यूक्रैन की तरह ही अरब-खाड़ी क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान दें – अंतरराष्ट्रीय समूदाय से कतार और सौदी का आवाहन

दोहा – युद्ध की वजह से यूक्रैन की जनता परेशान है और इसकी पूरे विश्‍व में चर्चा हो रही है| लेकिन, सीरियन, पैलेस्टिनी, लिबियन और इराकी एवं अफ़गान जनता की यातनाओं की विश्‍व स्तर पर चर्चा होती हुई नहीं दिखाई देती, ऐसा बयान सौदी अरब और कतार ने किया है| इसके आगे हमारे क्षेत्र की समस्याओं को यूक्रैन की समस्या की तरह ही अहमियत दी जाएगी, यह उम्मीद सौदी और कतार ने व्यक्त की है|

arab-gulf-problems-1कतार की राजधानी दोहा में आयोजित किए ‘दोहा फोरम’ की चर्चा में कतार के विदेशमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने यूक्रैन युद्ध पर अपनी भूमिका स्पष्ट शब्दों में रखी| यूक्रैन में युद्ध का भीषण असर यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है और इस बात की विश्‍व स्तर पर चर्चा हो रही है| लेकिन, सीरियन, पैलेस्टिनी, लीबियन और इराक एवं अफ़गान जनता भुगत रही यातनाओं पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी प्रतिक्रिया नहीं मिलती, ऐसी आलोचना कतार के विदेशमंत्री ने की| इस परिषद में मौजूद सौदी अरब के विदेशमंत्री प्रिन्स फैजल बिन फरहान ने कतार के विदेशमंत्री के आरोपों का समर्थन किया|

यूक्रैन के युद्ध के बाद ट्रान्स अटलांटिक देशों के घने संबंध विश्‍व को दिखाई दिए और इसकी सराहना भी की जाएगी| लेकिन, पश्‍चिमी देशों ने शेष विश्‍व के साथ उतने ही सहयोगभरें ताल्लुकात रखना अच्छा होगा, ऐसा हमारा विचार होने का बयान सौदी अरब के विदेशमंत्री ने किया| इसी बीच कुछ महीने पहले एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाने वाले सौदी अरब और कतार के बीच इस विषय पर हुई सहमति ध्यान आकर्षित करती है| यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्सकी ने कतार से चर्चा करके कतार ईंधन वायु का उत्पादन बढ़ाने और यूरोपिय देशों को इसकी आपूर्ति करने का आवाहन किया था|

यूरोपिय देश ईंधन के लिए रशिया पर निर्भर हैं| इसलिए वे रशिया के खिलाफ सख्त भूमिका नहीं अपना सकते| इसकी वजह से कतार ने यूरोपिय देशों को ईंधन वायु की आपूर्ति करके रशिया का स्थान पाएं, यह राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की का विचार था| अमरीका भी इसके लिए कतार पर दबाव ड़ाल रही है| अमरीका ने इसके लिए सौदी पर भी दबाव ड़ाला था| पर कुछ भी हो जाए, कतार यूरोप को बडे पैमाने पर ईंधन प्रदान करने वाली रशिया का स्थान नहीं ले सकता, यह इशारा कतार ने दिया है| सौदी ने भी अमरीका की मॉंग खारिज करके ईंधन उत्पादन बढ़ाने से इन्कार किया था| इसकी वजह से सौदी और कतार एवं अन्य ईंधन उत्पादक खाड़ी के देश अमरीका पर निर्भर होकर रशिया को दुखाने के लिए तैयार ना होने की बात दिख रही है|

लेकिन, अमरीका के दबाव के खिलाफ अपनी एकजुट आवश्यक होने का अहसास खाड़ी देशों को हुआ है| दोहा फोरम में इसकी छबि दिखाई पड़ी है और कुछ महीने पहले एक-दूसरे खिलाफ रहे कतार और सौदी अपने तीव्र मतभेद दूर करके एक-दूसरे का सहयोग करते हुए दिखने लगे हैं|

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