फिलिस्तीन के राष्ट्रपति भारत यात्रा पर

नई दिल्ली, दि. १५ : फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भारत की चार दिन की यात्रा पर आये हैं| जुलाई महीने में भारत के प्रधानमंत्री इस्रायल की यात्रा पर जानेवाले है। इस यात्रा से दोनो देशों के सभी स्तर पर के संबंध और मज़बूत होने के संकेत मिल रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति की भारत यात्रा बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है|

फिलिस्तीन पिछले कुछ सालों से भारत और इस्रायल के बीच राजनयिक, रक्षासंबंधित तथा सामरिक सहयोग विकसित हो रहा है| भारत को रक्षासामग्री की आपूर्ति करनेवाले देशों में इस्रायल का समावेश है| आनेवाले समय में यह सहकार्य अधिक व्यापक बन सकता है| इसी पृष्ठभूमि पर जुलाई महिने में भारत के प्रधानमंत्री इस्रायल की यात्रां पर जानेवाले हैं| भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली इस्रायल यात्रा बनती है| आजतक फिलिस्तीन की समस्या पर भारत ने दृढ़ भूमिका अपनायी थी| इस्रायल के साथ भले ही भारत का सहयोग दृढ़ हो रहा हो, लेकिन भारत ने फिलिस्तीन संबंधित अपनी भूमिका बदली नहीं है, इस बारे में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति को आश्‍वस्त करने का अवसर, उनकी भारत यात्रा के उपलक्ष्य में भारत के सामने आया है|

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास भी, इस्रायल द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत मंजूर करें, इसके लिए आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोशिश कर रहे हैं| जॉर्डन और ईजिप्त की यात्रा होने के बाद राष्ट्राध्यक्ष अब्बास ने अमरीका यात्रा करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प से चर्चा की थी| इसके बाद फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने रशिया की यात्रा करके रशियन राष्ट्रपति पुतिन का समर्थन प्राप्त करने की कोशिश की थी| उसके बाद भारत में आये फिलिस्तिन के राष्ट्रपति द्वारा. भारत भी फ़िलिस्तीन को अपना समर्थन दें, इसके लिए कोशिश की जायेगी|

इस्रायल और फिलिस्तीन की समस्या तीव्र बनती जा रही है| इस्रायल ने फिलिस्तीन के भूभाग में अपनीं बस्तियों का काम शुरू कर दिया है| इसे युरोपिय देशों का विरोध है| ये देश फिलिस्तीन के साथ खड़े हुए हैं| वहीं, अमरीका में डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार सत्ता पर आने के बाद, इस मामले में अमरीका की भूमिका पूरी तरह बदल गयी है| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल के तेल अविव स्थित अपना दूतावास जेरुसलेम में लाने का ऐलान किया था| इसका मतलब, फिलिस्तीन अधिकार जता रहे जेरुसलेम पर इस्रायल का कब्जा अमरीका को मंज़ूर है, ऐसा होता है| ऐसा हुआ, तो खाड़ी प्रदेश में हिंसा भड़केगी, ऐसा अमरीका के खाड़ीप्रदेश के मित्रदेश कहने लगे हैं|

इस पृष्ठभूमि पर फिलिस्तीन के राष्ट्रपति भारत यात्रा पर आये हैं| फिलिस्तीन के मसले पर वे भारत के प्रधानमंत्री से चर्चा करेंगे| इसके साथ आखात के हालातों पर राष्ट्रपति अब्बास और प्रधानमंत्री मोदी इनमें चर्चा अपेक्षित है|

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