पाकिस्तान में अमरिका के साथ बातचीत करने के लिए तालिबान तैयार – तालिबान के प्रवक्ता का ऐलान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरइस्लामाबाद – अमरिका के साथ दुसरे स्तर की बातचीत करने के लिए अफगान तालिबान ने पाकिस्तान का चयन किया है| पाकिस्तान में अमरिकी प्रतिनिधियों से चर्चा हो सकती है, यह ऐलान भी तालिबान के प्रवक्ता ‘झबिउल्लाह मुजाहिद’ ने किया है| इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान इनके साथ भी चर्चा संभव है, ऐसा तालिबान ने स्पष्ट किया है| तालिबान के इस ऐलान का पाकिस्तान ने स्वागत किया है|

पिछले महीने में अमरिका और तालिबान के प्रतिनिधि ने कतार में ऐतिहासिक चर्चा की थी| अमरिका ने तालिबान संबंधी चर्चा के लिए नियुक्त किए हुए विशेष प्रतिनिधि ‘झाल्मे खलिलझाद’ और तालिबान के प्रतिनिधियों में यह चर्चा हुई थी| तालिबान को अफगानिस्तान के मुख्य धारा में शामिल करने के लिए यह चर्चा अहम साबित हुई थी| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने भी तालिबान के साथ सफल चर्चा होने का ऐलान किया था|

इसके पहले अमरिका और तालिबान के बीच पाकिस्तान में चर्चा हो और अपनी सरकार मध्यस्थता करने के लिए तैयार होने का ऐलान पाकिस्तान ने किया था| लेकिन, तालिबान ने पाकिस्तान ने रखा यह प्रस्ताव ठुकराया था| कतार में हुई बैठक के बाद पिछले हफ्ते में रशिया में तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ दुसरी बडी बैठक हुई| इस बैठक में राशिया ने पाकिस्तान के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया था| इस दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने तालिबान के सामने बातचीत के लिए निवेदन रखा था| तालिबान ने पाकिस्तान का यह प्रस्ताव अब स्वीकार किया है और सोमवार, १८ फरवरी के दिन इस्लामाबाद में हो रही चर्चा में शामिल होने की तैयारी भी जताई है| तालिबानी प्रवक्ता झबिउल्लाह मुजाहिद ने इस बैठक का ऐलान किया|

अमरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के अलावा पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी इस बैठक में हिस्सा ले सकते है, ऐसा मुजाहिद ने कहा है| पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय ने भी तालिबान के इस घोषणा का स्वागत किया है और अमरिका ने इस संबंधी अबतक कोई प्रतिक्रिया दर्ज नही की है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान के साथ होनेवाली बैठक में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंधों पर चर्चा होगी, ऐसी जानकारी तालिबान के प्रवक्ता ने दी| इसमें पाकिस्तान में रहनेवाले अफगान शरणार्थी एवं अफगान व्यापारीयों का मुद्दा भी रहेगा|

इस दौरान, अमरिका ने तालिबान के साथ चर्चा शुरू करके अफगानिस्तान से सेना की वापसी करने का ऐलान किया है| अमरिका की इस घोषणा पर पाकिस्तान, चीन और रशिया स्वागत कर रही है| लेकिन, अफगानिस्तान में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कर रहे भारत ने अमरिका के इस निर्णय पर चिंता जताई है|

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