‘भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए अमरीका कोशिश करेगी’ : अमरीका की संयुक्त राष्ट्रसंघ स्थित राजदूत का दावा

संयुक्त राष्ट्रसंघ, दि. ४: ‘भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है, ऐसे समय में कुछ विपरित घटना घटें इसकी राह नहीं देखनी चाहिए| यह तनाव कम करने के लिए अमरीका कोशिश करेगी | अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प खुद इस मसले में हस्तक्षेप करने के लिए आगे आयें, तो यह चौकानेवाली बात नहीं होगी’ ऐसा अमरीका की संयुक्त राष्ट्रसंघ स्थित राजदूत निक्की हॅले ने कहा है| भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर समेत अन्य मसले ये द्विपक्षीय मुद्दे हैं, यह भारत की ठोस भूमिका है| अब तक भारत ने इस चर्चा में अन्य किसी भी देश के हस्तक्षेप को स्पष्ट रूप से नकारा है| इस पृष्ठभूमि पर, निक्की हॅले ने दिया यह बयान सबका ध्यान खींच रहा है|

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद अप्रैल महीने के लिए अमरीका के पास आया है| अमरिकी राजदूत हॅले ये ज़िम्मेदारी निभानेवाली हैं| इस मौके पर मीडिया के साथ वार्तालाप करते समय निक्की हॅले ने भारत और अमरीका के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है| जब यह तनाव बढ़ रहा है, ऐसे समय कुछ बड़ी घटना हो इसकी राह देखते रहने का कुछ मतलब नहीं है| इस संदर्भ में अमरीका और अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकती है, ऐसा कहते हुए हॅले ने, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष इस संदर्भ में मध्यस्थता करेंगे, ऐसा दावा किया| अब तक अमरीका ने, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए दोनों देशों से अपील की थी| साथ ही, दोनों देश राज़ी होते हैं, तो अमरीका कश्मीर का मसला हल करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है, ऐसा प्रस्ताव भी अमरीका द्वारा दिया गया था| लेकिन कश्मीर मसले पर हस्तक्षेप करने के, अमरीका के ओबामा प्रशासन ने दिए प्रस्ताव पर भारत से कड़ी प्रतिक्रिया आयी थी| भारत और पाकिस्तान के बीच की समस्याओं का स्वरूप पूरी तरह से द्विपक्षीय है और द्विपक्षीय चर्चा के माध्यम से ही यह मसला हल किया जा सकता है| भारत और पाकिस्तान को एक दूसरे की भाषा पूरी तरह से पता है| इस वजह से, अन्य किसी को हस्तक्षेप करने की ज़रूरत नहीं है, ऐसी ठोस भूमिका भारत की है| वहीं, कश्मीर मसले पर अमरीका अथवा अन्य देशों ने हस्तक्षेप करना चाहिए, ऐसी माँग पाकिस्तान लगातार करता आ रहा है| इसी वजह से, अमरीका की राजदूत निक्की हॅले ने दिया यह बयान जानकारों का ध्यान खींच रहा है|

ख़ास तौर पर, सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल अमरीका के दौरे से लौटने के बाद हॅले द्वारा दिया गया यह बयान ग़ौरतलब है| तीन दिन पहले पाकिस्तान स्थित ईरान के राजदूत ने भी कश्मीर मसला हल करने के लिए हस्तक्षेप करने की तैयारी दिखाई थी| कश्मीर का मसला हल करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए ईरान उत्सुक है, ऐसा ईरान के राजदूत ने कहा|

इस वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है ऐसे संकेत मिल रहे हैं| फिलहाल जम्मू-कश्मीर की नियंत्रणरेखा पर पाकिस्तानी लश्कर द्वारा संघर्षबंदी का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी की जा रही है| साथ ही, पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर (पीओके) के आतंकवादी घुसपैठ करने की कोशिश करते हुए घातपात करने के चक्कर में हैं| इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल राहिल शरीफ पर सौदी अरेबिया प्रणित ३९ देशों की सेनाओं के मोरचे का नेतृत्व सौंपा गया है| इस वजह से पाकिस्तान का आत्मविश्‍वास और अधिक बढ़ा है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

दो दिन पहले ही, ‘पाकिस्तान को एकाकी बनाने की कोशिश करनेवाले देश ही घिरे जा रहे हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान के सेनाप्रमुख ने किया था| भारत के खिलाफ यह आक्रामक भाषा पाकिस्तान के लिए नयी नहीं है| लेकिन चीन और रशिया समेत, सौदी और अन्य खाड़ी देश अपने समर्थन में खड़े हो सकते हैं, ऐसा पाकिस्तान को लग रहा है| इस बल पर भारत को सबक सिखा सकते हैं, ऐसा पाकिस्तानी सेना को प्रतीत होने के संकेत मिल रहे हैं|

 ‘अझहर’ मुद्दे को लेकर अमरीका की चीन को चेतावनी

संयुक्त राष्ट्रसंघ, दि. ४ (पीटीआय) – ‘जैश-ए-मोहम्मद’ इस आतंकी संगठन का सरगना मौलाना मसूद अझहर पर सुरक्षा परिषद की कार्रवाई रोकने के लिए ‘नकाराधिकार’ का इस्तेमाल करनेवाले चीन को अमरीका ने कड़ी चेतावनी दी है| ‘अमरीका हालाँकि आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए सबका सहयोग हासिल करने की कोशिश करेगी, लेकिन यह यदि मुमक़िन नहीं हुआ, तो आतंकवादियों पर स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने का रास्ता खुला है’ ऐसा अमरीका की संयुक्त राष्ट्रसंघ स्थित राजदूत निक्की हॅले ने कहा|

भारत के बाद अमरीका ने भी मसूद अझहर पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पेश किया था| लेकिन चीन ने टेक्निकल वजह बताते हुए, अझहर पर कार्रवाई करने के प्रस्ताव पर नकाराधिकार का इस्तेमाल किया था|

इसपर भारत ने और अमरीका ने भी नाराज़गी जताई थी| इस संदर्भ में पूछे गए सवाल का जवाब देते समय हॅले ने, ‘हालाँकि सुरक्षा परिषद के माध्यम से आतंकवादियों पर कार्रवाई करने में नाकामयाबी मिली है, मग़र फिर भी आतंकवादियों पर कार्रवाई करने से अमरीका को कोई नहीं रोक सकता’ ऐसा उन्होंने कड़े शब्दों में कहा|

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.