पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध नाकाम हुए – पोलैण्ड के प्रधानमंत्री का दावा

poland-western-russia-sanctions-2वार्सा/मास्को – पश्‍चिमी देशों ने रशिया पर लगाए प्रतिबंध नाकाम हुए हैं और रशियन मुद्रा रुबल का मौजूदा मूल्य इसके स्पष्ट संकेत दे रहा है, ऐसा दावा पोलैण्ड के प्रधानमंत्री मैत्सुस्झ मोराविकी ने किया| कुछ दिन पहले पोलैण्ड के प्रधानमंत्री ने यूरोप के शीर्ष देशों पर रशिया की ओर झुकाव होनेवाली नीति अपनाने का आरोप लगाया था| यूरोपिय महासंघ के पूर्व राजनीतिक अधिकारी ऐलिस्टर क्रूक ने भी इशारा दिया है कि, महासंघ के प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए कोई भी योजना ना होने के बावजूद रशिया पर लगाए गए प्रतिबंध यानी यूरोप ने स्वयं ही ‘डेथ वॉरंट’ तैयार करने जैसा है|

poland-western-russia-sanctions-1यूरोपिय महासंघ ने अब तक चार चरणों में रशिया पर बड़े प्रतिबंध लगाए हैं| इस हफ्ते नए प्रतिबंधों का ऐलान करने के संकेत भी दिए गए हैं| अब तक लगाए गए प्रतिबंधों में रशिया के ८७० से अधिक नेता, अधिकारी एवं उद्यमियों के साथ ६२ रशियन कंपनियों को लक्ष्य किया गया है| लेकिन, ईंधन क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने पर अब तक सहमति नहीं हो सकी है| इस पर यूरोप में तीव्र मतभेद हैं और जर्मनी, ऑस्ट्रीय जैसे प्रमुख देशों ने रशियन ईंधन का आयात बंद नहीं कर सकते, ऐसी स्पष्ट भूमिका अपनाई है| इस भूमिका का पोलैण्ड समेत बाल्टिक देशों ने विरोध किया है और ईंधन पर प्रतिबंध लगाने ही पडेंगे, ऐसी आक्रामक भूमिका अपनाई है|

इस पृष्ठभूमि पर पोलैण्ड के प्रधानमंत्री का बयान ईंधन पर प्रतिबंध लगाने के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि तैयार करने की कोशिश होने की बात दिख रही है| ‘रशियन मुद्रा रुबल का मूल्य एक लिटमस टेस्ट थी| रशिया ने यूक्रैन पर हमला करने से पहले रुबल का जो मूल्य था, उस स्तर पर जाने में रुबल सफल हुआ है| अर्थात, रशिया पर लगाए गए आर्थिक, वित्तीय, पत संबंधित एवं बजेट से जुड़े जो प्रतिबंध लगाए गए थे, उसका ज़रासा भी प्रभाव नहीं पड़ा है| यह प्रतिबंध नाकाम हुए हैं| यह बात अब खुलेआम करने की आवश्यकता है’, यह दावा पोलैण्ड के प्रधानमंत्री मैत्युस्झ मोराविकी ने किया|

poland-western-russia-sanctions-3रशिया का यूक्रैन पर हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से रुबल की जोरदार गिरावट हुई थी| एक डॉलर के लिए १३२ और एक यूरो के लिए १४७ रुबल्स प्रदान करने की स्थिति निर्माण हुई थी| लेकिन, मार्च के अन्त में एक डॉलर के लिए ८५ और यूरो के लिए ९३ रुबल चुकाने पड़ रहे हैं| पोलैण्ड के प्रधानमंत्री ने इस पर ध्यान आकर्षित करके पश्‍चिमी देशों की उम्मीद के अनुसार रशिया को इन प्रतिबंधों ने नुकसान नहीं पहुँचाया है, इसका अहसास कराया है| इसी बीच ब्रिटेन के पूर्व गुप्तचर अधिकारी एवं यूरोपिय महासंघ के पूर्व सलाहकार ऐलिस्टर क्रूक ने भी रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर महासंघ की आलोचना की है|

ईंधन स्रोत के अन्य विकल्प से संबंधित किसी भी तरह की योजना ना होने के बावजूद सिर्फ रशिया को झटका देने के उद्देश्य से यूरोपिय महासंघ ने लगाए प्रतिबंध यानी यूरोप ने स्वयं को लक्ष्य करने का प्रकार है, ऐसा इशारा क्रूक ने दिया| अमरीका और कतार जैसे देश कितनी भी मात्रा में ईंधन की आपूर्ति करें तब भी वे रशिया का स्थान नहीं ले सकते, इस पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया|

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