आर्थिक सुधारों की वजह से विकास का नया पर्व शुरु होगा – नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का विश्‍वास

नई दिल्ली – प्रशासकीय एवं आर्थिक मोर्चे पर सुधार करने के लिए सरकार ने उठाए कदमों का अवसर जल्द ही दिखाई देने लगेगा। इस वजह से विकास और समृद्धि का नया पर्व देश में शुरू होगा, यह विश्‍वास नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने व्यक्त किया हैं। विकास की प्रक्रिया गतिमान करने के साथ ही अनुसंधान के लिए अधिक निवेश करके बुद्धीसंपदा की सुरक्षा के लिए अधिक मज़बूत कानून की आवश्‍यकता हैं, यह बयान भी अमिताभ कांत ने किया हैं।
niti-ayog-indiaअस्थिर बनें आर्थिक माहौल में भी भारत संतोषजनक प्रगति कर रहा हैं, ऐसा अमिताभ कांत ने कहा हैं। इसके लिए उन्होंने भारत में हो रहें विदेशी निवेश का दाखिला दिया। वर्ष २०१३-१४ के वित्तीय वर्ष में देश में ३६ अरब डॉलर्स विदेशी निवेश हुआ था। अब वर्ष २०१९-२० के वर्ष में भारत में कुल ७४ अरब डॉलर्स विदेशी निवेश हुआ हैं। यह काफी बड़ा सकारात्मक बदलाव होने की बात कांत ने दर्ज़ की।
अमरिकी और यूरोपियन कंपनियां अपने उत्पादन के केंद्र के तौर पर भारत की ओर देख रही हैं। अमरीका और चीन के बीच जारी व्यापारयुद्ध का यह असर है और इस संकट की ओर भारत ने अवसर के तौर पर देखना होगा, यह बयान कांत ने किया। जागतिक उत्पादन का केंद्र बने चीन पर निर्भर रहने के बजाए उत्पादन केंद्र विकल्प के तौर पर अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का विचार विश्‍वभर में हो रहा हैं। इस अवसर का लाभ उठाने की क्षमता भारत रखता हैं, इस ओर अमिताभ कांत ने ध्यान आकर्षित किया।
ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार ने कुछ अहम निर्णय किए हैं और सुधार करने का कार्यक्रम चलाया हैं। कोरोना वायरस की महामारी विश्‍वभर में कोहराम मचा रही हैं और ऐसें में भारत ने आर्थिक सुधार का कार्यक्रम चलाकर अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने की कोशिश की हैं। इसमें कृषि क्षेत्र, मज़दूरों के संबंधित सुधार और खनिज क्षेत्र में सुधार करने के प्रावधानों का समावेश होने की बात अमिताभ कांत ने दर्ज़ की। खास तौर पर कामगारों से संबंधित कानून में हो रहें सुधार अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित करनेवाले साबित होंगे, ऐसा कांत का कहना हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.