‘ओपन स्काईज्‌ ट्रिटी’ से पीछे हटी अमरीका

वॉशिंग्टन – रशिया समेत करीबन ३५ देशों का समावेश होनेवाली ‘ओपन स्काईज्‌ ट्रिटी’ से अमरीका पीछे हटी है। छह महीनें पहले ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इससे संबंधित ऐलान किया था। रशिया ने इस समझौते का उल्लंघन किया है, यह आरोप करके अमरीका ने अपने पीछे हटने के निर्णय का समर्थन किया था। इससे पहले अमरीका ने, रशिया के साथ किए ‘स्टार्ट-१’ समझौते से भी बाहर निकलने का निर्णय किया था। इस वर्ष २१ मई के दिन अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ‘ओपन स्काईज्‌ ट्रिटी’ (ओएसटी) से बाहर निकलने का ऐलान किया था। वर्ष १९९२ में हेलसिंकी में ‘ऑर्गनायझेशन फॉर सिक्युरिटी ॲण्ड को-ऑपरेशन इन युरोप’ (ओएससीई) नामक गुट के सदस्य देशों ने यह समझौता किया था। अमरीका, रशिया समेत युरोप के अधिकांश देशों का समावेश होनेवाले इस ‘ओएसटी’ समझौते के अनुसार, इन देशों को एक-दूसरे की हवाई सीमा में विमान रवाना करके, संवेदनशील स्थानों की निगरानी करने की अनुमति है।

इसके लिए गश्‍ती विमान या मानवरहित विमान का इस्तेमाल करने के लिए मंज़ुरी दी गई है। इस समझौते का इस्तेमाल करके रशिया ने इस वर्ष के अप्रैल महीने में, अमरीका के ‘एरिया ५१’ नामक विवादित लष्करी अड्डे की निगरानी की थी। वहीं, अमरीका ने भी इस समझौते का इस्तेमाल करके रशिया की हवाई सीमा में विमानों से गश्‍त की थी। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से अमरीका लगातार रशिया के खिलाफ, इस समझौते का उल्लंघन किया होने का आरोप लगा रही है। इस समझौते के नियमों का विपर्यास करके रशिया अन्य देशों की हवाई सीमा में प्रवेश कर रहा है, यह शिकायत भी अमरीका ने की थी।इस पृष्ठभूमि पर, छह महीनें पहले अमरीका ने इस समझौते से पीछे हटने का ऐलान किया था। रविवार २२ नवंबर के दिन अमरीका अधिकृत स्तर पर इस समझौते से अलग हुई है। युरोपिय देशों ने अमरीका के इस निर्णय की आलोचना की थी। अमरीका के बाहर जाने से, युरोपिय देशों की सुरक्षा के लिए ख़तरा बनेगा, यह चिंता युरोपिय देशों ने व्यक्त की हैं।वहीं, रशिया ने भी यह आरोप किया था कि अमरीका ने इस समझौते का उल्लंघन किया है। इस समझौते से पीछे हटने की अमरीका की घोषणा के बाद रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने, संबंधित देशों के ‘फ्लाईट डाटा’ अमरीका को प्रदान ना करने का आवाहन किया था। ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रान्स ने भी रशिया की भूमिका का समर्थन किया था।

इस समझौते से पीछे हटने की वजह से अमरीका को अन्य देशों पर गश्‍त करने के लिए अनुमति प्राप्त करनी होगी, यह दावा किया जा रहा है। इस समझौते की वजह से अन्य देशों में पारदर्शिता से व्यवहार शुरू हैं, ऐसा दावा सदस्य देश कर रहे हैं।

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