अमरिका और तालिबान की बातचीत कामयाब – अमरिका सेना हटाने के लिए तैयार होने का तालिबान ने किया दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल – अमरिका और तालिबान के बीच हुई बातचीत कामयाब हुई है| अमरिका अगले १५ से २४ महीनों में अफगानिस्तान से पूरी तरह से पीछे हटने के लिए तैयार होने की जानकारी तालिबान ने दी| इसी बीच अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अन्य देशों पर हमलें करने के लिए ना करने का वादा तालिबान ने किया है, यह जानकारी अमरिका ने दी| इस बातचीत के कुछ दिन पहले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने अफगानिस्तान से पूरी तरह से अपनी सेना हटाना मुमकिन नही है, यह स्पष्ट किया था| इस वजह से तालिबान ने इस मुद्दे पर समझौता किया होगा, यह संकेत प्राप्त हो रहे है|

कतार में अमरिका और तालिबान के प्रतिनिधि ने बातचीत की| इन दोनों के बीच जारी बातचीत का यह नौवॉं दौर था| इस बातचीत के पहले अफगानिस्तान में काफी भीषण आतंकी हमलें हुए थे| १७ अगस्त के रोज राजधानी काबुल में एक शादी के समारोह में हुए आत्मघाती हमले में ६३ लोगों की मौत हुई थी| इससे पहले पाकिस्तान के बलुचिस्तान प्रांत में हुए आत्मघाती हमले में तालिबान प्रमुख अखुंदाजाद के भाई की हत्या की गई थी| इन हमलों की वजह से अमरिका और तालिबान की बातचीत रद्द होने के कडे आसार थे|

लेकिन, तालिबान ने अफगानिस्तान में हुए हमलों का निषेध करके इन हमलों से अपना संबंध नही है, यह घोषित किया| साथ ही अमरिका के साथ बातचीत तय समय पर होगी, यह जानकारी भी तालिबान के प्रवक्ता ने दी थी| इसके अनुसार कतार में हुई यह बातचीत कामयाब होने का ऐलान तालिबान ने किया है| अफगानिस्तान से अमरिका अपनी पूरी सेना हटाए, यह तालिबान की प्रमुख मांग थी| साथ ही वर्तमान की अफगान सरकार अमरिका के हाथ की कठपुतलि है और हमें यह सरकार मंजूर नही है, यह ऐलान भी तालिबान ने पहले किया था| इन दोनों मुद्दों पर तालिबान को अपनी भुमिका सौम्य करनी पडी है, यह दिख रहा है|

अपनी मांगों के अनुसार अगले १५ से २४ महीनों में अफगानिस्तान में तैनात अपनी सेना अमरिका पूरी तरह से पीछे लेगी, ऐसा तालिबान ने कहा है| लेकिन, यह सेना की पूरी तरह से वापसी नही होगी, ऐसा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किए वक्तव्य से स्पष्ट हो रहा है| साथ ही अफगान प्रतिनिधि के साथ राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी की सरकार से बातचीत करने की तैयारी भी तालिबान ने दिखाई है| यह संतोष की बात है, यह कहकर अमरिका के अफगानिस्तान में नियुक्त राजदूत ने शांति स्थापित होने का मार्ग खुला होने की बात कही है|

इस वजह से २८ सितंबर के दिन अफगानिस्तान में हो रहा राष्ट्राध्यक्ष पद का चुनाव शांति में होगा, यह आसार दिखाई देने लगे है| लेकिन, तालिबान ने हिंसा रोकी हो फिर भी ‘आईएस’ ने अफगानिस्तान में काफी खूनखराबा करने का सत्र शुरू किया है| साथ ही अफगानिस्तान से सेना की वापसी करने संबंधी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किए निर्णय को अमरिकी प्रशासन और लष्करी अधिकारियों का विरोध है| अमरिका के राष्ट्रीय हित के प्रति यह निर्णय लाभदायी नही होगा, यह इशारा वरिष्ठ अधिकारी दे रहे है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.