व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ‘छाबर’ बंदरगाह डेढ़ साल में कार्यान्वित होगा – केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी

नई दिल्ली: भारत के लिए व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण ‘छाबर’ बंदरगाह अगले १८ महीनों में कार्यान्वित होगा, ऐसी घोषणा केन्द्रीय बंदरगाह और राजमार्गविकास मंत्री नितिन गडकरी ने की है। यह बंदरगाह कार्यान्वित होने के बाद पीछे मुड़कर देखने की जरुरत नहीं होगी। ‘छाबर’ बंदरगाह भारत के लिए कई स्वर्ण मौकों के मार्ग खोल देगा। साथ ही भारत और ईरान के व्यापारी और द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत हों जाएँगे, ऐसा विश्वास गडकरी ने व्यक्त किया है।

‘छाबर’ बंदरगाहईरान के राष्ट्राध्यक्ष पद पर हसन रोहानी वापिस आए हैं। इस मौके पर आयोजित समारोह में भारतीय प्रधानमंत्री के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर बंदरगाह और राजमार्गविकास मंत्री नितिन गडकरी दो दिन ईरान दौरे पर गये थे। इस दौरे में गडकरी ने ईरान के कई वरिष्ठ अधिकारीयों से मुलाकात की है। साथ ही गडकरी ने ईरान के राष्ट्राध्यक्ष रोहानी, उपराष्ट्राध्यक्ष इशाक जहाँगीरी और शहर और सडक विकास मंत्री अब्बास अखुन्दी से मुलाकात की। इसके अलावा गडकरी ने छाबर बंदरगाह के कार्यों का मुआइना किया।

इसके पहले बोलते हुए गडकरी ने छाबर बंदरगाह का विकास समय पर पूरा हो जाएगा और अगले १२ से १८ महीनों में यह व्युहरचनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बंदरगाह कार्यान्वित होगा, ऐसी घोषणा की। यह बंदरगाह समयपर पूरा करने के लिए भारत वचनबद्ध है। इस बंदरगाह की वजह से क्षेत्रीय व्यापार और आर्थिक विकास में बढ़ोत्तरी होगी। साथ ही अफगानिस्तान जैसे देश को क्षेत्रीय और वैश्विक बाजार तक पहुँचने के लिए मार्ग उपलब्ध होगा, ऐसा दावा गडकरी ने किया है।

साथ ही छाबर बंदरगाह से ईरान और अफगानिस्तान के राजमार्ग और रेल सन्दर्भ में चर्चा जारी होने की घोषणा भी की है। भारत-ईरान और अफगानिस्तान में त्रिपक्षीय परिवहन अनुबंध पर अभी बातचीत चल रही है। ईरान की ओर से इस बात के लिए हरी झंडी मिलने के बाद तुरंत इस राजमार्ग पर काम शुरू होगा, ऐसा गडकरी ने स्पष्ट किया है। इस त्रिपक्षीय अनुबंध पर २०१६ में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के ईरान दौरे में हस्ताक्षर हुए थे।

छाबर बंदरगाह और संबंधित बुनियादी सुविधाओं का विकास तीनों ही देशों के लिए स्वर्ण मौका साबित होगा। व्यापार के नए द्वार खुल जाएँगे। भारत सीधे रशिया को और मध्य एशियाई देशों को इस मार्ग से अपना माल निर्यात कर सकता है, ऐसा गडकरी ने इस बंदरगाह का महत्व रेखांकित करते हुए कहा है।

छाबर बंदरगाह यह ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रान्त में है और खाड़ी देशों के दक्षिण की ओमान खाड़ी में है। यह बंदरगाह भारत के लिए खुला होने के बाद अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के लिए भारत को पाकिस्तान से जाने की जरुरत नहीं होगी।

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