‘अल-शबाब’ विरोधी कार्रवाई के लिए अमेरिका सोमालिया में पांच सैन्य अड्डों का निर्माण करेगी

वॉशिंग्टन/मोगादिशू – रशिया और सोमालिया ने पिछले साल मई महीने में रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया था। इस समझौते के माध्यम से रशिया सोमालिया को हथियारों की आपूर्ति करने के साथ वहां सैन्य तैनाती करेगी, ऐसे संकेत भी दिए गए हैं। इस पृष्ठभूमि पर अमेरिका सोमालिया में फिर से सक्रिय हुई हैं और वहां पांच सैन्य अड्डों का निर्माण करने की तैयारी भी अमेरिका ने की है। सोमालिया की सेना के लिए इन सैन्य अड्डों का निर्माण होगा, ऐसा दावा अमेरिकी सूत्रों ने किया है।

अमेरिका और सोमालिया ने गुरुवार के दिन सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अनुसार अमेरिका सोमालियन सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। ‘अल-शबाब’ विरोधी कार्रवाई के लिए अमेरिका सोमालिया में पांच सैन्य अड्डों का निर्माण करेगीइसमें आतंकवादी संगठन अल-शबाब के विरोधी अभियान के लिए सहायता करने का भी समावेश है। पांच नए सैन्य अड्डों को निर्माण करना भी उसी का हिस्सा होने की बात अमेरिका कह रही है।

इससे पहले अमेरिका और सोमालिया ने किए समझौते के तहत वर्ष २०१७ में ‘दनाब ब्रिगेड’ का निर्माण किया गया था। तीन हजार सोमालियन सैनिक इस ब्रिगेड का हिस्सा थे और उन्हें अमेरिकी सेना ने प्रशिक्षित किया है। अल शबाब के खतरे के विरोध में ‘क्विक रिस्पान्स फोर्स’ के तौर पर ‘दनाब ब्रिगेड’ का निर्माण किया गया था। अमेरिका बना रही नए अड्डे भी ‘दनाब ब्रिगेड’ के अड्डे के तौर पर काम करेंगे, ऐसा कहा जा रहा है।

‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ यानी अफ्रीकी महाद्विप के ईशान्य ओर स्थित सोमालिया में अल-शबाब फिर से मज़बूत होने का दावा अमेरिका कर रही हैं। अमेरिकी गुप्तचर यंत्रणा एवं संयुक्त राष्ट्र संगठन ने जारी किए रपट में भी अल-शबाब के बढ़ते खतरे को रेखांकित किया गया है। ‘अल-शबाब’ विरोधी कार्रवाई के लिए अमेरिका सोमालिया में पांच सैन्य अड्डों का निर्माण करेगीपिछले साल सोमालिया में स्थित युगांडा के सैन्य ठिकाने पर किए गए हमले के अलावा सोमालियन सेना पर हो रहे हमलों की ओर इस रपट में धअयान आकर्षित किया गया है।

वर्ष २००६ से अल-शबाब सोमालिया की पश्चिमी समर्थक हुकूमत को हटाने की कोशिश में लगी है। सोमालिया की सरकार बचाने के लिए अफ्रीकी महासंघ ने इस देश में अपनी सैन्य तैनाती की थी। अफ्रीकी महासंघ के कम से कम २० हजार सैनिक ‘अफ्रीकन यूनियन ट्रांजिशन मिशन इन सोमालिया’ (एटीएमआईएस) के तहत तैनात हैं। इनमें युगांडा सहित बुरुंड़ी, जिबौती, इथियोपिया और केनिया जैसे पड़ोसी अफ्रीकी देशों के सैनिक भी हैं।

दूसरी ओर रशिया सोमालिया में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही हैं और पिछले साल किया गया रक्षा समझौता उसी का हिस्सा समझा जा रहा है। अल-शबाब विरोधी कार्रवाई के लिए रशिया सोमालियन सेना को हथियारों की आपूर्ति करेगी। साथ ही सोमालिया के ‘बरबेरा’ बंदरगाम में अपने सेना तैनात करने पर रशिया जोर दे रही हैं और सोमालिया ने इसके लिए तैयारी दर्शाने के दावे भी किए जा रहे हैं। इस माध्यम से रेड सी के क्षेत्र की समुद्री यातायात पर नज़र रखना रशिया के लिए आसान हो सकता है। लेकिन, इसका इस्तेमाल रशिया को अमेरिका की सैन्य गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भी हो सकता हैं। इस पृष्ठभूमि पर अमेरिका ने सोमालिया में पांच नए सैन्य अड्डे निर्माण करने की तैयारी करना अहमियत रखता है।

 

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