भारत और अफगानिस्तान में ‘वर्च्युअल समिट’ संपन्न

नई दिल्ली/काबुल – मंगलवार को भारत और अफगानिस्तान के नेताओं में ‘वर्च्युअल समिट’ संपन्न हुआ। इस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी समेत दोनों देशों के विदेश मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस समय भारत के प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में बढ़ रही हिंसा पर चिंता जाहिर करके संघर्षबंदी का आवाहन किया। उस समय प्रधानमंत्री ने यकीन भी दिलाया कि अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत अपना पूरा योगदान देगा। इस समिट में भारत द्वारा अफगानिस्तान में बनाए जा रहे बांध के सामंजस्य समझौते पर हस्ताक्षर भी किए गए।

भारत और अफगानिस्तान ये दोनों देश चाहते हैं कि यह क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हों। बदाख्शान से निमरोझ और हेरात से कंदाहार तक हर एक अफगानी नागरिक के साथ भारत दृढ़तापूर्वक खड़ा है। अफगानी जनता का निर्धारण और संयम इन्हें भारत का हमेशा साथ मिलता रहेगा’, ऐसा भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। भारत और अफगानिस्तान की मित्रता तथा अफगानिस्तान का विकास इन्हें कोई भी बाह्य शक्ति रोके नहीं रख सकती, ऐसा दृढ़ विश्वास भी प्रधानमंत्री ने इस समय व्यक्त किया।

अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने आतंकवाद के बारे में चेतावनी देते समय, उसके पीछे केवल संगठन अथवा व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरी यंत्रणा कार्यरत है इसका एहसास रखना पड़ेगा, इस पर गौर फरमाया । दक्षिणी एशिया की स्थिरता एवं समृद्धि के लिए सार्वभौम और अखंडित अफगानिस्तान महत्वपूर्ण है, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। इस समय दोनों देशों में, भारत द्वारा बनाए जाने वाले ‘शाहतूत डॅम प्रोजेक्ट’ का आपसी सामंजस्य समझौता संपन्न हुआ। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर तथा अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हमीद अतमार ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इस समझौते के अनुसार, भारत अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पास बांध का निर्माण कर रहा होकर, उसके द्वारा काबुल की जनता को पानी की सप्लाई की जाएगी । यह परियोजना, भारत द्वारा अफगानिस्तान के विकास के लिए किए जाने वाली अर्थसहायता का भाग मानी जाती है। भारत के अब तक अफगानिस्तान को लगभग तीन अरब डॉलर्स से भी अधिक अर्थ सहायता की आपूर्ति की है। पिछले साल नवंबर महीने में भारत ने अफगानिस्तान की १०० परियोजनाओं के लिए ८ करोड़ डॉलर्स की घोषणा की थी।

दो दिन पहले भारत ने अफगानिस्तान को कोरोना टीके के पाँच लाख डोस की सप्लाई की होने की बात भी सामने आई है। भारत के सिरम इन्स्टिट्यूट ने बनाये ‘कोव्हिशिल्ड’ टीके के डोस अफगानिस्तान को दिए गए होकर, जागतिक स्वास्थ्य संगठन से मंजूरी मिलने पर टीकाकरण शुरू होगा, ऐसी जानकारी अफगानी सूत्रों ने दी है। अफगानिस्तान ने इन टीकों के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है। वहीं, अफगानिस्तान से किए इस सहयोग के कारण भारत का अफगानिस्तान पर का प्रभाव अधिक ही बढ़ेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान व्यक्त कर रहा है।

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