लडाकू विमानों की कमी पर हवाईसेनाप्रमुख ने ग़ौर फ़रमाया

नई दिल्ली/ पॅरिस, दि. १९ : भारतीय हवाईसेना के पास लडाकू विमानों की होनेवाली कमी के बारे में कहते समय हवाईसेनाप्रमुख     बी. एस. धनोआ ने मर्मस्पर्शी टिपणी की| ‘यह ग्यारह के बदले सात खिलाड़ियों को लेकर ही क्रिकेट टीम मैदान में उतरवाने जैसी बात है’, ऐसा कहते हुए हवाईसेनाप्रमुख ने इस कमी पर सभी का ग़ौर फ़रमाया| लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी, सरकार ने आदेश देने के बाद वायुसेना पाकिस्तान पर हमले करने के लिए तैयार है, ऐसा भी हवाईसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया| हवाईसेना को लडाकू विमानों की कमी  महसूस होते समय, लॉक्हीड मार्टिन इस अमरीका की कंपनी ने भारत के टाटा ऍडव्हान्स सिस्टीम के साथ समझौता किया है| इससे भारत में ही ‘एफ-१६’ लडाकू विमानों का निर्माण किया जा सकता है|

लडाकू विमानों की कमीभारतीय हवाईसेना के पास करीबन ३२ स्क्वाड्रन इतने लडाकू विमान हैं| लेकिन भारत की रक्षासंबंधित ज़रूरतों को ध्यान में लेते हुए भारत को करीबन ४२ स्क्वाड्रन इतनी मात्रा में लडाकू विमानों की ज़रूरत है| भारत के रक्षादलों द्वारा एक ही समय पाकिस्तान और चीन का सामना करने की तैयारी की जा रही है, तभी हवाईसेना को महसूस होनेवाली लडाकू विमानों की कमी यह ध्यान खींचनेवाली बात साबित होती है| एक अखबार के पास इन बारे में बात करते समय हवाईसेनाप्रमुख ने – ‘यह सात लोगों की क्रिकेट टीम लेकर मैदान में उतरने जैसा है’ ऐसा स्पष्ट किया| लेकिन भारत पर यदि आतंकवादी हमला हुआ और सरकार ने यदि पाकिस्तान के खिलाफ़ हवाईसेना का इस्तेमाल करने का निश्‍चित किया, तो इसके लिए हवाईसेना तैयार है, ऐसा हवाईसेनाप्रमुख ने कहा है| हवाईसेना किसी भी प्रकार की परिस्थिति का सामना करने के लिए तैय्यार है, ऐसा दावा इस वक्त हवाईसेनाप्रमुख धनोआ ने किया| इनमे माओवादियों के खिलाफ संयमित कार्रवाई करने की योजना का भी समावेश है, ऐसे हवाईसेनाप्रमुख ने स्पष्ट किया|

भारतीय हवाईसेना को करीबन २०० लडाकू विमानों की कमी महसूस हो रही है| यह बात ध्यान में लेकर, लडाकू विमानों का निर्माण करनेवालीं दुनियाभर की अग्रिम कंपनियों ने, भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग करार करते हुए भारत में ही लडाकू विमानों का निर्माण करने की कोशिश शुरू की थी| ‘एफ-१६’ लडाकू विमानों का निर्माण करनेवाले ‘लॉक्हीड मार्टिन’ इस कंपनी ने भी, भारत में इस विमान के निर्माण का प्रस्ताव दिया था|

भारत के ‘टाटा ऍडव्हान्स सिस्टीम्स’ इस कंपनी के साथ लॉक्हीड मार्टिन ने सहयोग समझौता किया होकर, उसके तहत भारत में जल्द ही ‘एफ-१६’ लडाकू विमानों का निर्माण शुरू किया जायेगा| पिछले कई सालों से भारत ने हवाईसेना के लिए आधुनिक लडाकू विमानों के खरीदारी के लिए कोशिशें शुरू कीं थीं| इसके तहत, फ्रान्स के डॅसल्ट कंपनी के साथ करीबन ३६ रफायल विमानों की खरीदारी के लिए समझौता हुआ था| यह अतिप्रगत श्रेणी के महँगे विमान होकर, भारत को ‘सिंगल इंजिन सिंगल पायलट’ श्रेणी के विमानों की बडी मात्रा में कमी महसूस हो रही थी| इस जरूरत को ध्यान में लेते हुए, ‘एफ-१६’ विमानों का देश में ही निर्माण किया जाना, यह भारत के लिए बहुत बड़ी प्रबल बात साबित हो सकती है|

भारतीय हवाईसेना को आधुनिक लडाकू विमानों की आपूर्ति करने के लिए रशिया, स्वीडन, फ्रान्स और ब्रिटन जैसे देशों की अग्रिम कंपनियों में तीव्र प्रतिस्पर्धा हो चुकी थी| भारतीय हवाईसेना में रशियन बनावट के लडाकू विमान ज़्यादा हैं| भारत ने रशिया के साथ कुछ सहयोग समझौते करते हुए, अपनी हवाईसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण फैसले किये थे| लेकिन भारत को किसी भी एक देश पर निर्भर रहना इसके आगे उचित नहीं होगा, ऐसी सलाह सामरिक विशेषज्ज्ञ दे रहे हैं| इसके तहत, भारत अमरीका की कंपनी ‘लॉक्हीड मार्टिन’ से एफ-१६ का स्वीकार की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे दिखायी देता है|

कुछ महीने पहले पाकिस्तान ने अमरीका के पास ‘एफ-१६’ विमान माँगे थे| लेकिन अमरीका ने पाकिस्तान की यह माँग ठुकरायी थी|

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