पर्शियन खाड़ी में अमरिकी युद्धपोतों को भी ईरान के सूचना का पालन करना ही होगा – ‘आईआरजीसी’ के कमांडर तंगसिरी की चेतावनी

तेहरान – ‘पर्शियन खाड़ी में यात्रा कर रहे अमरिकी युद्धपोतों को भी ईरान की सूचनाओं का पालन करना ही होगा’, ऐसी चेतावनी ‘ईरान रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ कोअर’ (आईआरजीसी) के नेवी कमांडर अली रेझा तंगसिरी ने दी है। ईरानी नौसेना की क्षमता काफी बड़ी मात्रा में बढ़ी हैं और इस वजह से लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर के बड़े बेडे लेकर यात्रा कर रहे अमरिकी युद्धपोतों को भी ईरान की सूचना का पालन करना ही होगा’, ऐसा कमांडर तंगसिरी ने स्पष्ट किया। कुछ दिन पहले ‘आईआरजीसी’ के युद्धपोत अमरिकी विमान वाहक युद्धपोत की दिशा में आगे बढ़े थे और बाद में अमरिकी युद्धपोत को १८० मिल दूर जाना पड़ा था, ऐसा दावा तंगसिरी ने किया। 

‘आईआरजीसी’पर्शियन खाड़ी में सफर कर रहें ईंधन टैंकर की सुरक्षा ईरान की हरकतों के कारण खतरे में होने की बात दिख रही है। इस क्षेत्र में ईरानी नौसेना की मौजुदगी बढ़ी है और अमरीका को इसका गंभीर संज्ञान लेना पड़ा है। अपनी नौसेना के विमान वाहक युद्धपोत इस क्षेत्र में तैनात कर के अमरीका इस क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करने का इरादा रखता है। लेकिन, अमरिकी युद्धपोतों की तैनाती के कारण ईरान की गतिविधियां बंद नहीं होगी, ऐसी चेतावनी कमांडर अली रेझा तंगसिरी ने दी है।

राजधानी तेहरान में आयोजित ‘आईआरजीसी’ के समारोह में कमांडर तंगसिरी बोल रहे थे। पहले के समय में नाटो के युद्धपोतों की ईरान के क्षेत्र में मौजुदगी रहती थी। उन्हें ईरान ने लागू किए नियमों का पालन करने की ज़रूरत महसूस नहीं होती थी। लेकिन, अब ईरानी नौसेना की क्षमता प्रचंड़ बढ़ी है। ईरानी नौसेना के बेड़े में मौजूद ‘स्पीडबोटस्‌’ प्रति घंटा ९० से ११० नॉटस्‌ (समुद्री मिल’ गति प्राप्त कर सकते हैं। इन स्पीडबोटस्‌ पर रॉकेट लौन्चर एवं अन्य हथियार लगाए गए हैं। साथ ही ईरानी युद्धपोतों पर ड्रोन भी तैनात होने की जानकारी कमांडर तंगसिरी ने साझा की। 

‘आईआरजीसी’इस वजह से लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर से लैस अमरिकी युद्धपोतों को भी ईरान की नौसेना का ड़र सताने लगा है। इसी वजह से पर्शियन खाड़ी में यात्रा करते समय अमरिकी युद्धपोतों को ईरान के नियमों का पालन करना ही होगा, ऐसा तंगसिरी ने कहा। अमरिकी नौसेना बड़ी ताकतवर हैं, फिर भी ईरानी नौसेना की क्षमता प्रचंड़ मात्रा में विकसित हुई है और इसके आगे अमरीका के वशाल युद्धपोत भी बेकार साबित होंगे। ईरान के बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल एवं मॉस्किटो फ्लिटस्‌ की सहायता से अमरिकी नौसेना को भी परेशान करना मुमकिन होगा, यह विश्वास कमांडर तंगसिरी ने व्यक्त किया है।

इसी बीच, ईरान का आत्मविश्वास प्रचंड़ मात्रा में बढ़ा है और पिछले कुछ महीनों से ईरान लगातार अमरीका को चुनौती दे रहा हैं। पर्शियन खाड़ी से बड़ी दूर स्थित अमरीका के युद्धपोत इस क्षेत्र में क्या कर रहे हैं? ऐसा सवाल ईरान के नेता और अधिकारी करने लगे हैं। सुरक्षा की वजह बताकर अमरीका इस क्षेत्र में अपनी तैनाती कर रही हैं, लेकिन, इस क्षेत्र के देश सुरक्षा का यह ज़िम्मा संभाल सकते हैं। इस वजह से अमरिकी नौसेना की इस क्षेत्र में ज़रूरत नहीं हैं, यह कहकर ईरान आगाह कर रहा हैं।

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