’ ऐसे २९ स्वयंसेवी एवं मानवतावादी सहायता करनेवाले संगठनों ने अमेरिकन काँग्रेस को लिखे पत्र में, हौथियों को ‘आतंकी संगठन’ घोषित करने के फ़ैसले का विरोध किया है।

us-houthis-yemenयेमेन के लगभग ८० प्रतिशत भाग पर हौथियों का वर्चस्व है। हौथी बाग़ियों की मंज़ुरी के बाद ही येमेन की जनता को मानवतावादी सहायता की आपूर्ति की जाती है। ऐसी स्थिति में यदि उन्हें ‘आतंकी संगठन’ घोषित किया, तो येमेनी जनता को मिलनेवाली सहायता रोकी जायेगी, यहाँ की जनता भूखी मर जायेगी, वैद्यकीय सहायता पर असर होगा और उससे दारूण संकट उद्भवित होगा, ऐसी चेतावनी ये मानवतावादी संगठन दे रहे हैं। वहीं, ओमान के विदेशमंत्री ‘सईद बद्र अल बुसैदी’ ने भी हौथियों को ‘आतंकवादी’ घोषित करने से कुछ फ़र्क़ पड़नेवाला है क्या, ऐसा सवाल किया। हौथियों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करने से येमेन में चल रहा संघर्ष रुकनेवाला न होकर, उल्टा वह अधिक ही भड़केगा, ऐसा बुसैदी ने कहा है।

ऐसी स्थिति में, ईरान पर सभी ओर से दबाव बढ़ाने की कोशिश में होनेवाला अमरीका का ट्रम्प प्रशासन, हौथी बाग़ियों के संदर्भ में क्या फ़ैसला करता है, इसपर सभी का ध्यान केंद्रित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.