इस्रायल और खाड़ी देशों के सहयोग के प्रतीक नेगेव परिषद के प्रभाव का अहसास ईरान को हुआ है

– इस्रायली माध्यमों का दावा

तेल अवीव/तेहरान – इस्रायल ने आयोजित की हुई नेगेव परिषद में यूएई, बहरीन, मोरोक्को और इजिप्ट शामिल हुए थे| इस्रायल के साथ इन देशों की सुरक्षा संबंधी चर्चा और सहयोग ऐतिहासिक बात बनती है, यह दावा इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने किया था| इस्रायल से सहयोग करनेवाले अरब देशों को गंभीर परिणामों की धमकी दे रहे ईरान को अब कहीं जाकर इस परिषद के प्रभाव की कल्पना होने लगी है, यह दावा ईरान की वृत्तसंस्था ‘तस्निम न्यूज’ ने किया है| इस वृत्तसंस्था के दावों का संज्ञान लेने के लिए इस्रायली माध्यम मज़बूर होते हुए दिख रहे हैं|

iran-aware-impact-negev-conference-इस्रायल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बिन गुरियन ने नेगेव के रेगिस्तान में अपना घर बनाया था| इस्रायल के लिए ऐसे अहम स्थान पर इस परिषद का आयोजन करके इस्रायल ने काफी बड़ा संदेश दिया है| इसका कारण अमरीका की नीति से खाड़ी देश असुरक्षित हैं| अफ़गानिस्तान से अमरीका की वापसी के बाद सुरक्षा के लिए अमरीका पर निर्भर खाड़ी क्षेत्र के धनिक शेख जाग गए हैं| अफ़गानिस्तान की तरह अमरीका खाड़ी क्षेत्र से वापसी करेगी| इसके बाद हमारी सुरक्षा का क्या होगा? यह सवाल इन्हें सता रहा है| अमरीका का स्थान हासिल करने वाली शक्ति के तौर पर यह सभी अब इस्रायल की ओर देखने लगे हैं, इस अहम बात पर ‘तस्निम न्यूज’ ने ध्यान आकर्षित किया है|

इस्रायल के प्रमुख अखबार ‘जेरूसलम पोस्ट’ ने इस ओर ध्यान आकर्षित किया है और नेगेव परिषद के प्रभाव का अहसास अब ईरान को हुआ है, यह बात तस्निम न्यूज की खबर से सामने आ रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है| यूएई, बहरीन, मोरोक्को और इजिप्ट ने नेगेव परिषद में खुलेआम शामिल होकर इस्रायल के साथ रक्षा संबंधित सहयोग के लिए पहल की| आनेवाले दिनों में जॉर्डन, कुवैत, ओमान, कतार, सौदी अरब भी इसका हिस्सा होंगे और अरबों की नाटो जैसी संगठन खड़ी होगी, यह संभावना जताकर इससे ईरान को खतरा हो सकता है, यह संकेत ‘तस्निम न्यूज’ ने दिए हैं| लेकिन, सौदी अरब के ईंधन परियोजनाओं पर हमले कर रहे हौथी विद्रोहियों का इस्तेमाल करने वाले ईरान को सता रहा यह ड़र बिल्कुल आम होने का बयान ‘जेरूसलम पोस्ट’ ने किया है|

आनेवाले दिनों में अरब-खाड़ी देश ड्रोन, लेज़र्स तकनीक के क्षेत्र पर बढ़त पानेवाले इस्रायल का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए करेंगे, यह चिंता ईरान को सताने लगी है, यह भी इस्रायली अखबार ने कहा है|

israel-gulf-negev-2इसी बीच डोनाल्ड ट्रम्प अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष थे तब उन्होंने अपनी सौदी यात्रा के दौरान ‘अरब नाटो’ की कल्पना पेश की थी| लेकिन, उस समय इस पर ज्यादा रिस्पान्स प्राप्त नहीं हुआ था| पर, ज्यो बायडेन अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद उनकी ईरान समर्थक नीति का असर खाड़ी देशों पर दिखाई देने लगा है| इसी बीच अफ़गानिस्तान से वापसी और अमरीका के हरएक सहयोगी देश का विश्‍वासघात करने वाले निर्णय करके बायडेन प्रशासन ने अपने प्रति अविश्‍वास अधिक बढ़ाया है| ऐसी स्थिति में अमरीका ईरान के साथ कर रहे परमाणु समझौते की वजह से खाड़ी देशों में असुरक्षितता की भावना अधिक बढ़ी है| इसी कारण इस्रायल के साथ सहयोग करने का निर्णय इन देशों ने किया है| इससे ईरान के खतरे के साथ ही बायडेन प्रशासन की घातक नीति खाड़ी देशों को इस्रायल से सहयोग बढ़ाने के लिए मज़बूर कर रही है| इसकी वजह से खाड़ी क्षेत्र में काफी बड़ी उथल-पुथल हो रही है|

बायडेन प्रशासन की नीति पर नाराज़ होनेवाले खाड़ी देश इस्रायल के साथ अमरीका के प्रतिद्वंद्वि देशों से हाथ मिलाने के लिए पहल करते हुए दिखाई दे रहे हैं| ईंधन के मुद्दे पर रशिया के विरोध में जाने के लिए खाड़ी देशों ने अमरीका से स्पष्ट इन्कार किया था, यह इसका बिल्कुल ताज़ा उदाहरण है|

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