तालिबान के साथ करार होने पर भी अफगानिस्तान में अमरिकी सैनिक तैनात रहेंगे – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – अफगानिस्तान के शांति एवं स्थिरता के लिए तालिबान के साथ सफल करार संपन्न हुआ है। फिर भी अमरिका अफगानिस्तान से पूर्ण सेना वापसी नहीं करेगा। सिर्फ ५००० सैनिक वापस लौटेंगे। अफगानिस्तान से अमरिका के पूर्वसेना वापसी संभव नहीं है, ऐसे स्पष्ट शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने अफगानिस्तान के विषय की भूमिका स्पष्ट की है। तथा आनेवाले समय में अमरिका के साथ हमले के लिए अफगानिस्तान का उपयोग होने के बाद उजागर होने पर इससे पहले कभी भी अनुभव नहीं हुआ है, ऐसा भयंकर प्रत्युत्तर देंगे, ऐसी धमकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दी है।

पिछले हफ्ते में तालिबान ने अमरिका के साथ समझौतों में सफलता मिलने की बात घोषित की थी। कतार में शुरू नौववे स्तर से पहले अमरिका ने अपने मांग मंजूर करते हुए, अफगानिस्तान से सेना वापसी की तैयारी की है। तथा आनेवाले १५ से २४ महीनों में अमरिका सेना वापसी करेगा, ऐसा दावा तालिबान ने किया था। जिसकी वजह से पिछले १८ वर्षों से अफगानिस्तान में शुरू युद्ध नियंत्रित होगा ऐसा तालिबान ने कहा था। पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्षने एक माध्यम से इस संदर्भ में अमरिका की भूमिका स्पष्ट की है।

अमरिका तालिबान के साथ ऐतिहासिक करार करने के निकट है। फिर भी इस बारे में अनिश्चितता आज भी पूर्ण रूप से खत्म नहीं हुई है, ऐसा विधान ट्रम्प ने किया है। तालिबान के साथ करार होने पर भी अमरिका के ८६०० सैनिक अफ़ग़ानिस्तान में तैनात रहेंगे, ऐसा कहते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस बारे में समझौता संभव न होने की बात सूचित की है।

अमरिका अपने कई सैनिक वापस बुलाएंगे। फिर भी अफगानिस्तान पर अमरिका का नियंत्रण खत्म नहीं होगा, ऐसा स्पष्ट एहसास राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिलाया है। अगर आगे चलकर अमरिका पर आतंकवादी हमला हुआ और उसके मूल अफगानिस्तान में साबित हुए तो कभी भी अनुभव नहीं हुआ है, ऐसे भीषण हमले अमरिका अफगानिस्तान में चढ़ाया जायेगा। पर ऐसा ना हो, ऐसी अपेक्षा है, ऐसा ट्रम्पने कहां है।

दौरान तालिबान के साथ समझौते शुरू है, फिर भी अफगानिस्तान में हिंसाचार नहीं रुका है। तालिबान तथा आयएस इस आतंकवादी संगठन से अफगानी लष्कर एवं जनता पर हमले शुरू है। तालिबान के इन हमलों की वजह से अफगानी सरकार एवं जनता में नाराजगी होकर इन समझौतों की वजह से अपने देश की परिस्थिति नहीं बदलेगी, ऐसा दावा अफगानी जनता कर रही हैं।

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