ईरान का खतरा रेखांकित करके अमरीका ने पर्शियन खाड़ी में तैनाती बढ़ाई – ईरान ने अमरीका की तैनाती को अवैध बताया

मनामा/वॉशिंग्टन/तेहरान – विदेशी जहाज़ों का अपहरण करने से ईरान को रोकने के लिए अमरीका ने पिछले महीने से इस क्षेत्र में उन्नत लड़ाकू विमान और एम्फिबियस युद्धपोत रवाना किए थे। लेकिन, इसके बावजूद विदेशी जहाज़ों को ईरान से होने वाले खतरे को रेखांकित करके अमरीका ने इस क्षेत्र में अपनी तैनाती अधिक बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही विदेशी जहाज़ ईरान के समुद्री क्षेत्र के करीब से यात्रा न करें, ऐसी सूचना भी अमरिकी नौसेना कर रही है। लेकिन, अमरीका की यह तैनाती इस क्षेत्र में तनाव कम करने वाली नहीं, बल्कि उल्टा इससे ईरान के साथ विवाद बढ़ेगा और संघर्ष भी छिड़ जाएगा, ऐसी चेतावनी अमरिकी सैन्य विश्लेषक दे रहे हैं। इसी बीच, पर्शियन खाड़ी में अमरीका की नौसेना की हुई तैनाती अवैध होने का आरोप ईरान ने लगाया है। 

पर्शियन खाड़ीबायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की बातचीत शुरू करने के बाद योजना के अनुसार पर्शियन खाड़ी एवं खाड़ी क्षेत्र में अपनी सैन्य तैनाती कम कर दी थी। वहां मौजूद विमान वाहक युद्धपोतों का बेड़ा और पैट्रियॉट हवाई सुरक्षा यंत्रणा अमरीका ने हटाई थी। बायडेन प्रशासन के इस निर्णय की खाड़ी के मित्र देशों ने आलोचना की थी। अमरीका और खाड़ी के देशों के बीच कई दशकों से बनी मित्रता को बेसहारा छोड़कर बायडेन प्रशासन पीछे हट रहा हैं, ऐसी आलोचना खाड़ी देशों से हुई थी।

इस दौरान पर्शियन खाड़ी में यात्रा कर रहे जहाज़ों पर हमले होने की तादात बढ़ी थी और कुछ जहाज़ों का अपहरण भी हुआ था। इसके पीछे ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ की नौसेना होने की बात स्पष्ट हुई थी। ईरान की कुछ नौकाओं ने अमरिकी विध्वंसकों ने खतरनाक ढ़ंग से पीछा करने के मामले भी सामने आए थे। ऐसी स्थिति में पर्शियन खाड़ी में विदेशी जहाज़ों की सुरक्षा रेखांकित करके बायडेन प्रशासन ने इस क्षेत्र के लिए नई तैनाती करने का ऐलान किया है। पिछले महीने से अमरीका ने इस क्षेत्र में उन्नत ‘एफ-१६’, ‘एफ-३५’ जैसे लड़ाकू विमानों सहित ३,००० मरिन्स के साथ एम्फिबियस युद्धपोत की तैनाती की है। 

पर्शियन खाड़ीपर्शियन खाड़ी में हुई यह तैनाती इतने तक सीमित नहीं रहेगी और अमरीका जल्द ही नई तैनाती का ऐलान कर सकती हैं। साथ ही इस क्षेत्र में यात्रा कर रहे विदेशी ईंधन टैंकर एवं मालवाहक जहाज़ों पर अमरीका अपने मरिन्स तैनात कर सकती हैं। ईरान के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर यह तैनाती मुमकिन होने का दावा किया जा रहा है। पर्शियन खाड़ी के अपने मित्र देशों को भरोसा देने के लिए हो रही इस तैनाती का रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं ने स्वागत किया था।

लेकिन, अमरीका के सैन्य विश्लेषक इस तैनानी को लेकर सावधानी से प्रतिक्रिया दर्ज़ कर रहे हैं। पर्शियन खाड़ी में ईरान को रोकने के लिए हो रही यह तैनाती आगे के समय में अमरीका-ईरान संघर्ष की वजह साबित होगी, ऐसी चेतावनी इन सैन्य विश्लेषकों ने दी है। विदेशी जहाज़ों पर तैनात अमरिकी मरिन्स के साथ ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ की मुठभेड़ हुई तो इसमें अमरिकी नौसेना हस्तक्षेप करेगी और इसके बाद अमरीका-ईरान संघर्ष छिड़ने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। ईरान का आक्रामक रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ अमरीका को ऐसे छेड़ सकता है, यह दावा भी सैन्य विश्लेषक कर रहे हैं।

इसी बीच, ईरान के विदेश मंत्रालय ने यह कहा है कि, पर्शियन खाड़ी में अमरीका की तैनाती अवैध है। अमरीका के साथ ही ब्रिटेन, फ्रान्स और इस्रायल की इस क्षेत्र में हुई तैनाती भी नियमों के अनुसार नहीं हैं और वह इस क्षेत्र से शीघ्रता से पीछे हटें, ऐसी मांग ईरान के विदेश मंत्रालय ने की है।

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